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GuestTeacher Archives - Yuva Haryana
Tag: GuestTeacher
May 7, 2018 Yuva HaryanaLeave a Comment on गेस्ट टीचरों की दुत्कार झेल रही कांग्रेस, अशोक तंवर को दिखाई चप्पल
Yuva Haryana Karnal, 7 May, 2018 करनाल में पिछले 8 दिनों से चल रहा गेस्ट टीचरों का अनशन खत्म हो गया है, लेकिन अनशन खत्म होने के पहले दिन यहां कांगेस की जमकर ककिरकिरी हुई। दरअसल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर एक मीटिंग के बाद गेस्ट टीचरों के धरने पर समर्थन देने पहुंचे थे, […]
May 6, 2018 Yuva HaryanaLeave a Comment on INLD से सांसद दुष्यंत चौटाला के बाद कांग्रेस की किरण चौधरी ने दिया गेस्ट टीचर्स को समर्थन
एक बार फिर गेस्ट टीचर्स का आंदोलन बड़ा बनता जा रहा है। इस बार भी सीएम सिटी करनाल में गेस्ट टीचर धरने पर बैठे है जिसमें अपनी-अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए राजनैतिक लोगों ने आना शुरू कर दिया है। पहले तो इनेलो सांसद दुष्यंत धरने पर पहुंचे और पार्टी का समर्थन गेस्ट टीचरों को […]
May 5, 2018 May 5, 2018 Yuva Haryana1 Comment on गेस्ट टीचर्स ने निकाली शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा की शव यात्रा
गेस्ट टीचर लगातार अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे है। कभी भुख हड़ताल कर तो कभी महिला टीचर द्वारा अपना मुंडन करवाना। लेकिन अब अपनी मांगो के लेकर गेस्ट टीजर ने कक्षाओं का पूर्ण बहिष्कार करके करनाल हुड्डा सेक्टर-12 ग्राउंड में इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के बैनर […]
May 3, 2018 Yuva HaryanaLeave a Comment on अतिथि अध्यापकों ने खून से लिखा पत्र, 21 अध्यापकों ने मांगी इच्छा मृत्यु
Kamarjeet Virk, Yuva Haryana Karnal, 3 May, 2018 करनाल में मुख्यमंत्री आवास के सामने धरने पर बैठे गेस्ट टीचरों ने अब प्रधानमंत्री को खून से पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। आज करनाल में गेस्ट टीचरों के धरने का पांचवां दिन है, आज 21 महिला टीचरों ने खून से मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रधानमंत्री और […]
May 2, 2018 Yuva Haryana1 Comment on अतिथि अध्यापकों से मिले दुष्यंत चौटाला, मनोहर सरकार को सुनाई खरी-खरी
Kamarjeet Virk, Yuva Haryana Karnal, 2 May, 2018 करनाल के सेक्टर 12 में चल रहे अतिथि अध्यापकों के धरने पर हिसार से इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला पहुंचे। यहां पर उन्होने अतिथि अध्यापकों को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। अतिथि अध्यापकों के बीच पहुंचे सांसद चौटाला ने कहा कि धरने को इनेलो पार्टी का […]
April 29, 2018 April 29, 2018 Yuva Haryana1 Comment on गेस्ट टीचरों से किया वादा अभी अधूरा, पूरा करवाने के लिए करनाल में भरी हुंकार
Kamarjeet Virk, Yuva Haryana Karnal, 29 April, 2018 एक बार फिर से प्रदेश के अतिथि अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और इस बार यह अतिथि अध्यापक सरकार की वादा खिलाफी से खफा है क्योंकि सरकार ने इनसे इनकी मांगों को मानने का वादा किया था लेकिन वादा पूरा नहीं किया है। करनाल सेक्टर […]
गेस्ट टीचर सरकार की वादाख़िलाफी से नाराज होकर 29 अप्रैल से शुरू करेगें आमरण अनशन
April 26, 2018 Yuva HaryanaLeave a Comment on गेस्ट टीचर सरकार की वादाख़िलाफी से नाराज होकर 29 अप्रैल से शुरू करेगें आमरण अनशन
Yunus Alvi, Yuva Haryana सरकार द्वारा अतिथि अध्यापकों को बार-बार नियमित करने का आश्वासन देने के बाद नियमित ना करने से अध्यापकों में भारी रोष है। अध्यापकों ने चेतावनी दी है अगर सरकार ने उनको पक्का करने के आदेश 28 अप्रैल तक जारी नहीं किए तो 29 अप्रैल से करनाल में आमरण अनशन शुरू किया […]
March 23, 2018 March 23, 2018 Yuva HaryanaLeave a Comment on अतिथि अध्यापकों पर मेहरबान हुई मनोहर सरकार,14 हजार अतिथियों को समान काम-समान वेतन मिलेगा
Yuva Haryana Chandigarh, 23 March, 2018 हरियाणा में लंबे समय से अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे अतिथि अध्यापकों को मनोहर सरकार ने सौगात दी है. अब प्रदेश के करीब 14 हजार अतिथि अध्यापकों को समान काम, समान वेतन मिलने वाला है। अतिथि अध्यापकों को समान काम समान वेतन देने संबंधित फाइल मुख्य सचिव डीएस […]
March 17, 2018 March 17, 2018 Yuva HaryanaLeave a Comment on विजिलेंस जांच रिपोर्ट में खुलासा, रोहतक, गुरुग्राम और हिसार में हुए 1500 से ज्यादा फर्जी एडमिशन
विजिलेंस की टीम ने सरकारी स्कूलों में 4 लाख फेक एडमिशन दिखाने के मामले में पंजाब हरियाणा हाइकोर्ट में रोहतक गुरुग्राम और हिसार से जुड़ी जांच रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन जिलों में 1500 से ज्यादा एडमिशन फर्जी पाए गए हैं। हाइकोर्ट ने 2 अप्रेल तक FIR दर्ज कर […]
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फरवरी 7, 2018 Strategy For Binary Options Trading लेखक बालार्क द्विवेदी 42039 आगंतुकों
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इन संकेतकों के आधार पर, एक डाउन लेनदेन निष्कर्ष निकाला गया है:
रोजर्स का कहना है कि गोल्डमैन और एआईजी के लिए यह एक बड़ी समस्या है, जिनकी कम वस्तुओं और उच्च सांद्रता है। उनकी अनुक्रमणिका में 36 वस्तुओं शामिल हैं। शायद एकमात्र कमोडिटी बेंट वाले सक्रिय प्रबंधकों को सबसे ज्यादा फायदा हो सकता है। ग्रेशम इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट का मूर्त संपत्ति कार्यक्रम 1 9 87 में उद्योग के किंवदंती हेनरी जारेकी द्वारा लॉन्च किया गया था। यह वर्तमान में 18 अलग-अलग वस्तुओं को आवंटित करता है और जीएससीआई और डीजेएआईजी को लॉन्च होने के बाद बेहतर प्रदर्शन करता है। यह इंडेक्स फंड बनाम लाभ का दावा करने का दावा करता है क्योंकि इसे रोल सम्मेलनों के लिए नियम प्रकाशित नहीं करना पड़ता है जो व्यापारियों को इंडेक्स फंड का लाभ लेने की अनुमति देते हैं।
समझ कैसे द्विआधारी विकल्प में व्यापार करने ट्रेडिंग बाजार द्विआधारी विकल्प मूल्य लड़ाई रणनीति पूरक आय में मदद कर सकते हैं बनाने मिलना समाप्त होता है पर व्यावहारिक जानकारी। हजारों लोग अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार करने के तरीके खोजने के लिए प्रयास करें। जब आप विश्वास कर दिया है कि द्विआधारी विकल्प दृष्टिकोण अपनी आय के पूरक के लिए हो सकता है, आपको कुछ महत्वपूर्ण सुझाव के लिए पर पढ़ा होगा। ये वोल्टेज संकेतक काफी कॉम्पैक्ट हैं।और उपयोग करने में आसान है। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि वे विश्वसनीय और संचालित करने में आसान हैं। रेंज मापने के विभिन्न उपकरणों। मापने वाली छड़ें हैं जो 1000 वोल्ट से ऊपर उच्च वोल्टेज की उपस्थिति का संकेत दे सकती हैं।
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अगला लेख - विदेशी मुद्रा डेमो ट्रेडिंग खाते के साथ अभ्यास
3 विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सॉफ्टवेयर
9 विदेशी मुद्रा नौकरियां फोरम
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बसपा नेता ठाकुर बेदन सिंह व सतबीर चंदीला अपने समर्थकों सहित भाजपा में हुए शामिल | News NCR
Wed, 17 Jul 2019 08:35:52 AM
Home Faridabad बसपा नेता ठाकुर बेदन सिंह व सतबीर चंदीला अपने समर्थकों सहित भाजपा...
बसपा नेता ठाकुर बेदन सिंह व सतबीर चंदीला अपने समर्थकों सहित भाजपा में हुए शामिल
न्यूज़ एनसीआर, 08 मई-फरीदाबाद | केंद्रीय राज्यमंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर को आज उस समय बड़ा राजनैतिक बल मिल गया, जब बसपा नेता ठाकुर बेदन सिंह ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पुन: भाजपा में शामिल हो गए। इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने ठाकुर बेदन ठाकुर को पार्टी का पटका पहनाकर उनका स्वागत किया और उन्हें विश्वास दिलाया कि पार्टी में उन्हें पूरा मान सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ कारणों से वह भाजपा से दूर चले गए थे परंतु आज फिर से वह पार्टी में आए है, उनका स्वागत है। वहीं कल इस्माईलपुर में आयोजित भाजपा विजय संकल्प रैली में फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़े सतबीर चंदीला अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में आस्था जताते हुए पार्टी में शमिल हो गए। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने चंदीला व उनके समर्थकों को विश्वास दिलाया कि उन्हें पार्टी में पूरा मान सम्मान दिया जाएगा।
सरोज वाटिका में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि यह चुनाव देश की सुरक्षा व अखंडता से जुड़ा है, एक तरफ देश का हित रखने वाले नरेंद्र मोदी है, जबकि दूसरी तरफ भ्रष्टाचारियों का भानू मति का कुनबा है, जो देश को बांटने पर तुला हुआ है। अब फैसला जनता को करना है कि वह देश को मोदी जैसे मजबूत हाथों में सौंपना चाहते है या फिर भ्रष्टाचारियों के हाथों में। उन्होंने कहा कि पांच सालों में भारत ने विश्व में जो मुकाम हासिल किया है, उसने हर भारतीय का सिर गर्र्व से ऊंचा हुआ है इसलिए लोग एकजुट होकर देश को मजबूत रखने के लिए भाजपा के पक्ष में मतदान करके मोदी को मजबूत करने का काम करें।
इस अवसर पर भाजपा में शामिल हुए ठाकुर बेदन सिंह ने कहा कि भाजपा ने पांच सालों में देश व प्रदेश का समुचित विकास करवाकर एक नया इतिहास रचने का काम किया है। उन्होंने गुर्जर को विश्वास दिलाया कि एनआईटी क्षेत्र से एक-एक कार्यकर्ता स्वयं कृष्णपाल गुर्जर बनकर उनके लिए प्रचार प्रसार उन्हें भारी मतों से विजयी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि पूरे 9 विधानसभा क्षेत्रों में से एनआईटी क्षेत्र में उन्हें सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे। उन्होंने कहा कि आज उनकी पुन: भाजपा में घर वापसी हुई है और अब वह ताउम्र भाजपा में रहकर पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे।
इस अवसर पर एनआईटी के विधायक नगेंद्र भड़ाना, पूर्व चेयरमैन सुरेंद्र तेवतिया, हरेंद्रपाल राणा, भाजपा लोकसभा की संयोजक श्रीमती नीरा तोमर, पार्षद बीर सिंह नैन, कुंवर बैजू ठाकुर, धर्मबीर खटाना, क्षत्रिय सभा के प्रधान राजेश रावत, ऋषि चौधरी, मुकेश डागर, ठाकुर अनिल प्रताप सिंह, राजकुमार वोहरा, डा. सुरेंद्र दत्ता, भूपेश रावत, भूरी नैन, दिलीप सिंह, संदीप शर्मा पन्हेडा, सतीश फागना, कौराली के सरपंच खेमी ठाकुर, अंगद चौरसिया, डा. आर.एन. सिंह, मदन जांगड़ा, पाले सिंह रावत, मास्टर कैलाश यादव, कंवर प्रदीप सिंह, ठाकुर बिशम्बर सिंह राणा, बाबूलाल प्रधान, शहीद खान सरपंच, प्रमोद सिंह तोमर, सुरेंद्र शर्मा, धर्मबीर सिंह, विश्राम सिंह, ठाकुर भूदेव सिंह, राकेश यादव सहित अनेकों गणमान्य लोग मौजूद थे।
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फरीदाबाद के हर्ष सौरोत ने 10 और 50 मीटर एयर पिस्टल...
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अलीगढ़ में भैंस काटने पर 6 लोगों की पिटाई, पीड़ित गिरफ्तार, हमलावर फ़रार - The Siasat Daily
अलीगढ़ में भैंस काटने पर 6 लोगों की पिटाई, पीड़ित गिरफ्तार, हमलावर फ़रार
May 12, 2017, 10:12 PM IST Khaas Khabar, Uttar Pradesh
अलीगढ़ के गांधी पार्क इलाके में एक डेयरी में भैंस काटे जाने का आरोप लगाकर कथित गोरक्षकों ने कुछ लोगों की जमकर पिटाई कर दी। बताया जा रहा है कि डेयरी के अंदर से खून निकलता देख लोगों की भीड़ वहां जमा हो गई। इसके बाद डेयरी के अंदर मौजूद लोगों को खींचकर बाहर निकाला गया और फिर उनकी सरेआम जमकर पिटाई की गई।
पिटाई से वहां मौजूद 6 लोग जख्मी हो गए। गोरक्षकों ने पुलिस की मौजूदगी में लोगों की पिटाई की। पुलिस ने डेयरी मालिक कल्लू उर्फ सुनील समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि पिटाई करने वालों में से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। फुटेज ने दिखाया कि हमलावरों ने एक व्यक्ति को लात मार दी।
डेयरी मालिक कलू बाघेल ने कहा कि भैंस बीमार थी और दूध नहीं दे रही थी इसलिए उसने इमरान नामक मवेशी व्यापारी को इसे बेच दिया था। स्थानीय पुलिस प्रमुख राजेश कुमार पांडे ने कहा कि जांच निर्धारित करेगी कि भैंस की मृत्यु कैसे हुई। उन्हें जानवरों के साथ क्रूरता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और आगे के आरोप पोस्टमार्टम रिपोर्ट के परिणाम पर निर्भर करेगा।
हमलावरों में से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है क्योंकि पुलिस को पीडि़तों से औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। गिरफ्तार किए गए पुरुष दलित जाति से है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ इस उद्योग पर कड़ी कार्रवाई की है। अधिकारियों का कहना है कि वे बिना लाइसेंस वाले बूचड़खानों को लक्षित कर रहे हैं।
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इस गेम के लिए इतनी दीवानगी की खर्च कर दिए 10 लाख डॉलर | Hindi News Live, Breaking News In Hindi, हिंदी न्यूज़- UPUKLive
इस गेम के लिए इतनी दीवानगी की खर्च कर दिए 10 लाख डॉलर
मोबाइल गेम ‘गेम ऑफ वॉर’ में नहीं हारने के लिए एक आदमी नें 10 लाख डॉलर फूंक डाले। उसने अपनी कंपनी से 48 लाख डॉलर की चोरी करने की बात स्वीकार की है। इस पैसे को उसने मई 2008 से मार्च 2015 के बीच चुराया था। गेमिंग के अलावा इन पैसों से उसने लक्जरी कारें और सैनफ्रांसिस्को के लिए सीजन टिकट खरीदा व प्लास्टिक सर्जरी भी कराई।
इस गेम में नकली किलों को बनाना और ढहाना होता है। गेम का शौक पूरा करने के लिए उसने यह रकम अपनी कंपनी में चोरी करके जुटाई थी। केविन ली को सैक्रामेंटो में हैवी इक्विपमेंट कंपनी होल्ट कैलिफोर्निया में नियंत्रक के रूप में काम करता था। चर मारो की रिपोर्ट के अनुसार, यह दुनिया का सबसे लाभदायक गेमिंग ऐप है, जो रोजाना करीब 10 लाख डॉलर कमा रहा है। एक नियमित खिलाड़ी ने बताया कि यह एक जुआ की तरह है, जिसमें जीतने की कोई संभावना नहीं है। हालांकि, खेल पर 10 लाख डॉलर खर्च करना बेहद असामान्य है।
न्यूयॉर्क में संघीय अदालत ने केविन को चोरी के मामले का दोषी पाया है। खेल में खिलाड़ी शहरों और सैनिकों को बनाते हैं और फिर दूसरे शहरों पर हमला करते हैं। औसत एक खिलाड़ी खेल के उच्च स्तर के लिए आगे बढ़ रखने के लिए 550 डॉलर खर्च करता है।
Hindi News Live, Breaking News In Hindi, हिंदी न्यूज़- UPUKLive: इस गेम के लिए इतनी दीवानगी की खर्च कर दिए 10 लाख डॉलर
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Assumption College, Worcester, युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका
कैथोलिक परंपरा लिबरल कला
धारणा पर, हम विश्वास और कारण के बीच संबंधों के साथ महान गर्व के साथ खोज करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस 2,000 वर्षीय परंपरा में भाग लेने से, आज के छात्र वैज्ञानिकों, कलाकारों, लेखकों और दार्शनिकों की पीढ़ियों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने विषयों पर सच्चाई की खोज में लगे हुए हैं।
हम मानते हैं कि कैथोलिक बौद्धिक परंपरा हमारे समय के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक और उपयोगी हो सकती है, और एक समावेशी, खुले वातावरण में मन, शरीर और आत्मा के विकास को प्रोत्साहित करती है जहां सभी विश्वास परंपराओं की आवाज़ होती है।
सफलता की परंपरा
98% छात्र चार साल में अपनी डिग्री पूरी करते हैं
2017 की कक्षा का 94% नियोजित किया गया था, अतिरिक्त शिक्षा का पीछा किया गया था, या स्नातक स्तर के छह महीने के भीतर सामुदायिक सेवा में लगे हुए थे
2017 की कक्षा के 85% ने कम से कम एक इंटर्नशिप, शोध या अनुभवी सीखने का अवसर पूरा किया
दुनिया की जरूरतों को बनाने का तरीका
हमारे अद्भुत स्नातकों में से एक को बायोकैमिस्ट या पारिवारिक अदालत के न्यायाधीश या किसी अन्य व्यवसाय के रूप में अपने करियर में एक दशक से बात करें और आप पाएंगे कि हम मूल्य-आधारित शिक्षा पर जोर क्यों देते हैं - जो स्नातक को बौद्धिक कौशल और ताकत देता है चरित्र के जीवन के बड़े प्रश्नों को शामिल करने और अधिक अच्छे की ओर काम करने की आवश्यकता है।
हम आज के समर्पित संकाय और उनके पूर्ववर्तियों की एक लंबी लाइन का श्रेय देते हैं, हमारे संस्थापक, इमानुअल डी अल्ज़ोन के आह्वान के साथ, जिन्होंने हमें शिक्षाविदों से परे जाने और पूरे व्यक्ति को शिक्षित करने के लिए चुनौती दी। रोम में एक परिसर की स्थापना के लिए आप हमारे गतिशील ऑनर्स कार्यक्रमों के लिए नए रेसिडेंस हॉल के डिजाइन से, जो कुछ भी करते हैं, उसके हर पहलू में, छात्रों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, और जीवन पर हमारा जोर अच्छी तरह से रहते हैं।
हम पूर्व छात्रों, माता-पिता, नींव, और कॉर्पोरेट भागीदारों के प्रति कृतज्ञता का एक बड़ा ऋण भी देते हैं जो एक स्पष्ट धारणा शिक्षा को संभव बनाने में मदद करते हैं। केवल साझा लक्ष्यों और उम्र, संस्कृति, अनुशासन और विश्वास के मतभेदों के साथ मिलकर काम करके, क्या हम वास्तव में रास्ता ला सकते हैं।
कैथोलिक मूल्य और मजबूत अकादमिक
Assumption College , Assumption College के अगस्तिनियंस द्वारा प्रायोजित एक कैथोलिक संस्थान और कैथोलिक बौद्धिक परंपरा में निहित, महत्वपूर्ण बुद्धि, विचारशील नागरिकता और करुणामय सेवा के लिए जाने वाले स्नातकों को बनाने का प्रयास करता है। हम उदार कलाओं में आधारित पाठ्यक्रम और व्यावसायिक अध्ययन के क्षेत्र में विस्तार के माध्यम से इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का पीछा करते हैं। विश्वास और कारण की सद्भावना के कैथोलिक प्रतिज्ञान से उत्साहित, हमारा लक्ष्य है, सत्य की खोज करके, छात्रों के दिमाग और दिल को बदलने के लिए। धारणा विविधता का पक्ष लेती है और अपने लक्ष्यों को साझा करने वाले सभी का स्वागत करता है।
राष्ट्रपति से एक संदेश
कॉलेज चुनना सबसे महत्वपूर्ण निर्णय हो सकता है जिसे आपने कभी विचार करना है। आप पहले से ही कई अन्य संस्थानों से सामग्री प्राप्त कर चुके हैं, साथ ही परिवार और दोस्तों से विचारों और सिफारिशों को प्राप्त कर सकते हैं।
उज्ज्वल, प्रेरित छात्रों ने अनुमान लगाने में कई कारण हैं। जैसे-जैसे आप हमारी वेबसाइट का पता लगाते हैं, आपको हमारे उत्कृष्ट कार्यक्रमों और हमारे करीबी बुनाई समुदाय से संबंधित जानकारी का भरपूर धन मिल जाएगा। अभी के लिए, मैं उन तीन कारणों को साझा करना चाहता हूं जिनकी मैं संभावित छात्रों और उनके परिवारों को धारणा का वर्णन करते समय अक्सर उल्लेख करता हूं।
मजबूत व्यापार और पेशेवर कार्यक्रमों के साथ शीर्ष उदार कला कॉलेज।
हमारे छात्र ऐसे विषयों की एक श्रृंखला के संपर्क में आते हैं जो उनके दिमाग का विस्तार करते हैं और अपने महत्वपूर्ण सोच कौशल को बढ़ाते हैं क्योंकि वे नए विचारों, दुनिया को देखने के नए तरीके और प्रश्न पूछने के नए तरीकों पर विचार करते हैं। संकाय सदस्य अकादमिक रूप से उत्तेजक वातावरण बनाते हैं जो छात्रों को उनकी पूर्ण क्षमता प्राप्त करने के लिए चुनौती देता है क्योंकि वे अपने मूल्यों और जीवन के माध्यम से सोचते हैं। साथ ही, छात्रों को अनुमान पर सीखने वाले कौशल भी उन्हें सफल और पुरस्कृत करियर के लिए तैयार करते हैं।
कैथोलिक बौद्धिक परंपरा, कॉलेजों के बीच अद्वितीय।
आकस्मिक परंपरा में हम बौद्धिक, सामाजिक और व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करते हैं। हम मानव अनुभव के एक अभिन्न अंग के रूप में धर्म और विश्वास को गंभीरता से लेते हैं। हम ऐसे प्रश्नों का पता लगाते हैं जो मानव हृदय की गहरी इच्छाओं को प्राप्त करते हैं और सत्य की खोज में विश्वास और कारण की भूमिका को पहचानते हैं। हमारे छात्रों को उन विचारों का सामना करना पड़ता है जिन्होंने दुनिया भर में एक ईसाई दृष्टिकोण के गठन में योगदान दिया है जो फ्रे द्वारा कल्पना की गई शिक्षा के प्रकार को दर्शाता है। Assumptionists के संस्थापक Emmanuel डी Alzon। छात्र जो भी विश्वास रखते हैं, हम मानते हैं कि धारणा अनुभव व्यक्तिगत आध्यात्मिक विकास और मूल्यों के एक समूह के विकास के अवसर प्रदान करता है जो छात्रों को दूसरों के लिए सेवा में अपने ज्ञान का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। यह एक ऐसा माहौल है जो बौद्धिक रूप से चुनौतीपूर्ण है, व्यक्तिगत रूप से पुरस्कृत और आध्यात्मिक रूप से पूरा करता है।
एक जगह जहां लोग एक-दूसरे के लिए देखते हैं।
जब आप धारणा चुनते हैं, तो आप पूरे समुदाय में दयालु, मित्रवत लोगों से व्यक्तिगत ध्यान प्राप्त करने पर भरोसा कर सकते हैं। संकाय, प्रशासक, कर्मचारी, धार्मिक, और छात्र सभी यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करते हैं कि यहां हर कोई मूल्यवान और समर्थित है। धारणा काफी छोटी है ताकि लोग छात्रों को व्यक्तियों के रूप में जान सकें, और छात्रों के लिए विभिन्न अवसरों को ढूंढने के लिए काफी बड़ा हो। कक्षा के अंदर और बाहर के अनुभव छात्रों के "व्यक्तिगत कंपास" को आकार देने में मदद करते हैं और बौद्धिक, सामाजिक और व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करते हैं।
यदि ये विशेषताएं आप जो खोज रहे हैं उसे प्रतिबिंबित करते हैं, तो मैं आपको हमारी साइट का पता लगाने और हमारे बारे में अधिक जानने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। मुझे आशा है कि आप अनुमान के सुंदर परिसर में जाने और उन लोगों से मुलाकात करने पर विचार करेंगे जो हमारे समुदाय को इतना खास बनाते हैं। धारणा में आपकी रूचि के लिए धन्यवाद।
फ्रांसेस्को सी सेसरियो, पीएच.डी.
देखना MBA » देखना Health Bachelor » देखना Bachelor »
Assumption College में बिजनेस स्टडीज विभाग एक अंशकालिक एमबीए प्रोग्राम प्रदान करता है जो कामकाजी पेशेवरों के लिए डिज़ाइन किया गया है, साथ ही हाल ही में कॉलेज के स्नातकों ... [+]
Assumption College में बिजनेस स्टडीज विभाग एक अंशकालिक एमबीए प्रोग्राम प्रदान करता है जो कामकाजी पेशेवरों के लिए डिज़ाइन किया गया है, साथ ही हाल ही में कॉलेज के स्नातकों के लिए एक बिजनेस डिग्री के साथ पूर्णकालिक त्वरित एमबीए प्रदान करता है। इसके अलावा, हम हेल्थकेयर मैनेजमेंट में एक विशेष एमबीए और बिजनेस में एडवांस्ड ग्रेजुएट स्टडी (सीएजीएस) का प्रमाणपत्र प्रदान करते हैं। हमारे कार्यक्रमों के स्नातक समाज के निजी, गैर-लाभकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों के नेताओं के रूप में अग्रिम और सफल होने के योग्य हैं।... [-]
युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका , Worcester
14 - 60 महीने
01609 Worcester, Massachusetts, युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका
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Congress candidates have made the battle interesting by their collision - आतिशी के सामने ‘आपका लवली’ - Jansatta
सेहत की थाली हुई महंगी
मोदी और शाह संभालेंगे मंच
आतिशी के सामने ‘आपका लवली’
1980 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले भी दिल्ली से कोई भी सिख उम्मीदवार संसद के निचले सदन, लोकसभा में नहीं पहुंचे थे। केंद्र में 1977 में बनी जनता पार्टी सरकार के गिरने के बाद नई संसद चुनने के लिए 1980 में लोकसभा चुनाव हुए थे।
आशीष दुबे Published on: April 29, 2019 1:46 AM
1980 में दक्षिण दिल्ली से चरणजीत सिंह कांग्रेस की टिकट पर सांसद चुने गए थे।
दिल्ली में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अब आमने-सामने हैं। मतदान का दिन करीब आने के साथ चुनाव प्रचार का तापमान भी बढ़ गया है। पूर्वी दिल्ली सीट पर आप और कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी टक्कर से जंग को रोचक बना दिया है। आम आदमी पार्टी की आतिशी के सामने खड़े अरविंदर सिंह लवली ने अपने प्रचार का आधार यही बनाया है कि वे पूर्वी दिल्ली के बाशिंदे हैं। उनका कहना है कि पहली बार किसी पार्टी ने पूर्वी दिल्ली को वहां का रहनेवाला उम्मीदवार दिया है। इसलिए मतदाताओं के लिए उन्होंने अपना नारा भी ‘आपका लवली’ बनाया है। पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर भाजपा-कांग्रेस-‘आप’ की त्रिकोणीय लड़ाई में अगर अरविंदर सिंह लवली जीते, तब यह 40 साल बाद दिल्ली से किसी सिख के लोकसभा में पहुंचने का इतिहास बनेगा।
1980 में दक्षिण दिल्ली से चरणजीत सिंह कांग्रेस की टिकट पर सांसद चुने गए थे। चरणजीत सिंह ने तब जनता पार्टी के कद्दावर नेता रहे प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा को हराया था। राजनैतिक जानकार मानते हैं करीब 12-14 फीसद पंजाबी और सिख आबादी वाली दिल्ली में मौजूदा लोकसभा चुनाव में लवली ही एकमात्र सिख उम्मीदवार हैं। पूर्वी दिल्ली के स्थानीय निवासी होने के अलावा इलाके समेत पूरी दिल्ली की पकड़ लवली की दावेदारी को मजबूत करती है। दिल्ली के शिक्षा, राजस्व, शहरी विकास, ट्रांसपोर्ट व पर्यटन मंत्री के रूप में जिम्मेदारी निभा चुके लवली चुनाव प्रचार में भी दिल्ली की राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी साबित हो रहे हैं।
पदयात्रा, जनसभा और जनसंपर्क में भीड़ और लोगों में उनसे मिलने का जज्बा काम आ रहा है। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही उनका राजनीति की तरफ रुझान हो गया था। वे भीमराव आंबेडकर कॉलज के अध्यक्ष के अलावा 1992-96 तक एनएसयूआइ के महासचिव भी रहे हैं। 1980 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले भी दिल्ली से कोई भी सिख उम्मीदवार संसद के निचले सदन, लोकसभा में नहीं पहुंचे थे। केंद्र में 1977 में बनी जनता पार्टी सरकार के गिरने के बाद नई संसद चुनने के लिए 1980 में लोकसभा चुनाव हुए थे।
उस चुनाव में कांग्रेस ने दक्षिण दिल्ली से अपने उम्मीदवार के रूप में चरणजीत सिंह को उतारा था। राजनीतिक हलकों में नया नाम होने के बावजूद चरणजीत सिंह तब जीत दर्ज कर संसद पहुंचे थे। हालांकि 1999 में सरदार मनमोहन सिंह ने दक्षिण दिल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। तब वे भाजपा के वीके मल्होत्रा से चुनाव हार गए थे। 2014 लोकसभा चुनाव में पश्चिमी दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी ने जरनैल सिंह को उम्मीदवार बनाया था। जरनैल सिंह भी चुनाव हार गए थे।
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जम्मू एवं कश्मीर मुठभेड़ में 1 आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद - Rajpath News
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जम्मू एवं कश्मीर मुठभेड़ में 1 आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद
श्रीनगर : जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले के एक गांव में मंगलवार को घेराव और तलाशी अभियान के दौरान शुरू हुई मुठभेड़ में एक आतंकवादी को मार गिराया गया और भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
रत्नीपोरा इलाके में छिपे आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। अधिकारी ने कहा, शुरुआती गोलीबारी में तीन जवान घायल हो गए। उन्हें तुरंत सेना के अस्पताल में स्थानांतरितकर दिया गया।
उन्होंने कहा, हालांकि, राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही बलजीत सिंह और 10 पैरा रेजिमेंट के नाइक सईद ने दम तोड़ दिया, जबकि हवलदार चंदर पाल अब भी अस्पताल में हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा, अब तक एक आतंकवादी को मारा जा चुका है।
उन्होंने कहा कि कम से कम दो और आतंकवादी अब भी छिपे हैं और दोनों तरफ से गोलीबारी जारी है। मुठभेड़ की खबर फैलते ही युवाओं ने अभियान को बाधित करने के लिए सुरक्षाबलों के साथ संघर्ष शुरू कर दिया।
जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। जम्मू क्षेत्र के बनिहाल और कश्मीर घाटी के बीच रेल सेवाओं को भी एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया है।
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CNG prices in NCR hiked by 90 paisa per kg | CNG और कुकिंग गैस के दाम बढ़े, रात में मिलती रहेगी सस्ती CNG
बिज़नेस न्यूज़ » Economy » PolicyCNG और कुकिंग गैस के दाम बढ़े, रात में मिलती रहेगी सस्ती CNG
CNG और कुकिंग गैस के दाम बढ़े, रात में मिलती रहेगी सस्ती CNG
दिल्ली सहित नैशनल कैपिटल रीजन (NCR) में CNG और कुकिंग गैस के दाम बढ़े गए हैं।
Money Bhaskar | अंतिम अपडेट : April 01, 2018 09:56 PM IST
IGL ने बढ़ाए दाम
नई दिल्ली. दिल्ली सहित नैशनल कैपिटल रीजन (NCR) में CNG और कुकिंग गैस के दाम बढ़े गए हैं। जहां CNG के दाम 90 पैसे प्रति किलो बढ़ाए गए हैं, वहीं कुकिंग गैस के दाम 1.15 रुपए बढ़ाए गए हैं। सरकार की तरफ से नेचुरल गैस की इनपुट लागत में बढ़ोत्तरी के बाद ऐसा हुआ है।
दिल्ली और एनसीआर में CNG और पाइप्ड कुकिंग गैस आपूर्ति करने वाली कंपनी IGL ने जारकारी दी है कि दिल्ली में सीएनजी के दाम अब 40.61 प्रति किलो हो गए हैं। वही एनसीआर में यह दाम 47.05 रुपए प्रति किलो किए गए हैं। गैस के नए दाम लागू हो गए हैं। इसके अलावा रिवाड़ी में सीएनजी के दाम 95 पैसे प्रति किलो बढ़ाए गए हैं। यहां पर दाम 50.67 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 51.62 रुपए प्रति किलो हो गए हैं।
छूट मिलती रहेगी
IGL ने कहा है कि वह सीएनजी पर रात में साढ़े बारह बजे से लेकर सुबह साढ़े पांच बजे के बीच दाम में 1.50 रुपए प्रति किलो की दर से छूट जारी रखेगी। इस छूट के बाद दिल्ली में सीएनजी 39.11 रुपए प्रति किलो पर और एनसीआर में 45.55 रुपए प्रति किलो पर मिलेगी।
पाइप्ड गैस के ये हो गए हैं दाम
घरों में आपूर्ति वाली पाइप्ड गैस भी महंगी हुई है। इसके दाम दिल्ली में 25.99 रुपए प्रति scm से बढ़कर 27.14 रुपए प्रति scm हो गए हैं। वहीं एनसीआर में यह दाम बढ़कर 28.84 रुपए प्रति scm हो गए हैं। रिवाड़ी में यह दाम बढ़कर 28.78 प्रति scm हुए हैं।
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पाकिस्तान में महिलाओं की समस्याओं का हल अब बेटी ऐप से होगा | Problems of women in Pakistan will now be solved with Beti App | world - News in Hindi - हिंदी न्यूज़, समाचार, लेटेस्ट-ब्रेकिंग न्यूज़ इन हिंदी
Updated: February 19, 2020, 1:13 PM IST
पाकिस्तानी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाले 'बेटी ऐप' में महिलाओं के लिए हेल्पलाइन और जॉब सर्च की सुविधा भी होगी.
'बेटी ऐप' जल्दी ही कराची में लॉन्च किया जा रहा है. यह एप्लीकेशन एक पोर्टल के तौर पर काम करेगी, जो महिलाओं के अधिकारों, कानून, शिक्षा और स्कॉलरशिप के बारे में घर बैठे जानकारी उपलब्ध कराएगी.
Last Updated: February 19, 2020, 1:13 PM IST
पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक एप्लीकेशन (Application) तैयार करवाई जा रही है. यह उन्हें अपने स्मार्ट फोन पर वह सभी सहूलियतें देगी जिनके लिए उन्हें पहले या तो अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे या फिर इसके लिए अपने रिश्तेदारों पर निर्भर रहना पड़ता था.
'उर्दू न्यूज' के मुताबिक पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) की ओर से कहा गया है कि 'बेटी ऐप' जल्दी ही कराची में लॉन्च किया जा रहा है. यह एप्लीकेशन एक पोर्टल (Portal) के तौर पर काम करेगी जो महिलाओं के अधिकारों, कानून, शिक्षा और स्कॉलरशिप के बारे में घर बैठे जानकारी उपलब्ध कराएगी.
इसके अलावा इस एप्लीकेशन पर महिलाओं के लिए हेल्पलाइन (Helpline) और जॉब पोर्टल भी रहेगा. वहीं इसके जरिये अस्पतालों, शैक्षिक संस्थाओं, पुलिस स्टेशनों और हॉस्टल को भी सर्च किया जा सकेगा. इस बेटी प्रोजेक्ट के तहत महिलाओं को एक हेल्पलाइन भी मुहैया कराई जाएगी. इसके जरिये वे इस ऐप पर अन्य जानकारी भी हासिल कर सकेंगी. वहीं 'बेटी ऐप' सरकारी और निजी विभागों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू होने वाली सभी योजनाओं के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराएगा.
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First published: February 19, 2020, 1:13 PM IST
कोरोनावायरस को रोकने के लिए ड्रग तस्करों से बात करेंगे ब्राजील के मंत्री
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'सीनियर ने बनाया था होमोसेक्सुअल रिलेशन का दबाव, जांच नहीं हुई तो करूंगी सुसाइड', PSI देवेंद्र राठौड़ की विधवा | Ahmedabad PSI devendrasinh rathod death case: wife dimple rathod demands for CBI probe - Hindi Oneindia
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| Updated: Tuesday, May 14, 2019, 19:40 [IST]
Gujarat News, गांधीनगर। अहमदाबाद के बहुचर्चित पीएसआई आत्महत्या कांड (Ahmedabad: Suicide case of PSI) में मृतक की पत्नी की मांग पर पुलिस-प्रशासन की सांस फूल गई है। मृतक पीएसआई के घरवालों ने मांग की है कि सुसाइड करार दिए जाने के दावे से वे संतुष्ट नहीं है, जरूरी है कि इस केस जांच हो। मृतक की पत्नी का कहना है कि उसके पति ने आत्महत्या नहीं की, अब संभावित जांच में जिम्मेदार पाए जाने वाले अफसर को सजा दी जाए।
बहुचर्चित पीएसआई की मौत के मामले में घरवालों ने की ये मांग
मृतक की पत्नी ने यह भी कहा है कि अगर सरकार या पुलिस विभाग ने उसके पति को परेशान करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तो वह गांधीनगर में सचिवालय जाकर आत्महत्या कर लेगी। मृतक पीएसआई की पत्नी के इस कथन के बाद पुलिस-प्रशासन के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। बता दें कि, अहमदाबाद के चाणक्यपुरी में पीएसआई देवेंद्र सिंह राठौड़ मृत पाए गए थे। इस मामले में देवेंद्र सिंह राठौड़ के परिवार के सदस्यों ने कहा है कि डीवाईएसपी एनपी पटेल उनकी मौत के लिए जिम्मेदार हैं। इस आरोपी के खिलाफ पिछले पांच महीनों से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अत: हम मांग करते हैं कि इसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। पीएसआई की पत्नी ने कहा कि अगर मेरे पति के मामले में सात दिन के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो मैं सचिवालय जाऊंगी और आत्महत्या कर लूंगी।
पांच महीनों तक न्यायिक हिरासत में रहे पीएसआई की ऐसे हुई थी मौत
मृतक पीएसआई की पत्नी डिंपल राठौड़ ने अपने पति के आत्महत्या में मामले की जांच सेंट्रल ब्यूरो आॅफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) को सौंपने को कहा है। उन्होंने आगे कहा कि हम पिछले पांच महीनों में कई कार्यालयों में भटकते रहे हैं, लेकिन कहीं से हमको कोई जवाब नहीं मिला है। पिछले पांच महीनों में न्यायिक हिरासत में रहे पीएसआई देवेंद्र सिंह राठौड़ की पत्नी ने कहा कि अगर उन्हें सात दिनों के भीतर न्याय नहीं दिया जाता है, तो वह आत्महत्या कर लेगी। इसके साथ ही पीएसआई देवेंद्र सिंह राठौड़ का परिवार भी पुलिस आयुक्त कार्यालय में धरना देगा।
'मेरे पति पर होमोसेक्सुअल रिलेशन का दबाव बना रहा था पटेल'
डिंपल राठौड़ ने पुलिस अकादमी के डीवायएसपी एनपी पटेल पर अपने पति को प्रताड़ित किए जाने के आरोप लगाए। डिंपल राठौड़ ने कहा कि डीवायएसपी एनपी पटेल ने मेरे पति के साथ होमो-सेक्सुअल रिलेशन की मांग की थी। यह करने के लिये उसने मेरे पति को परेशान किया। मेरे पति ने उनकी मांग को ठुकराया, तो एनपी पटेल ने उन्हें सुसाइड करने के लिए बाध्य कर दिया। मेरे पति देवेंद्र सिंह ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखी थी। मेरे पति लंबे समय से चिंतित थे, जब मैंने मेरी छोटी बेटी की कसम दिलवाई तो उन्होंने मुझे सबकुछ बता दिया।
डिंपल ने बताया कि सुसाइड नोट में पति देवेंद्र सिंह राठौड़ ने क्या लिखा था?
डिंपल राठौड़ के मुताबिक, डीवायएसपी पटेल ने मेरे पति पीएसआई देवेंद्र सिंह राठौड़ को धमकी दी थी और कहा था कि मैं तेरा वेतन खा जाउंगा और तेरी नौकरी भी। इस पर मेरे पति एक चिट्ठी लिखी छोड़ गए थे। जिसमें उन्होंने लिखा था कि मेरे अधिकारी डीवायएसपी के करतूतों से परेशान होकर आत्महत्या कर रहा हूं।'
अब डिंपल ने सुसाइड नोट का जिक्र करते हुए कहा है कि गुजरात सरकार औऱ पुलिस विभाग को मेरे पति के अपमृत्यु केस में कुछ न कुछ कदम उठाने होंगे, वरना हम चुप बैठने वालों में से नहीं हैं।'
पढ़ें: पहले हुआ झगड़ा, फिर प्रेमी के बुलावे पर मिलने पहुंच गई, उसी के घर फंदे पर झूली तीन बच्चों की वह मां
ahmedabad crime justice crime branch gujarat अहमदाबाद गुजरात सीबीआई
Ahmedabad PSI devendrasinh rathod death case: wife dimple rathod demands for CBI probe
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रोचक जानकारी: भारत में ऐसे कई गांव हैं जिनके बारे में अजीबोगरीब कहानियां
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Head constable Chintaram dies in hardship during duty in Ghaziabad | गाजियाबाद में ड्यूटी के दौरान हेड कांस्टेबल चिंताराम की हार्ड अटैक से मौत
Thu Apr 09 2020 19:09:37 GMT+0530 (IST)
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गाजियाबाद में ड्यूटी के दौरान हेड कांस्टेबल चिंताराम की हार्ड अटैक से मौत
Special Coverage News | 10 Nov 2018 4:31 AM GMT | गाजियाबाद
गाजियाबाद जिले की जेल चौकी पर तैनात 45 वर्षीय हैड कॉन्स्टेबल चिंताराम की ड्यूटी पर गस्त के दौरान दिल का दौरा पढ़ने से मौत हो गई. उनकी मौत की खबर मिलते ही जिले की पुलिस शोक में डूब गई. मामले की जानकारी मिलते ही एसएसपी अस्पताल पहुंचे.
मसूरी थाना इलाके में स्तिथ जेल चौकी एरिया में रात्रि गस्त पर हैड कॉन्स्टेबल चिंताराम अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे थे.अचानक ड्यूटी के दौरान रात्रि में अचानक सीने में दर्द की शिकायत पर होस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
सिकंदराबाद निवासी हैड कॉन्स्टेबल चिंताराम लॉ एंड ऑर्डर के लिए मजबूत जवान माने जाते थे. हैड कांस्टेबल अपने अच्छे कार्य और हंसी खुशी के लिए जाने जाते थे. एक नेक और व्यवहार कुशल चिंताराम की मौत से पुलिस कर्मियों और पत्रकारों एव स्थानीय लोगो मे शोक की लहर दौड़ गई.
Tags: हेड कांस्टेबल चिन्ताराम सिपाही चिंताराम मौत गाजियाबाद पुलिस आईपीएस वैभव कृष्ण
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After pakistan objection, now asia cup to be played in malaysia -
Aug 24, 2017 8:34 amहिन्दी I English
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पाकिस्तान ने जताई आपत्ति, अब मलेशिया में खेला जाएगा एशिया कप
khaskhabar.com : रविवार, 13 अगस्त 2017 11:39 AM
बेंगलुरू। पाकिस्तान की आपत्ति के बाद अंडर-19 क्रिकेट एशिया कप टूर्नामेंट को बेंगलुरू से मलेशिया स्थानांतरित कर दिया गया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने भारत में इस टूर्नामेंट के आयोजन को लेकर आपत्ति जताई थी। इसके बाद टूर्नामेंट को स्थानांतरित किया गया। इसका आयोजन नवम्बर में होगा।
पीसीबी ने भारत तथा पाकिस्तान की सरकारों के बीच मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए भारत की यात्रा को लेकर संदेह जाहिर किया था। इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका की टीमों ने स्वाभाविक योग्यता हासिल की है और इसके अलावा कतर, सऊदी अरब, ओमान और बहरीन इसमें हिस्सा लेंगे। सूत्रों के अनुसार बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी ने स्थल बदलने पर आपत्ति नहीं जताई।
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विश्व चैंपियनशिप के प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंचे सायना और प्रणीत
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बेतिया में मां के साथ सोई 7 साल की मासूम के साथ किया दुष्कर्म | बेतिया में मां के साथ सोई 7 साल की मासूम के साथ किया दुष्कर्म - Dainik Bhaskar
बेतिया में मां के साथ सोई 7 साल की मासूम के साथ किया दुष्कर्म
बेतिया में मां के साथ सोई 7 साल की मासूम के साथ किया दुष्कर्म भास्कर न्यूज | बेतिया/मझौलिया मझौलिया थाना...
Jul 12, 2018, 04:30 AM IST
भास्कर न्यूज | बेतिया/मझौलिया
मझौलिया थाना क्षेत्र के शेख मंझरिया गांव में मंगलवार की रात एक सात वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का मामला आया है। पुलिस ने पीड़िता को इलाज के लिए एमजेके अस्पताल में भर्ती कराया है।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि मंझरिया की मासूम बच्ची अपनी मां के साथ सोई हुई थी। इसी क्रम में गांव के ही हरेंद्र कुशवाहा का 19 वर्षीय पुत्र मुन्ना कुशवाहा लड़की के पास पहुंचा। जब उसने देखा कि लड़की की मां सो रही है तो उसने लड़की का मुंह दबा दिया अाैर उसे अलग एक धान लगे खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद वह फरार हो गया। लकड़ी कुछ देर तक बेहोश रही। हाेश में अाने पर लड़की जोर-जोर से रोने लगी। उसने किसी तरह अपनी मां के पास पहुंचकर पूरे घटना की जानकारी दी। बच्ची के परिजन ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। इधर, थानाध्यक्ष रणधीर कुमार दलबल के साथ घटना स्थल पहुंचे अाैर मामले की पूरी पड़ताल की। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मासूम बच्ची को इलाज के लिए मझौलिया पीएचसी में भर्ती कराया।
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जरूरी है शांति और धैर्य | संपादकीय ब्लॉग
बमुश्किल दो साल के भीतर चार बड़े आंदोलन। पहले स्वामी रामदेव, फिर टीम अन्ना, फिर रामदेव और अब यह स्वत:स्फूर्त जनांदोलन.. सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर। इसके पहले कभी ऐसी स्थिति नहीं आई कि नई दिल्ली में धारा 144 लगाई जाए, जगह-जगह बैरिकेडिंग की जाए और शहर को छावनी में तब्दील कर दिया जाए। पर अब स्थिति यहां तक पहुंच गई तो लगता है कि पानी सिर से ऊपर गुजरने लगा है। भारत की जनता आसानी से अपना धीरज नहीं खोती। खराब से खराब स्थितियों में भी इसे अपना धीरज बनाए रखने के लिए जाना जाता है। इसने चरमसीमा तक महंगाई झेली और झेले जा रही है, बेरोजगारी झेल रही है, भ्रष्टाचार झेल रही है, आतंकवाद और अराजकता झेल रही है, लेकिन अब.. यह बहन-बेटियों की इज्जत पर हाथ डालना और उसमें भी दरिंदगी की सारी हदें पार कर जाना.. आखिर कहां तक कोई बर्दाश्त करेगा? बर्दाश्त की सारी हदें जब पार हो गई और नेताओं ने जनता के विश्वास की सारी हदें तोड़ दीं तो लोगों के पास चारा भी आखिर क्या था? वाकई अब तो न केवल सरकार, बल्कि व्यवस्था के साथ-साथ पूरा देश मुश्किल में फंस गया है।
Read:भरोसा तोड़ने वाली राजनीति
युवा भावनाओं के उबाल का यह दौर वास्तव में जिम्मेदार लोगों के धीरज और संयम की परीक्षा का दौर है। विपक्ष से लेकर सरकार तक सभी युवाओं के आक्रोश को सही ठहरा रहे हैं। किसी में इतना साहस नहीं है, जो अपना दामन बचाने के लिए औपचारिक तौर पर भी यह कहने का साहस जुटा सके कि युवाओं का इतना गुस्सा करना गलत है। कोई कहे भी कैसे? यह केवल किसी एक कारण से तो है नहीं। गौर से देखा जाए तो जो दरिंदगी हुई है, उसके पीछे भी केवल एक ही कारण नहीं है। इसके पीछे भी कई कारण हैं और इसके लिए जिम्मेदार सिर्फ वे दरिंदे ही नहीं हैं। यहां तक कि दरिंदों के साथ-साथ केवल पुलिस तक को भी जिम्मेदार ठहराने से काम नहीं चलेगा। असलियत यह है कि इसके लिए हमारी पूरी व्यवस्था जिम्मेदार है। इस व्यवस्था में पुलिस भी शामिल है, परिवहन विभाग, प्रशासन और शासन भी। असल में यह सबकी अनदेखी की प्रवृत्ति का नतीजा है। दिल्ली में दुष्कर्म अब कोई एक दिन की बात नहीं है। यहां आए दुष्कर्म की घटनाएं होती रहती हैं। कभी किसी युवती के साथ तो किसी नाबालिग लड़की के साथ। यहां तक कि अबोध बच्चियां और बुजुर्ग महिलाएं भी यहां सुरक्षित नहीं हैं। रास्ते, सार्वजनिक स्थलों और सुनसान जगहों की तो बात छोडि़ए, खुद अपने घरों में भी स्ति्रयां सुरक्षित नहीं हैं। बेशक, इसके लिए बहुत हद तक हमारे समाज का नजरिया जिम्मेदार है और इसका स्थायी समाधान भी इसके बदलने एवं सुधरने में ही निहित है। इसका यह मतलब भी नहीं कि हमारे समाज का हर पुरुष दुष्कर्मी मनोवृत्ति और स्त्री के प्रति उपभोक्तावादी नजरिया रखने वाला है। वास्तव में ऐसे लोग समाज में बहुत थोड़े से हैं, लेकिन उनके बेहिसाब हल्ले के बीच शरीफ लोगों की आवाज दब जाती है।
आम लोगों की आवाज दब इसलिए जाती है, क्योंकि वे उस तरह छल-प्रपंच नहीं कर सकते जैसे असामाजिक तत्व करते हैं। वास्तव में फरेब उनकी ही जरूरत भी है। शरीफ आदमी को न तो इसकी जरूरत होती है और न वह यह सब सीखता है। यही वजह है कि वह अक्सर इनके अत्याचार का शिकार होता रहता है। उसे अराजक तत्वों से बचाने के लिए ही सरकार की जरूरत होती है और सरकार अपना काम ठीक से कर सके, इसके लिए ही पुलिस-प्रशासन और उसके पूरे अमले की जरूरत होती है। अगर यह अमला ठीक से काम नहीं कर रहा है तो यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उसे समझा-बुझा कर या सख्ती करके रास्ते पर ले आए। यहां हालात बिलकुल उलट गए हैं। अराजक तत्व तो खुलेआम घूम-घूम कर वारदात कर रहे हैं और बेचारे आम जन डरे-सहमे केवल अपनी जान बचाने में लगे हैं। वह अपने धन-मान की रक्षा के लिए कहां जाएं, किससे गुहार लगाएं। पुलिस सुनती नहीं है, उसके बारे में आम धारणा यह है कि अपराधियों से मिली हुई है। इस धारणा को गलत साबित कर सके, ऐसी कोई घटना जल्दी सामने आती नहीं है। अपराधी कहीं से कुछ भी करके निकल जाते हैं और पुलिस उनका कुछ नहीं करती। यहां तक कि राष्ट्रीय राजधानी की व्यस्त सड़कों पर नियम-कानून की धज्जियां उड़ाती एक बस घंटों चलती रही, उसमें एक लड़की की इज्जत छह दरिंदे मिल लूटते रहे, उसके साथ वे वह सब करते रहे जिससे मनुष्यता तो क्या दानवता तक शरमा जाए और हमारी पुलिस सोती रही। आखिर है किसलिए यह पुलिस? अगर पुलिस की यही सीमा है तो फिर उसकी उपयोगिता और जरूरत क्या है? क्यों हम उसका बोझ उठाएं? वस्तुस्थिति यह है कि पुलिस केवल वीवीआइपी सुरक्षा का एक औजार बन कर रह गई है।
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सौ वर्ग गज की मौत
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मकारोनी और चीज़ (पनीर): Healthy Restaurant Foods in Hindi | आप रेस्तरां में भी खा सकते हैं पौष्टिक आहार | आहार व पोषण
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Hathkadh । हथकढ़: होने को फसल ए गुल भी है, दावत ए ऐश भी है
बारिशें नहीं होती इसलिए ये रेगिस्तान है। इसका दूसरा पहलू ये भी है कि ये रेगिस्तान है इसलिए बारिशें नहीं होती। एक ही बात को दो तरीके से कहा जा सके तो हमें ये समझ आता है कि हल कहीं इसी बात में ही छिपा हुआ है। अगर रेगिस्तान में कुछ पेड़ और पौधे बढ़ जाएँ तो यहाँ से गुज़रने वाले बादलों को रुकने के मौका मिल सकता है। वे बरस भी सकते हैं। उनके बरस जाने पर रेगिस्तान जैसी कोई चीज़ बाकी न रहेगी। मुझे ये खयाल इसलिए आया कि बुधवार को संसद में खाद्य सुरक्षा बिल प्रस्तुत कर दिया गया। यूपीए सरकार में इस बिल को लाने के प्रति बड़ी उत्सुकता थी। जिस तरह मनरेगा एक मील का पत्थर और जन कल्याणकारी योजना साबित हुई उसी तरह की आशा इस बिल के लागू होने से भी की जा रही है। इस पर काफी दिनों से चल रही खींचतान ने इसे भी कई लंबित योजनाओं में शामिल कर दिया था। ये आश्चर्य की कोई बात नहीं है कि गरीब और आम अवाम के लिए लाई जानी वाली योजनाओं पर खूब समर्थन और विरोध की बातें होती हैं। हर कोई भला करने का अधिकार अपने पास रखना चाहता है और दूसरे ये काम करें इसे स्वीकार नहीं करता।
मैंने बचपन में कई बार सुना कि फेमीन शुरू होने वाली है। मेरे लिए फेमीन शब्द का अर्थ था कि कोई काम शुरू करना जिससे लोगों को रोज़गार मिल सके। फेमीन का शाब्दिक अर्थ बहुत अरसे के बाद समझ आया। इसका अभिप्राय ये है कि रेगिस्तान के लोगों का और अकाल का वास्ता जन्म जन्मांतर का रहा है। सरकारों ने इस सूखे भू-भाग और देश के ऐसे ही अनेक हिस्सों में अपने नागरिकों को भूख से मरने से बचाने के लिए योजनाएँ बनाई और उनका क्रियान्वयन किया। इस बार जो खाद्य सुरक्षा बिल लाया जा रहा है इससे देश की दो तिहाई आबादी के लाभान्वित होने की उम्मीद है। इस योजना के मुताबिक गरीबों को दो रुपए किलो गेहूं, तीन रुपए किलो चावल और एक रुपए किलो मोटा अनाज राशन दुकानों के माध्यम से दिया जाएगा। एक परिवार को हर माह पच्चीस किलो अनाज मिलेगा। गांवों की पचहत्तर फीसदी और शहरों में करीब पचास फीसदी आबादी तक यह योजना पहुंचेगी। इस योजना को फिलहाल तीन साल के लिए लागू करने की बात कही जा रही है। खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत मिड डे मील, आईसीडीएस भी शामिल हो जाएंगे। अनुमान के मुताबिक इस योजना के लागू होने से सरकार को प्रतिवर्ष एक लाख चौबीस करोड़ रुपए की सब्सिडी देनी होगी। आज के भाव से एक किलो चावल पर साढ़े तेईस और गेहूं पर प्रतिकिलो अट्ठारह रुपए की सब्सिडी देनी होगी। तीन साल में करीब छः लाख करोड़ की सब्सिडी दिए जाने का अनुमान है। योजना के तहत देश की पैंसठ प्रतिशत आबादी को सस्ते दामों में अनाज मुहैया कराया जाएगा।
केंद्र सरकार ने इस योजना के लागू किए जाने का सारा जिम्मा राज्य सरकारों पर डाल दिया है। यह एक तरह से संघीय ढांचे को मजबूत किए जाने हेतु उठाया गया कदम है। केंद्र और राज्यों को मिल कर ही इस तरह की योजनों का क्रियान्वयन करना चाहिए। केंद्र सरकार सब्सिडी दे रहा है और राज्य सरकारें ये तय करे कि इसका फायदा किसको दिया जाना है। चयनित होने वाले लाभार्थी तक जो सस्ता राशन पहुंचेगा उसे उपलब्ध कराने का सारा श्रेय केंद्र सरकार न ले जाए इसलिए कुछ राज्य इसका विरोध कर रहे हैं। वे नहीं चाहते कि किसी भी रूप में उनका सिस्टम केंद्र के लाभ के लिए काम करे। लेकिन ये जो विरोध करने वाली सरकारें हैं वे ही अक्सर केंद्र से कई मामलों में सहायता दिये जाने की गुहार लगाती रहती है। क्या उस वक़्त उनको नहीं लगता कि केंद्र से मिला हुआ धन लाभार्थी को प्रभावित करेगा। या उनके विरोध की वजहें कुछ और हैं। एक वजह ये हो सकती है कि सब राज्यों की सरकारों ने गरीबों के लिए अपने स्तर पर कई योजनाएँ चला रखी हैं। वे इसका क्रेडिट ही चाहती है और केंद्र की भव्य योजना के सामने उन लघु योजनाओं के दम तोड़ देने के भय से घिरी हुई हैं।
इधर लोग अक्सर एक ही शिकायत करते हैं कि रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने की जगह सरकारें इस तरह की योजनाएँ लाती हैं जिनसे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता हो। वही सिस्टम और वे ही उसके लाभ उठाने वाले। समाज का बहू संख्यक वर्ग ये मानता है कि आज राजनीति में आने के उत्सुक और आकांक्षी लोगों का पहला लालच यही है कि वे सरकारी योजनाओं में सेंध लगा कर अपने लिए कुछ चुरा सकें। सब्सिडी का खेल ही इसके लिए सबसे अधिक उपयुक्त है। हाल ही में ये तय किया गया है कि रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी को उपभोक्ता के बैंक खाते में जमा करवाया जाएगा। ऐसा निर्णय करने के पीछे का सबक ये है कि आम उपभोक्ता की जगह रसोई गैस का बहुतायत से दुरुपयोग हो रहा है। तो क्या इस खाद्य सुरक्षा बिल के बारे में भी यही संदेह नहीं उभरता है। ये देश की राशनिंग प्रणाली को फिर ज़िंदा करने का काम है और हम सब जानते हैं कि राशन की दुकानों का खेला कैसा है। ज़रूरत इस बात की है सिस्टम को पहले दुरुस्त किया जाए। हम एक नयी सोच से मनुष्य के लिए रोजगार के अवसर बनाएँ। ताकि वह खुद कमा कर खा सके। उसके बच्चों को स्कूल के पोषाहार और बीवी को राशन वाली दुकान की कतार में न खड़ा होना पड़े।
याहया जस्दानवाला का एक शेर है-
होने को फसल ए गुल भी है दावत ए ऐश है मगर
अपनी बहार का मुझे आज भी इंतज़ार है ।
[तस्वीर सौजन्य : रेडिफ़]
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Sushma Swaraj on pm narendra modi foreign policy pakistan Diplomacy Islamic Cooperation Organization । सुषमा स्वराज बोलीं- PM मोदी की विदेश नीति से OIC में अलग-थलग पड़ा गया पाकिस्तान | India News in Hindi
सुषमा स्वराज बोलीं- PM मोदी की विदेश नीति से OIC में अलग-थलग पड़ गया पाकिस्तान
Updated Apr 08, 2019 | 17:03 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति की वजह से पाकिस्तान विश्व में ही नहीं बल्कि इस्लामी सहयोग संगठन में भी अलग-थलग पड़ गया।
नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनियाभर में भारत का वर्चस्व और प्रतिष्ठा बढ़ी है। प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए सुषमा ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार की विदेश नीति अबू धाबी में इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) में पाकिस्तान के अलग होने का कारण है।
बीजेपी का घोषणा पत्र जारी होने के मौके पर उन्होंने कहा, 'दुनिया में भारत का वर्चस्व और प्रतिष्ठा मोदी जी के नेतृत्व में इस तरह से बढ़ा है जैसा पहले कभी नहीं था। 2014 से पहले कहा गया था कि मोदी जी की विदेश नीति में अरब जगत कहीं भी दिखाई नहीं देगा।'
उन्होंने कहा, 'हमने पाकिस्तान को ना सिर्फ विश्व में अलग-थलग किया, बल्कि अपने ही इस्लामिक राष्ट्रों के बीच में अलग-थलग कर दिया। पहली बार भारत को ओआईसी में गेस्ट ऑफ ऑनर का सम्मान मिला। ये 57 देशों का समूह है। संयुक्त राष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा देशों का समूह।'
विदेश मंत्री ने कहा, '1969 में OIC का गठन हुआ। पहली कॉन्फ्रेंस मोरक्को में हुई, भारत को बुलाया गया। फकरुद्दीन अली अहमद तब भारत के विदेश मंत्री थे, वे गए थे। पाकिस्तान ने भारत का विरोध किया और आयोजक मान गए और भारत को भाग नहीं लेने दिया। 50 साल बाद फिर पाकिस्तान ने विरोध किया और लिखकर भेज दिया कि भारत को शामिल करेंगे तो हम हिस्सा नहीं लेंगे। यूएई ने कहा अगर आपको नहीं आना है तो मत आओ, हम भारत का निमंत्रण कैंसिल नहीं करेंगे। 56 देशों ने कहा पाकिस्तान ना लेकिन भारत का निमंत्रण रद्द नहीं किया जाएगा। आपने देखा पाकिस्तान की कुर्सी खाली थी और भारत मंच पर आसन था।'
सुषमा ने कहा, 'ये ऐसे ही नहीं हो गया। विरोधी कहते हैं कि मोदी जी की विदेश यात्रा से क्या हासिल हो गया। ये हासिल हुआ है।'
सुषमा स्वराज बोलीं- PM मोदी की विदेश नीति से OIC में अलग-थलग पड़ गया पाकिस्तान Description: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति की वजह से पाकिस्तान विश्व में ही नहीं बल्कि इस्लामी सहयोग संगठन में भी अलग-थलग पड़ गया। Times Now Hindi
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होली के रंग, सावधानी और सुरक्षा के संग ! | BEST NEWS PORTAL OF HARYANA
होली के रंग, सावधानी और सुरक्षा के संग !
by Global Haryana Admin · Published February 28, 2018 · Updated February 28, 2018
Global Haryana News/28 फरवरी 2018। रंगों के त्योहार का आनंद लें, लेकिन अपने स्वास्थ्य का सबसे पहले ध्यान दें। रंगों के प्रयोग का सोच समझकर इस्तेमाल करें, क्योंकि आंखें, त्वचा और बाल शरीर के सबसे नाजुक भाग हैं। जो रंगों के सीधे संपर्क में आते ही क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। सूखे रंग जब फेंके जाते हैं और गुब्बारे या पिचकारी के माध्यम से डाले जाते हैं तो वे सीधे आंखों में गिरते हैं इससे आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं।
भाजपा किसान मोर्चा द्वारा ऐतिहासिक किसान होली का आयोजन !
by Global Haryana Admin · Published February 25, 2018
रेयान पब्लिक स्कूल में हुई छात्र प्रधुमन की हत्या पर दुख प्रकट करने पह़ुंचे AAP नेता धर्मबीर भड़ाना
by Global Haryana Admin · Published September 11, 2017
महिला दिवस पर सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के लिए छात्राओं ने किया रक्तदान !
by Global Haryana Admin · Published March 9, 2018
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मुंबई में एस्कॉर्ट महिलाओं (मुंबई)
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एस्कॉर्ट महिलाओं मुंबई में (मुंबई)
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Bigg Boss 13 Mid Night Eviction Mahira Sharma Bhoot Part One Vicky Kaushal Take Her With Him
Editorial12 Feb 2020, 16:31 IST
Bigg Boss 13: इस तरह होगा माहिरा शर्मा का एविक्शन, भूत के साथ जाएंगी घर से बाहर
बिग बॉस 13 में मिड नाइट एविक्शन का समय अब आ गया है। चर्चा है कि माहिरा शर्मा इस बार घर से बेघर होंगी और उन्हें भूत ले जाएगा।
अगर आप बिग बॉस सीजन 13 देख रहे हैं तो जाहिर है कि आपके अंदर इस बात को जानने की चाहत जरूर होगी कि बिग बॉस फिनाले के 4 दिन ही बचे हैं और घर में अभी 7 सदस्य हैं। हालाकि बहुत दिनों से मिड नाइट एविक्शन की चर्चा चल रही है। मगर, अब तक ऐसा देखने को नहीं मिला है। शो के लास्ट वीकेंड के वार में भी किसी का एविक्शन नहीं हुआ। ऐसे में घर वालों और सदस्यों दोनों के ही बीच में बहुत कंफ्यूजन है कि आखिर टॉप 5 फाइनलिस्ट हैं कौन? इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए बिग बॉस एक ट्विस्ट लेकर आ रहे हैं। इस ट्विस्ट में एक भूत घर के अंदर आएगा और माहिरा शर्मा को अपने साथ ले जाएगा।
यह भूत कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल होंगे। विक्की कौशल अपनी फिल्म 'भूत पार्ट-1: द हॉन्टेड शिप' में आने वाले हैं और अपनी इस फिल्म को प्रमोट करने के लिए वह बिग बॉस हाउस में आधी रात में घुस जाते हैं। यह बिग बॉस का ही गेम प्लान होता है। बहुत दिनों से मिड नाइट एविक्शन की बात चल रही है और अब यह एविक्शन 12 फरवरी के एपिसोड में देखने को मिल सकता है।
इसे जरूर पढ़ें: Bigg Boss13 latest Updates: क्या सच में माहिरा शर्मा को आधी रात में घर से बेघर कर देंगे बिग बॉस ?
गौरतलब है , इस वक्त बिग बॉस हाउस में माहिरा शर्मा, आरती सिंह और शहनाज गिल घर से बेघर होने के लिए नॉमीनेटिड हैं। देखा जाए तो इन तीनों में माहिरा शर्मा का खेल ही सबसे कम नजर आ रहा है। वह शुरुआत से ही पारस छाबड़ा के साथ ही नजर आई हैं और उनका गेम उन्हीं से शुरू होकर उन्हीं पर खत्म हो जाता है। हिमांशी खुराना या माहिरा शर्मा, इन 7 तस्वीरों से तय कीजिए कौन है सबसे ज्यादा स्टाइलिश
बहुत दिनों से सोशल मीडिया पर इस बात के चर्चे भी है कि माहिरा शर्मा का मिड नाइट एविक्शन हो रहा है। माहिरा शर्मा की मां से जब इस बारे में पूछा गया था तब उन्होंने इस बात के लिए इंकार कर दिया था कि माहिरा घर से बेघर होने वाली हैं। मगर, अब सोशल मीडिया पर यह बात जोरों से वायरल हो रही हैं कि माहिरा शर्मा को भूत अपने साथ ले जाएगा। यहां भूत से आशय विक्की कौशल से है।
माहिरा शर्मा को भी शायद इस बात का अंदाजा है कि वह टॉप-5 फाइनलिस्ट में नहीं हैं क्योंकि बीते कुछ एपिसोड्स में उन्हें यह कहते देखा गया है कि वह इस बार घर से बेघर हो जाएंगे। आपको बता दें कि बिग बॉस को अपने टॉप 4 फाइनलिस्ट पहले ही मिल चुके हैं। सिद्धार्थ शुक्ला, आसिम रियाज, रश्मि देसाई और पारस छाबड़ा बिग बॉस सीजन 13 के 4 फाइनलिस्ट हैं । अब माहिरा के एविक्शन के बाद यह बात क्लीयर हो जाएगी कि आरती सिंह और शहनाज गिल में से कौन टॉप- 5 फाइनलिस्ट होगा।
Bigg Boss Mahira Sharma Bigg Boss house Bigg Boss Season 13
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BSNL Rs 1188 prepaid plan extended for 90 days know everything
BSNL ने बढ़ाई Rs 1,188 वाले प्लान की वैलिडिटी, मिलेंगे ये बेनिफिट्स
Publish Date:Tue, 22 Oct 2019 01:53 PM (IST)
BSNL ने अपने Rs 1188 Marutham प्रीपेड प्लान की वैलिडिटी को 90 दिन आगे बढ़ा दिया है....
नई दिल्ली, टेक डेस्क। BSNL ने इस साल जुलाई में अपने यूजर्स को बेहतर सर्विस मुहैया कराने के लिए Rs 1,188 वाला 'Marutham' प्रीपेड प्लान लॉन्च किया था, इसकी वैलिडिटी 345 दिन है। वहीं अब कंपनी ने इस प्लान में वैलिडिटी को 90 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया है। इसके बाद यूजर्स इस प्लान का उपयोग 21 जनवरी 2020 तक कर सकते हैं। यह कंपनी का प्रमोशनल प्लान है जो कि लॉन्ग टर्म वैलिडिटी की सुविधा प्रदान करता है। इस प्लान को 345 दिनों की वैलिडिटी के साथ लॉन्च किया गया था। लेकिन ये प्लान केवल आंध्रप्रदेश और तेलंगाना सर्किल में ही उपलब्ध है। इस प्लान के तहत यूजर्स कुल 5GB डाटा उपयोग कर सकते हैं।
Telecom Talk की रिपोर्ट के अनुसार इस साल जुलाई में लॉन्च किए गए 'Marutham' प्रामेशनल प्रीपेड प्लान की वैधता 23 अक्टूबर 2019 थी लेकिन इसे 90 दिनों तक बढ़ाने के बाद अब यह प्लान 21 जनवरी 2020 तक वैलिड होगा। कंपनी ने ये फैसला यूजर्स के बीच इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए लिया है। इस प्लान में यूजर्स को कुल 5GB डाटा की सुविधा मिलती है।
BSNL के Rs 1,188 वाले प्रीपेड प्लान के अन्य बेनिफिट्स की बात करें तो इसमें 5GB डाटा खत्म होने के बाद आपको अगल से डाटा प्लान का टॉप-अप लेना होगा। इसके अलावा डाटा समाप्त होने के बाद आपको 25 पैसे प्रति MB के हिसाब से भुगतान करना होगा। वहीं इसमें आपको अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग की भी सुविधा मिलेगी। वहीं अन्य नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए आपको 250 मिनट मिलेंगे। इस प्लान में 345 दिनों तक 1,200 SMS का लाभ उठा सकते हैं।
BSNL ने हाल ही में अपने यूजर्स की सुविधा के लिए 429 रुपये का प्रीपेड प्लान पेश किया है, इसमें आपको एक्स्ट्रा डाटा का बेनिफिट मिलेगा। 71 दिनों की वैलिडिटी वाले इस प्लान में यूजर्स प्रतिदिन 1GB डाटा का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा एक्स्ट्रा डाटा के तौर पर इसमें आपको 1.5GB डाटा मिलेगा। वहीं कंपनी आने वाले दिनों में इस प्लान में फिर से बदलाव कर सकती है जिसके बाद यूजर्स को डबल डाटा का लाभ मिलेगा।
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होम > उत्पादों > गार्डन कला कांस्य मूर्तिकला
(गार्डन कला कांस्य मूर्तिकला के लिए कुल 24 उत्पादों)
ZheJiang ShengFa Sculpture Arts Project Co ., Ltd is one of the गार्डन कला कांस्य मूर्तिकला leading brands in China. It is the factory & supplier specializing in manufacturing गार्डन कला कांस्य मूर्तिकला. Offer high quality गार्डन कला कांस्य मूर्तिकला at a cheap wholesale price.
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जिंदल-ओबामा विवाद पहुंचा अदालत
वाशिंगटन | डेस्क: अमेरिका के ल्युसियाना प्रांत के भारतीय मूल के गवर्नर और राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के 17 दावेदारों में से एक बॉबी जिंदल और ओबामा प्रशासन के बीच स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा मुद्दा अदालत पहुंच गया है. जिंदल की कोशिश है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम से प्लांड पैरेंटहुड गल्फ कोस्ट नाम की संस्था को हटा दिया जाए. यह संस्था सरकारी ‘मेडिक एड प्रोग्राम’ के तहत प्रजनन स्वास्थ्य एवं मातृ तथा शिशु स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराती है. दरअसल गर्भपात रोधी कार्यकर्ताओं ने गुप्त रूप से कुछ वीडियो बनाए हैं, जिन्होंने क्लीनिक में होने वाले ऑपरेशनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है. इन्हीं वीडियो के आधार पर जिंदल ने ‘प्लांड पैरेंटहुड’ पर रोक लगाने की कवायद शुरू की है. सिर्फ जिंदल ही नहीं बल्कि रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के सभी 17 दावेदारों ने कहा है कि चुनाव जीतने पर वे ‘मेडिक एड प्रोग्राम’ को मिलने वाली संघीय मदद को रोक देंगे. जिंदल की कोशिशों के खिलाफ ‘प्लांड पैरेंटहुड’ ने ल्युसियाना संघीय अदालत की शरण ली है. ‘यूएसए टुडे’ की रपट में बताया गया है कि इस मामले की सुनवाई से पहले कानून विभाग के वकीलों ने भी अदालत में अर्जी लगाई. अर्जी में कहा गया है कि राज्य ने संघीय मदद हासिल करने वाली स्वास्थ्य सेवा को मुहैया कराने वाले से उसका काम छीनने की कोई वाजिब वजह नहीं बताई है.
अर्जी में कहा गया है, “राज्य के पास इस बात का कोई असीमित अधिकार नहीं है कि वह तय करे कि संघीय स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की योग्यता किसी के पास है या नहीं. ” मामले की सुनवाई बेटन रुज में अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉन डि ग्रावेलेस की अदालत में बुधवार को होगी.
जिंदल ने एक बयान में कहा है, “राष्ट्रपति ओबामा प्लांड पैरेंटहुड के बेबी हारवेस्टिंग ऑपरेशन को बचाने के लिए इतने प्रतिबद्ध हैं कि उन्होंने कानून विभाग के अपने वकीलों को मुझ पर मुकदमा ठोकने और हमें इन करारों को रद्द करने से रोकने के लिए बेटन रुज भेज दिया.” बयान में जिंदल ने कहा है, “राष्ट्रपति ओबामा ने वीडियो नहीं देखे, लेकिन उनके पास मुकदमा दायर करने का वक्त है. ठीक है, मेरे पास उनके लिए एक खबर है- हम पीछे नहीं हटने जा रहे हैं.”
‘प्लांड पैरेंटहुड’ ने बीते महीने गवर्नर भवन के सामने प्रदर्शन किया था. जवाब में जिंदल की तरफ से क्लीनिक में होने वाले गर्भपात ऑपरेशनों के गुप्त रूप से शूट किए गए वीडियो एक पर्दे पर दिखाए गए थे. Tags: baraq obama, bobby jindal, बराक ओबामा, बॉबी जिंदल, रिपब्लिकन पार्टी
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‘परिस्थितियों से विचलित न हो, उन्हें चुनौती समझकर आगे बढे‘ यह वाक्य इंटरनेशनल माइंड व मेमोरी ट्रेनर बीके शक्तिराज ने मध्यप्रदेश के मन्दसौर में कहे जहां ‘सुपर फ्यूचर‘ के अंतर्गत दयामंदिर सिनेमा हॉल में चल रहे ‘राजयोग के चमत्कार‘ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में तीसरे सत्र को संबोधित करते हुए बीके शक्तिराज ने कहा की जो जीवन की परिस्थितियों से हार जाते है उन्हें दुनिया याद भी नहीं करती.
इस मौके पर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके समिता, इंदौर की मुख्य क्षेत्रीय संयोजिका बीके हेमलता और बीके अनीता समेत नगर पालिका अध्यक्ष प्रल्हाद भदवर, विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया, कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष मदन लाल राठौर ने दीप प्रज्वलन कर सत्र का उद्घाटन किया. आगे सभी शिविरार्थियों से दुसरों की गलतियों को माफ कर देने की प्रतिज्ञा कराई और इसप्रकार नए जन्म का केक काटकर एवं दीप प्रज्वलन कर उत्सव मनाया गया.
कार्यक्रम के अंतिम दिन मंदसौर के विभिन्न सामाजिक संगठन समरसता मंच, दशपुर जागृति संगठन, आध्यात्मिक चेतना मंच, मन्सौर महिला सकल ब्राह्मण समाज, इनर व्हील क्लेब द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया साथ ही सभी लोगों ने रोज एक घंटा आत्मचिंतन के लिए निकालने का संकल्प भी लिया.
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मारवाड़ी युवा मंच महिला समपर्ण शाखा ने निकाली कैंसर जागरूकता रैली, SDM गरिमा सिंह हुई शामिल - News11
मारवाड़ी युवा मंच महिला समपर्ण शाखा ने निकाली कैंसर जागरूकता रैली, SDM गरिमा सिंह हुई शामिल
January 11, 2019 January 11, 2019 Cancer Awareness Rally, Marwari Yuva Forum, ranchi, Women's Surrender Branch, कैंसर जागरूकता रैली, महिला समपर्ण शाखा, मारवाड़ी युवा मंच, रांची
रांची : मारवाड़ी युवा मंच महिला समपर्ण शाखा के तत्वावधान में कैंसर जागरूकता रैली निकाली गयी. रैली में सदर अनुमंडल पदाधिकारी गरिमा सिंह, जेएफसीसीआइ के अध्यक्ष दीपक भी मारू शामिल हुए. रैली रांची विश्वविद्यालय से शुरू होकर कचहरी चौक तक गयी. रैली में विभिन्न स्कूल के बच्चे व सेवा सदन की नर्सें हाथों में कैंसर के प्रति जागरूकता का सन्देश लेकर चल रही थीं.
जेवीएम कार्यकर्ताओं ने रक्तदान कर मनाया बाबूलाल मरांडी का जन्मदिन
मौके पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी गरिमा सिंह ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है. कैंसर के प्रति लोग जागरूक हो और लड़ें. उन्होंने कहा कि महिला समपर्ण का यह काम सराहनीय है. ऐसे काम हर सामाजिक संस्थानों को करना चाहिए.
जागरूकता से ही रोकथाम संभव : किरण खेतान
मारवाड़ी महिला युवा मंच समपर्ण शाखा की अध्यक्ष किरण खेतान ने कहा कि जागरूकता फैलाकर ही कैंसर की रोकथाम की जा सकती है. आज कितने गरीब तबके के लोग हैं, जो जानकारी नहीं होने के कारण कैंसर की चपेट में आ गए हैं. हमारे झारखंड में ही हर दिन तीन लोग कैंसर की चपेट में आ रहे. यह मानव जीवन के लिए काफी भयावह है.
पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय के निधन पर मुख्यमंत्री ने जताया शोक
14 जनवरी को आयोजित होगा निःशुल्क कैंसर जांच शिविर
उन्होंने बताया कि मारवाड़ी युवा मंच महिला समपर्ण शाखा के द्वारा 14 जनवरी को अल्बर्ट एक्का चौक के समीप सुबह 9 शाम 5 बजे तक निःशुल्क कैंसर जांच शिविर डीके आयोजन किया जा रहा है. जिसमें विभिन्न प्रकार के कैंसर की जांच की जाएगी. इस कार्यक्रम की संयोजिका चंदा अग्रवाल, सीमा अग्रवाल एवं डिम्पल सोनी है.
रैली को सफल बनाने में इनका रहा योगदान
रैली को सफल बनाने में FJCCI के अध्यक्ष दीपक मारू, पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा, मुख्यालय उपाध्यक्ष नेहा पटवारी, मंडलीय उपाध्यक्ष रोहित शारदा, साउथ शाखा के पूर्व अध्यक्ष सुरेश बोथरा, रांची शाखा अध्यक्ष तुषार विजयवर्गीय, राजू खेतान, दीपक गोयनका, वरुण जालान, सुभाष पटवारी, मनीष लोधा, सचिन मोतिका, आशीष अग्रवाल, प्रकाश दलानिया, किरण खेतान, सुमिता लाठ, मीनू अग्रवाल, नीलम मोदी, विनीता बियानी, अनु पोद्दार, मीना टाईवाला, डिंपल सोनी, राधा ड्रोलिया, श्वेता भल्ला, पिंकी अग्रवाल, सिमा अग्रवाल, चंदा अग्रवाल, ममता गोयल, अमृता अग्रवाल, निर्मला बगड़िया, ममता बोरा, बलबीर जैन, ज्योति मोदी, सोनी सुनीता, मोनिका सिंह , अंजना अग्रवाल रीना अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, सदर हॉस्पिटल के एएनएम, नर्सिंग टीचर रंजीता कुमारी, हाउसकीपिंग से गिरजा सीना, हॉस्टल की महिला गार्ड सरोज कुमारी,15 नर्सेस, संत ज्ञानोदय स्कूल से 25 बच्चे एवं वहां के प्रिंसिपल अजय कुमार का योगदान रहा. यह जानकारी समर्पण शाखा की मीडिया प्रभारी राधा ड्रोलिया ने दी.
बकरीद को लेकर हुई शांति समिति की बैठक में प्रशासन ने की अपील, शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं त्यौहार
August 12, 2018 Sanjeev Comments Off on बकरीद को लेकर हुई शांति समिति की बैठक में प्रशासन ने की अपील, शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं त्यौहार
“सबका साथ सबका विकास” के लिए काम कर रही है भाजपा सरकार : मिस्फिका
October 14, 2018 Pawan Comments Off on “सबका साथ सबका विकास” के लिए काम कर रही है भाजपा सरकार : मिस्फिका
June 21, 2018 Pawan Comments Off on खाने को लेकर बारातियों ने किया बखेड़ा, लड़की ने शादी से किया इंकार
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मोदी का ‘पकौड़ा‘ रोजगार- एक पकौड़े वाली की जुबानी | Kractivism
मोदी का ‘पकौड़ा‘ रोजगार- एक पकौड़े वाली की जुबानी
Posted by :kamayani On : February 12, 2018
Category: Human Rights, Justice, Kractivism, Politics
– सुनील कुमार
आज कल पकौड़े बेचने की चर्चा काफी हो रही है। छात्र विरोध स्वरूप पकौड़े का स्टाल लगा रहे हैं। इस तरह की चर्चा की शुरूआत भारत के प्रधानमंत्री के उस बयान से हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि कोई पकौड़ा बेच कर 200 रूपये कमा लेता है, वह भी रोजगार है। आखिर मोदी को इस तरह का बयान क्यों देना पड़ा ? हम सभी जानते हैं कि भारत के ‘प्रधान सेवक उर्फ फकीर उर्फ मजदूर उर्फ चैकीदार’, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब भारत के प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव मैदान में थे तो अपने चुनावी सभाओं में घोषणा किए थे कि अगर उनकी सरकार बनाती हैं तो वे हर साल 2 करोड़ लोगों को रोजगार देंगे। लेकिन मोदी काल में रोजगार प्रदान करने की दर मनमोहन सरकार के दोनांे कार्यकाल से भी कम रही है। 2013 में मनमोहन सरकार 19 लाख रोजगार उत्पन्न कर पाई थी वहीं 2015 में मोदी सरकार मात्र 1.35 लाख रोजगार ही उत्पन्न कर सकी है। रोजगार उत्पन्न नहीं होने के कारण देश में बेरोजगार युवाओं की कतार लम्बी होती जा रही है। ऐसे प्रश्नों से बचने के लिए मोदी ने पकौड़े बेचने व चाय बेचने को भी रोजगार की श्रेणी में रख दिया है। मोदी जी कहने लगे कि ‘स्टार्ट अप’ करो ताकि लोगों को रोजगार मिले। इसी तरह की मनमोहनी बात सुना-सुना कर मोदी जी लोगों को असली मुद्दों से भटकाते रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य सभा में अपने पहले भाषण के दौरान कांग्रेस पर बरसते हुए (भाजपा के लोग बात नहीं रखते दूसरे पर बरसते हैं) पकौड़े बेचने के बयान पर कहा- ‘‘कोई बेरोजगार पकौड़ा बना रहा है तो उसकी दूसरी पीढ़ी आगे आएगी। एक चाय वाला प्रधानमंत्री बन कर इस सदन में बैठा है।’’ हमलोगोें को पता करना चाहिए कि 2014 के बाद कितने चाय वाले के अच्छे दिन आ गए हैं। हमने मोदी जी के बयान के बाद एक पकौड़े बेचेने वाले से बात की, जो दिल्ली-हरियाणा बाॅर्डर पर उद्योग विहार में 15 जनवरी, 2018 से पकोडे़ बेच रहा है। अगर मोदी जी जनता से बहुत सरलता से मिलते तो हम यह सोच सकते थे कि उनके 19 जनवरी, 2018 के साक्षात्कार में पकौड़े वाले रोजगार का आइडिया शायद इसी व्यक्ति से मिला हो।
म. प्र. के पन्ना जिले के रहने वाले सिद्धशरण साहू कई साल पहले गांव छोड़कर दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र में कभी परिवार के साथ तो कभी अकेले, परिवार के पेट पालने के लिए निकले। सिद्धशरण साहू का कच्चा मकान था वह भी दो साल पहले बारिश में गिर चुका है। उनकी पत्नी भी उनके साथ कभी कंस्ट्रक्शन में साथ-साथ मजदूरी करती है तो कभी एक्सपोर्ट लाईन में हेल्पर का काम करती है। इसी तरह के रोजगार की तलाश में साहू के दो बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पाई। आखिर 2013 में सिद्धशरण साहू ने सभी अनुभवों के बाद तय किया कि वह उद्योग विहार में ही काम करेंगे। उन्हांेने हरियाणा के डुंडाहेड़ा गांव को अपना बसेरा़ बनाया। काम के अनुभव के बल पर सिद्धशरण साहू एक्सपोर्ट में चेकर बन गए और कई कम्पनियों में काम करने लगे। वहीं उनकी पत्नी इमरती बाई एक्सपोर्ट में धागा कटिंग का काम करने लगी। घर और कम्पनी में काम के दबाव के कारण इमरती बाई ने काम छोड़ दिया। दबाव के कारण इमरती बाई के स्वभाव में चिड़चिड़ापन आने लगा था। साहू चेकर का काम करते रहे लेकिन एक साल पहले नोटबंदी के समय उनका भी काम छूट गया। वे उद्योग विहार फेस 1 में सिक्युरिटी गाॅर्ड का काम करने लगे, जिसके लिए उन्हें 9,334 रूपये ईएसआई और पीएफ काट कर मिलता था। साहू की पहले तो आठ घंटे की ड्यूटी थी, बाद में उसे बदल कर 12 घंटे का कर दिया गया और तनख्वाह वही रही। इसी बीच उनकी सिक्यूरिटी एजेंसी का नाम भी चेंज हो गया। उनका पीएफ कटने के बावजूद कभी भी उनकी सिक्यूरिटी एजेंसी ने उनको पीएफ एकाउंट नहीं दिया और ना ही काम छोड़ने के बाद उनका पीएफ फाॅर्म भरा जा रहा है। साहू फिर से कम्पनी में लग गए, लेकिन उनकी नौकरी छूट गई। साहू बताते हैं कि काफी कोशिश के बाद भी नौकरी नहीं मिली, क्योंकि जीएसटी के बाद काम कम हो गया है।
सिद्धशरण साहू काम नहीं मिलने के बाद ठेले (रेहड़ी) पर चाय, समौसे, पकौड़े बेचने लगे। दुकान लगाने के लिए दस-बारह हजार रू. खर्च कर रेहड़ी, बर्तन, गैस का छोटा सिलेण्डर, चुल्हा और दुकानदारी के लिए समान खरीदा। सिद्धशरण सुबह 5 बजे जाग कर दुकानदारी के लिए सारे सामान तैयार करते थे। सुबह अपने ठेहा (दुकान लगाने की जगह) पर 9 बजे पहुंच जाते थे और वहां शाम 7 बजे तक रहते थे। 7बजे घर आने के बाद दूसरे दिन की दुकानदारी के लिए बाजार जाते थे और बाजार से लौटने के बाद लहसून, धनिया की चटनी तैयार करते थे। इस तरह से रोज रात के 9-10 बज जाया करता था। इन कामों में उनकी पत्नी और बच्चे भी हाथ बंटाते थे। 16-17 घंटे परिश्रम कर 15दिन दुकान लगाए, जिसमें 2,000 रूपये घाटा उठाना पड़ा। इसके बाद वे उद्योग विहार फेस 1 में 24 कम्पनी के पास रोड के किनारे रेहड़ी लगाने लगे। रोड के किनारे रेहड़ी लगाने के लिए भी सिद्धशरण को 24, फेस 1, एल्युबिल्ड इंजिनियर के मालिक, डब्ल्यूएफएम के सिक्युरिटी सुपरवाईजर, मुकेश शर्मा के द्वारा 2,500 रूपये एडवांस में लिया गया। इसके अलावा लोकल दादा, पुलिस और गुड़गांव अॅथोरिटी को पैसे देने पड़तेे है (सिद्धशरण के पास अभी तो यह लोग नहीं आए हैं क्योंकि दुकान नई है, लेकिन दूसरे दुकानदार इन लोगों को पैसा देते हंै)। यहां की दुकानदारी से 300-400 रूपये की रोजना बचत होने लगी। इस बचत के लिए सिद्धशरण साहू को सुबह 5 से रात के 10 बजे तक काम करना पड़ता है और पत्नी का पहले से अधिक समय लगने लगा। सिद्धशरण साहू से 20 दिन बाद सिक्युरिटी सुपरवाईजर ने कहा -‘‘मालिक 4000 रूपये प्रति माह मांग रहा है, इतना पैसा दोगे तो दुकान लगाओ नहीं तो अपनी रेहड़ी हटा लो।’’ सि़द्धशरण साहू बताते हैं कि 15 फरवरी तक के लिए एडवांस पैसे दे रखे हैं तबतक दुकान लगाएंगे, उसके बाद वह अपनी दुकान बंद कर देंगे। वे सोचते हैं कि अब जब शहर में नौकरी नहीं है, रेहड़ी लगा कर पकौड़े, समौसे नहीं बेच सकते तो गांव जाकर मजदूरी करेंगे। एल्युबिल्ड इंजिनियर (फेस 1, 24उद्योग बिहार) कम्पनी आज के ‘देश प्रेम’ में अभिभूत होकर कम्पनी के ऊपर तिरंगा फहरा रहा है।
मोदी जी ने बहुत आसानी से यह बता दिया कि पकौड़ा बेचने वाला 200 रूपये कमा लेता है, लेकिन उनको यह पता नहीं कि इस 200 रूपये में से भी कितना बंदर बांटा होता है। सिद्धशरण साहू ने नौकरी नहीं मिलने पर अपना स्टार्ट अप किया, जो अब उन्हंे गांव की तरफ लौटने पर मजबूर कर रहा है। गांव से उजड़ कर शहर आने वाले सिद्धशरण को क्या वापस गांव जाने पर काम मिल पाएगा? क्या केवल तिरंगा फहराने से ही देश भक्ति आ जाती है? एल्युब्लिड इंजिनियरि जैसे कितने भूठे देश प्रेम में अभिभूत होकर सरकारी जमीन का भी किराया वसूल रहे होंगे।
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जुलाई 19, 2015 पर प्रकाशित किया गया antarvasna द्वारा
antarvasna antarvassna Indian Sex Kamukta Chudai Hindi Sex मुझे पहले पहले कुछ ऐसा लगता था कि मेरे भैया और दीदी के बीच में कुछ है। मैं उन दोनो के उपर शक करता था। एक बार दोपहर में मैने कोलेज से आया तू मेरे दीदी और मेरे भैया रूम में बैठ के जोर जोर से बात कर रहे थे तो में रूम का दरवाज़ा खोलके अंदर चला गया देखा तो दीदी ने उसके बच्चे को दूध पिला रही है वो भी पूरा ब्लाउज़ खोलके और भैया आराम से बैठ के देख रहा है मैने सोचा कि बच्चा को दूध पिला रही है तो उसमे शक करने कि बात नहीं है। फिर भी मेरे मन मे शांति नहीं था सिर्फ़ उन दोनो का है बात दिमाग में हर वक्त चलता था। कुछ महीने के बाद रात मे मैं धीरे से घर आया रूम में दीदी, भैया और दीदी का बच्चा सब सो रहे थे तो मैने डिनर करने के लिये किचन में गया और तभी पावर कट हो गया। तो मैने खाना लगा के हाल में आया तो रूम के अंदर से कुछ आवाज़ आ रही थी (भैया का रूम तो हाल में अटैच था। ) थ मेरे को शक हो गया कि रूम में शायद हो दोना कुछ कर रहे हैं और मैने धीरे से रूम के दरवाज़ा पर कान रख के सुना तो पया कि मेरे भैया बड़ी जोर से सांस ले रहा था और दीदी भी कुछ अजीब से आवाज़ कर रही थी। कुछ देर बाद में एक अजीब स्मेल रूम से आने लगा और फच फच कर के बहुत जोर से सांस ले के दोनो आवाज़ मिलकर रूम से आ रहा था मेरे को वो स्मेल और आवाज सुनकर मेरे लौड़ा खड़ा हो गया मैने बहुत जल्दी में खना खा लिया और बड़ी हिम्मत से रूम का दरवाज़ा खोल के अंदर गया तो खाट के उपर बच्चे को सुला के भैया और दीदी नीचे ज़मीन पर एक के बगल में सो रहे थे। उस रात से मैं उन दोनो का पीछा करना शुरु किया तो मुझे वो दोनो रंगे हाथ पकड़े गये वो रात मेरे को पता कि आज भैया और दीदी मस्त चोदने वाले है क्योंकि मेरे घर में उस दिन कोई बी नहीं थे सिर्फ़ मैं, भैया, दीदी और उस का बच्चा को छोड़के। तो उस रात मैने बड़ी जल्दी सोने का नाटक किया और रात ९ बजे तक बेड पर चला गया।
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सरकारी नौकरी || कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम भर्ती 2017 (0 रिक्तियों)
कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम भर्ती 2017
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मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी
Home > उत्पादों > मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी (मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी के लिए कुल 24 उत्पादों)
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सघन मिशन इन्द्रधनुष में 101 प्रतिशत उपलब्धि के साथ इंदौर देश में द्वितीय - Hindnewsservices
Home मध्य प्रदेश सघन मिशन इन्द्रधनुष में 101 प्रतिशत उपलब्धि के साथ इंदौर देश में...
भोपाल। (हिन्द न्यूज सर्विस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में 8 अक्टूबर को आरंभ किये गए सघन मिशन इन्द्रधनुष के प्रथम एवं द्वितीय चरण में 101 प्रतिशत की उपलब्धि के साथ इंदौर (शहर) देश में द्वितीय स्थान पर रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने यह जानकारी राष्ट्रीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दी। कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान श्री नड्डा 24 राज्यों के प्रमुख सचिव एवं संबंधित अधिकारियों से रू-ब-रू हुए और सघन मिशन इन्द्रधनुष की समीक्षा की। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण गौरी सिंह ने मध्यप्रदेश में किये गए प्रयासों की जानकारी दी।
नड्डा ने अक्टूबर और नवम्बर-2017 में मिशन के तहत मध्यप्रदेश की टीकाकरण छतरी, टीकाकरण कैप और स्वच्छता मिशन के वाहनों का सघन मिशन इन्द्रधनुष प्रचार के लिए उपयोग की सराहना की। उन्होंने सभी राज्यों से आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, एनसीसी, एनएसएस, एनवायके का उपयोग सामाजिक जागरूकता के लिए बेहतर ढंग से करने के निर्देश दिये। उन्होंने राज्यों से कहा कि वे रोज राज्य एवं जिला-स्तर पर मॉनीटरिंग करने के साथ फीडबैक देते हुए उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें।
प्रमुख सचिव गौरी सिंह ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने वाली पंचायतों को राज्य में 2 लाख रुपये का पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया है। निर्णय की सराहना करते हुए श्री नड्डा ने अन्य राज्यों से भी इस योजना का अनुसरण करने के निर्देश दिए। सिंह ने बताया कि लक्ष्य की उपलब्धि के लिए आशा, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया है।
नड्डा ने कहा कि 4 चरणों में होने वाले इस अभियान की पूर्ति के बाद सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि वाले राज्य एवं जिले को भी पुरस्कृत किया जाएगा। यह पुरस्कार प्रधानमंत्री द्वारा नई दिल्ली में दिया जाएगा। सघन मिशन इन्द्रधनुष देश के 24 राज्यों के 201 जिलों और 18 शहरों में टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के उद्देश्य से चार चरणों में संचालित किया जा रहा है। अभियान के दो चरण अक्टूबर और नवम्बर में पूर्ण हो चुके हैं। तृतीय चरण 7 से 18 दिसम्बर और चतुर्थ चरण 7 से 18 जनवरी-2018 तक होगा। अभियान में डिप्थीरिया, काली खाँसी, टिटनेस, पोलियो, टीबी, खसरा आदि के टीके लगाये जाएंगे। सघन मिशन इन्द्रधनुष में 2 वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे और उन गर्भवती माताओं तक पहुँचने का लक्ष्य रखा गया है, जो टीकाकरण कार्यक्रम में यह सुविधा नहीं पा सके हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान स्वास्थ्य विभाग के संचालक डॉ. बी.एन. चौहान, राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. ओ.पी. तिवारी, उप संचालक टीकाकरण विपिन श्रीवास्तव, राज्य कोल्डचेन अधिकारी डॉ. अश्विन भागवत और समन्वयक डॉ. जतिन ठक्कर भी उपस्थित थे।
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बच्चे किस उम्र में बोलना सीखते हैं? - Bachche Ka Bolna - Yodadi
Home Parenting बच्चे किस उम्र में बोलना सीखते हैं? – Bachche Ka Bolna
बच्चा कब बोलना शुरू करता है और आप उसे किस तरह सहायता दे सकते हैं? बच्चे का कब नहीं बोलना (Bachche Ka Bolna) आपके लिए चिंता का कारण बन सकता है? यहां जानिए सब कुछ...
बच्चे की बोली सभी को अच्छी लगती है. हर किसी को अपने बच्चे के मुंह से निकलने वाले पहले शब्द को सुनने का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है. 3 साल तक बच्चा अपने माता-पिता द्वारा बोली जाने वाली भाषा को सीखता है. इसी समय इनका दिमागी विकास शुरू होता है. बच्चे के सीखने की क्षमता पर निर्भर है कि वह कितनी तेजी से बोलना (Bachche Ka Bolna) सीखता है. सीखने की क्षमता हर बच्चे में अलग-अलग होती है.
अगर आप तुलना करें तो कोई भी दो बच्चा एक साथ रेंगना, बोलना और चलना शुरू नहीं करते हैं, चाहे बच्चा एक ही परिवार का क्यों ना हो. बच्चा कब बोलना शुरू करता है और आप उसे किस तरह सहायता दे सकते हैं, इन सबकी जानकारी आपको यहां बताने जा रहे हैं. साथ ही यह भी बताएंगे कि बच्चे का कब नहीं बोलना आपके लिए चिंता का कारण बन सकता है.
बच्चे का बोलना – Bachche Ka Bolna
7 वर्ष की उम्र में बच्चे का दिमाग सबसे अधिक बढ़ता है और इसी समय बच्चा सबसे अधिक सीखता है, खासकर बोलना. बच्चे के आस-पास अगर अच्छे बोलचाल और साफ भाषा का माहौल हो तो, ऐसा माहौल शिशु को जल्दी बोलना सीखने में मदद करता है. इसी शुरूआती वर्ष में बच्चे का दिमाग तेजी से बढ़ता और सोचने-समझने के लिए तैयार होता है. इन्हीं वर्षों में आपका शिशु बोलना व भाषा सीखने लगता है.
जन्म लेते ही बोलना शुरू करता है नवजात – Bachche Ka Bolna
1. कोई भी बच्चा जन्म लेते ही बात करना शुरू कर देता है. बच्चा भूखा होने पर, गीला होने पर या फिर किसी तरह की बेचैनी होने पर आपसे रोकर बात करता है. लेकिन बोलने और भाषा सीखने के लिए उसे एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
2. तीन महीने की उम्र तक आपका बच्चा आवाज पहचानना शुरू कर देता है. आपने ध्यान भी दिया होगा छोटे बच्चे जानी पहचानी आवाज की तरफ आपना सिर ले जाने की कोशिश करने लगते हैं. और बोलने वाले का चेहरा भी देखने लगता है.
3. 3 से 4 महीना पूरा करते करते वह तुतलाने लगता है. इनका तुतलाना ही बोलने के शुरूआत की निशानी है. इस उम्र में शिशु हंस कर मुस्करा कर, खुशी व नाराजगी भी जाहिर करना सीख जाता है और समाज से जुड़ने की कोशिश करने लगता है. जब शिशु तुतलाना शुरू करता है तो सबसे पहले उसके मुंह से प, म, ब, मुह, पुह, बुह आदि आवाजें निकतली है.
4. 9 से 12 महीने का शिशु हाथों से बाय-बाय करना शुरू कर देता है. साथ ही वह न के अलावा का, कू आदि शब्दों के साथ बड़ों से बातें करना सीख जाता है. 12 महीना होते ही बच्चा अपना पहला शब्द जैसे दादा, पापा और मामा आदि बोलने लगता है.
ऐसे बढ़ती है बोलने की क्षमता – Bachche Ka Bolna
5. शिशु 18 महीने की उम्र में आपकी बातों को एक बार में ही समझने लायक हो जाता है. यहां तक की उसे 20 से 100 शब्दों की जानकारी भी हो जाती है.
6. 2 साल की उम्र के शिशु को 200 शब्दों तक की जानकारी हो जाती है और वो दो शब्द वाले वाक्य भी बोलने लगता है. वह सुने हुए बातों को दोहराता है, बोलने की कोशिश करते हुए कहां, क्या जैसे आपके सवालों को भी समझने लगता है.
7. बच्चे की उम्र 3 वर्ष होने पर उसे 800 से 900 शब्दों की जानकारी हो जाती है और साथ ही वह 2 से 3 शब्दों में बातें करना भी शुरू कर देता है. वह हां और ना में जवाब भी देने लगता है.
8. 4 वर्ष होते ही आपका बच्चा अच्छी तरह से बोलना सीख जाता है. वह आपके साथ बातें करना, कहानियां सुनना भी शुरू कर देता है. बच्चा आपकी हंसी-मजाक भी समझने लगता है.
बोलना सीखने में ऐसे करें अपने बच्चे की मदद – Bachche Ka Bolna
बच्चे के साथ हमेशा बातचीत करने की कोशिश करते रहें.
शिशु के साथ बात करते समय अपनी बातों को रखने के बाद उसकी प्रतिक्रिया का इंतजार करें.
बातचीत में हमेशा अलग-अलग तरह के शब्दों का प्रयोग करें.
नाटकीय खेलों में शिशु को शामिल करें.
बच्चे के लिए गाना गाएं, भले ही बच्चा आपने गानों ना ना समझे लेकिन वो आपकी आवाज सुनकर प्रतिक्रिया देना सीख लेगा.
इशारों के माध्यम से ही अपने शिशु के साथ कुछ-कुछ खेलने का प्रयास करते रहें.
6 से 9 महीने का उम्रे में बच्चे को आइना दिखाकर उससे पूछे कि यह बच्चा कौन है.
शरीर के अंगों की जानकारी देने के लिए आप अंगों की ओर इशारा करते हुए जोर-जोर से उनका नाम लें, जैसे गाल, नाक, आंख आदि.
घरेलू उपचार – Bachche Ka Bolna
1. आपका बच्चा अगर देरी से बोलना शुरू किया है तो उसे कभी भी अन्य बच्चों का उदाहरण देना उचित नहीं है.
2. बच्चे के प्रयास को हमेशा प्रोत्साहित करते रहें.
3. सोते वक्त रात को शिशु को कहानी सुनाएं, जिससे उसमें कम्युनिकेशन स्किल का विकास हो सके.
4. कभी-कभी तो माता-पिता की व्यस्त जिंदगी के कारण भी बच्चा देरी से बोलता है. ऐसे बच्चों के लिए आप ऐसा माहौल तैयार करें. वह अपने दिन का कुछ समय अन्य लोगों के साथ बिता सकें. ऐसे में इन्हें बोलने का भरपूर मौका मिल सके.
5. अपने बच्चे को अन्य बच्चों के साथ घुलने-मिलने का मौका दें. ऐसे में बच्चा अन्य बच्चों के संपर्क में आकर. उन्हें देखकर बोलना सीखता है.
6. आप अपने शिशु को खेलने के लिए जानवर उपकरण के खिलौने दें. साथ ही बच्चे के साथ खेलते वक्त खिलौनो और जानवर की आवाज निकाले. ऐसे में बच्चा आपकी नकल करने की कोशिश करेगा. जिससे उसके अंदर कम्युनिकेशन स्किल का विकास होगा.
अगर यहां बताए उम्र के अनुसार आपका बच्चा बोलना शुरू नहीं करता है तो फिर आपको विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए.
Bachche Ka Bolna
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Rani Thakur - November 6, 2019
Rani Thakur - May 25, 2020
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कांग्रेस : प्रत्याशी तय करने के दो और सर्वे करवाने की कवायद - KhabarTheNews.com
होम खबर कांग्रेस : प्रत्याशी तय करने के दो और सर्वे करवाने की कवायद
कांग्रेस : प्रत्याशी तय करने के दो और सर्वे करवाने की कवायद
दिल्ली की दो एजेन्सियों को सौंपा सर्वे कार्य, एक लेगी लोगों से राय, दूसरी गुपचुप तैयार करेगी रिपोर्ट
बीकानेर। कांग्रेस तीन महीनों बाद तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी तय करने के लिए दो और सर्वे करवाने की तैयारी कर चुकी है। इसके लिए दिल्ली की दो एजेन्सियों को काम सौंपा गया है।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक जिन दो एजेन्सियों को सर्वे का काम सौंपा गया है, उन्होंने रविवार से ही विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपनी टीमों के गठन का काम शुरू कर दिया है।
जिस एजेन्सी को लोगों से मिलकर राय जानने का कार्य सौंपा गया है, उसके प्रतिनिधि सितम्बर के शुरुआती दिनों में यहां पहुंच जाएंगे।
जानकारों ने बताया कि इस बार सर्वे करने वाली एजेन्सियों के प्रतिनिधि टिकट दावेदारों से नहीं मिलेंगे बल्कि उनके क्षेत्रों में पहुंच कर आमलोगों से उनके बारे में राय लेेंगे। इस राय में दोनों पार्टियों के मजबूत प्रत्याशियों का नाम जानने की कोशिश की जाएगी।
इन नामों के आधार पर विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के जातिगत समीकरण के संबंध में फैसला लिया जाएगा।
जानकारों ने बताया कि जिस एजेन्सी को गुपचुप रिपोर्ट तैयार करने का कार्य दिया गया है, उस एजेन्सी को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से टिकटों के दावेदारों के नामों की सूची सौंपी गई है और इन दावेदारों के नेगेटिव, पॉजीटिव पॉजीशन जानने तथा विधानसभा क्षेत्र में जातिगत समीकरण के हिसाब से कौन प्रत्याशी भारी रह सकता है, इसकी रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि इस एजेन्सी को यह काम संबंधित विधानसभा क्षेत्र के पूरी तरह से जानकार व्यक्ति से करवाने के लिए कहा गया है। इसमें ऐसे लोगों के चयन की सलाह दी गई है, जो चिकित्सक, इंजीनियर अथवा मीडिया जैसे किसी पेशे जुड़े हुए हों तथा जिन्हें इलाके की राजनीतिक हलचल का पूरी तरह से पता हो।
सोशल मीडिया पर भी पैनी निगाहें
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने अपनी एक विंग को पूरी तरह से सोशल मीडिया पर पैनी निगाहें जमाएं रखने को कह रखा है। सोशल मीडिया पर टिकट के दावेदारों को लेकर हो रही टिप्पणियों को जानने के काम में कांग्रेस ने इस विंग को लगा रखा है।
इसके साथ ही यूट्यूब और स्थानीय समाचार पत्रों, न्यूज पोर्टल पर भी निगाहें चौबंद रख कर स्थानीय नेताओं की गतिविधियों और उनसे संबंधित समाचारों के आधार पर भी रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है।
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साल के इस खास मौके पर भारत में लांच होगा रेडमी का यह स्मार्टफोन, जानें क्या होगी कीमत - Puri Dunia | पूरी दुनिया
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साल के इस खास मौके पर भारत में लांच होगा रेडमी का यह स्मार्टफोन, जानें क्या होगी कीमत
नई दिल्ली। चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी श्याओमी ने अपने बहू चर्चित रेडमी 5A वेरिएंट को भारत में लॉन्च कर दिया है। आपको बताते चले कि ग्राहक इसे ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट औक कंपनी की ऑफीशियल वेबसाइट Mi.com से खरीद सकते हैं। रेडमी 5A के इस नए वेरिएंट को 4,999 रुपए की कीमत के साथ लिस्ट किया गया है।
कंपनी ने बुधवार को ट्वीट कर रोज गोल्ड वेरिएंट के बारे में जानकारी दी। ट्वीट में लिखा गया कि मैं खूबसूरत हूं… मैं दमदार हूं.. मैं सभी की पसंद हूं… अंदाजा लगाइए मैं कौन हूं…? पर्दा कल हटेगा! इसके अलावा फ्लिपकार्ट ने वेबसाइट पर बैनर लगाकर इस नए वेरिएंट की पुष्टि की। कहा जा रहा है कि वेंलेंटाइंस डे को देखते हुए कंपनी ने यह नया वेरिएंट लॉन्च किया है। रोज गोल्ड कलर होने के कारण ज्यादा से ज्यादा यूजर को यह फोन आकर्षित करेगा।
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एक निजी युद्ध ’की भावनात्मक चुनौतियों पर रोसमंड पाईक - पुरस्कार | अगस्त 2020
'एक निजी युद्ध'
रोसमंड पाइक दिवंगत युद्ध पत्रकार मैरी कॉल्विन को चित्रित करने के बीच में था जब परिस्थितियां इतनी वास्तविक हो गई थीं कि वह परियोजना को समाप्त कर सकती थी या नहीं। कोल्विन के रूप में, पाइक ने अनगिनत युद्ध क्षेत्रों में जीवित रहने के दौरान कठिन, उलझे हुए रिपोर्टर की भूमिका निभाई, यहां तक कि एक के बाद एक विस्फोटक चोटों ने उसे एक आँख के पैच के साथ छोड़ दिया और PTSD उसके दिमाग को मारता है। निर्देशक मैथ्यू हेनमैन, ऑस्कर-नामांकित वृत्तचित्र “ के बाद अपनी कथा की शुरुआत करते हुए; कार्टेल लैंड एंड डिड्को; और इसके फॉलोअप “; सिटी ऑफ घोस्ट्स, ”; वास्तविक शरणार्थियों के साथ कई परिदृश्यों में पाईक कास्ट करें। एक दृश्य में, जॉर्डन सीरिया के लिए खड़ा था, और पाइक ने एक सीरियाई शरणार्थी के साथ एक दृश्य में अभिनय किया जिसके भतीजे को होम्स में एक रैली के दौरान उसके कंधों से गोली मार दी गई थी। स्क्रिप्ट ने पुर्ननिर्मित युद्ध क्षेत्र में मृत बच्चे के लिए प्रतिक्रिया करने के लिए आदमी को बुलाया, जबकि पाइक का चरित्र जारी था।
“; इस आदमी से दुःख का भाव बहुत दर्दनाक था, ”; पाइक ने कहा। “; कमरे में होना पूरी तरह से मुश्किल था। ”; वह सवाल करने लगी कि क्या वह इस परियोजना को जारी रख सकती है। “; मुझे इस तरह का भ्रम, गहरी करुणा, और नुकसान की त्रासदी पर क्रोध की अनाम भावना के कुछ प्रकार थे; ”; उसने कहा। “; और मैं इस बात को लेकर उलझन में था कि हम क्या कर रहे थे। मुझे वहां रहने का क्या अधिकार था '> उन्होंने अपने अनुभव से अपने स्वयं के तुलना करके परियोजना पर वापस बात की। “; मुझे लगता है कि आप क्या कर रहे हैं ’; फिर से जा रहा है जब मैं वृत्तचित्र बनाने के माध्यम से जाना, और rdquo; उसने उसे याद करते हुए बताया। “; आपकी मानवीय वृत्ति कैमरे को नीचे रखना और किसी को स्थान देना है। लेकिन एक फिल्म निर्माता के रूप में आपका दायित्व कैमरा को चालू रखकर सच्चाई को पकड़ना है। ”;
एल्क कोव ऑरगॉन तट
पाइक सेट पर वापस आ गया, और उसका बाद का प्रदर्शन इस वर्ष के आश्चर्य की एक घटना है और गिरावट का मौसम है - शारीरिक उथलपुथल और पत्रकारीय कौशल का एक भयावह, दहनशील आंकड़ा जो वर्ष के सर्वश्रेष्ठ में से एक है। ब्रिटिश अभिनेत्री ने मैरी ब्रेनर के ’; 2012 के वैनिटी फेयर लेख को पढ़ने के बाद खुद के लिए इसे मांगा, जिसने कोल्विन के अंतिम क्षणों पर नज़र रखी।
हेनमैन, जिन्होंने मूल रूप से परियोजना से बाहर होने से पहले भाग के लिए चार्लीज़ थेरॉन से बात की थी, उन्होंने अभी तक अपनी योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए अंतिम रूप दिया था “; सिटी ऑफ़ घोस्ट्स, ”; सीरिया में भूमिगत पत्रकारों का उनका सुरीला-प्रशंसित चित्र। पाइक ने फिल्म निर्माता को सीएए में फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए नीचे ट्रैक किया, जो उन दोनों का प्रतिनिधित्व करता है, और कॉल्विन के कुछ लिखित विचारों को साझा किया, जो उसने तैयार किए थे। “; कभी-कभी आप जैसा महसूस करते हैं उससे पहले किसी और के प्रभाव से प्रभावित होते हैं, यह आपके विचारों को नीचे लाने के लिए महत्वपूर्ण है, ”; पाइक ने कहा। “; मेरे पास इस तरह की धारा-चेतना थी जो मैरी के बारे में थी। मुझे पता नहीं है कि यह कहां से आया है। ”; कुछ दिनों के भीतर हीमैन ने उसे कास्ट कर लिया।
परियोजना में पाईक का निवेश केवल वहां से तीव्र हुआ। वह कॉल्विन के मित्रों और परिवार के साथ सीधे जुड़ गया और उन्हें यह समझाने के लिए कि “; एक निजी युद्ध ”; स्पष्ट हैग्राफिक बीट्स से आगे निकल जाएगा - जो यह करता है, कोल्विन के " अपने निजी जीवन को जटिल बनाने की आदत डालने के साथ-साथ दुनिया भर में पीड़ित का पता लगाने के लिए उसकी खोज में मनोवैज्ञानिक धीरज की किसी भी मात्रा को पीछे धकेलने की आदत। पाइक ने कॉल्विन के वीडियो का अध्ययन उसके शारीरिक तानों की नक़ल करने के लिए किया, जिसमें आगे और पीछे रॉक करने के लिए एक नर्वस प्रवृत्ति भी शामिल थी क्योंकि वह अपने रोजमर्रा के जीवन के साथ युद्ध के मैदान की यादों को घर वापस करने के लिए संघर्ष करती थी। अभिनेत्री को यहां तक कि उन्हें हिला देने के लिए अपनी उंगलियों के बीच तिनके निचोड़ने की आदत हो गई, उन्होंने पीटीएसडी के लक्षणों को इतनी तीव्रता से अपनाया कि वह अक्सर इसे अपने साथ घर लाने के लिए चिंतित रहती थी। (“; मेरे बच्चों ने मुझे इससे बचने में मदद की, ”; उसने कहा।)
फिल्म महोत्सव की समय सीमा
पाइक के प्रदर्शन के लिए पाइक और सक्रियता तब से तेज हो गई है जब डेविड फिंचर ने उसे “; गौरव और पक्षपात ”; और 2014 और rsquo; s “; चला गया लड़की के लिए उसे फेमेल फेटले में बदलने का अपरंपरागत निर्णय लिया। ”; उन्होंने अपने थिएटर का काम भी नहीं देखा था। उस बिंदु पर, पाइक ’; का सबसे बड़ा श्रेय बहुत अधिक निंदनीय था “; कयामत, ”; वह जिस तरह की सामग्री चाहती है, उससे दूर एक दुनिया है। “; यह ’; ऐसा नहीं है जैसा मैंने सोचा था कि मैंने पहले बुरा विकल्प बनाया है, ”; उसने कहा। “; मेरे द्वारा पेश किए गए सामान के साथ मैंने सबसे अच्छा करने की कोशिश की। मैं ’; एक ही दर्शन के साथ अटक गया मेरा पूरा जीवन, आपके पास जो भी आकार का हिस्सा है, उसके साथ सबसे अच्छा करें, इसे सत्य के साथ करें, कोशिश करें और अपने चरित्र के लिए एक ही स्तर की पृष्ठभूमि बनाएं चाहे आप ’; को 10 लाइनें या 300 लाइनें मिलीं। ” ;
आखिरकार, वह हेनमैन के अपरंपरागत दृष्टिकोण में बस गई। हॉम्स-सेट के एक अन्य दृश्य में, उसने तहखाने में एक महिला के साथ बातचीत की, जहां महिलाएं और बच्चे बम से छिपे हुए थे। कैमरे के लुढ़कने के साथ, पाइक ने दृश्य में एक शरणार्थी के साथ बातचीत शुरू की, जिसने कहा कि वह ’ की वजह से स्तनपान नहीं कर सकती थी, क्योंकि वह आघात से ग्रस्त थी। “; मैं एक अनुवादक के साथ थोड़ा जांचा, ”; पाइक ने कहा। “; मैंने पूछा कि क्या हुआ था और उसने कहा कि उसका घर एक खोल से चपटा हुआ था और वह भाग कर अपने बच्चों के साथ भाग गई, और तब उसे एहसास हुआ कि उसका एक बच्चा गायब है। ”; उसने खुद को रोका और एकत्र किया।
“; कैमरा चुपचाप वहां था, और rdquo; उसने कहा। “; तो मैंने कहा, ‘ आपकी एक बेटी मलबे के नीचे थी; ’; और उसने कहा हां। मैंने पूछा कि उसकी बेटी कितनी पुरानी है, और उसने कहा कि वह पाँच साल की थी। यह किसी का क्षण था जो आपको इस भयानक, अत्याचारी, दुखद बात के बारे में सच्चाई बता रहा था जो उनके साथ हुआ था। ”; वहाँ से, उसने दृष्टिकोण अपनाया। “; आप ’; हमेशा एक अभिनेता के रूप में आश्चर्यचकित दिख रहे हैं, और यह पूरी तरह से नया अनुभव था, “; उसने कहा। “; आपको पता नहीं था कि क्या सामने आएगा, लेकिन तब मुझे ऐसा लगा कि एक पत्रकार कहानी को इकट्ठा कर रहा है। मेरा उस पर कोई ध्यान नहीं था। मैं सिर्फ सुन रहा था, जो वास्तव में अभिनय का सबसे अच्छा हिस्सा है। ”;
वीप सीज़न 6 एपिसोड 1
कई तनावपूर्ण लंबे समय तक थे, और कॉल्विन के जीवन के अधिक कसौटी पर आधारित दृश्यों के विपरीत, अमेरिकी जीवन, युद्ध क्षेत्र के क्षण विकास की एक निरंतर अवस्था में थे। “; आमतौर पर कुछ प्राप्त करने का केवल एक मौका था, इसलिए आपको जो मिलता है वह पल का पूर्ण सत्य है, ”; उसने कहा। “; इसमें कोई और नहीं है; अक्सर एक और अवसर के लिए इसे थोड़ा बेहतर बनाने का अवसर मिलता है। ”;
पाइक ने करियर शिफ्ट के नवीनतम प्रकोप के रूप में भूमिका निभाई, जिसमें “; गॉन गर्ल, ”; जिसने उसे एक महत्वाकांक्षी अग्रणी महिला के रूप में बदल दिया। “; इसने मुझे उकसाने वाली ड्राइव दी, ऐसे किरदार निभाने के लिए जो लोगों को उनकी राय का मूल्यांकन करने और उन्हें डाइम करने पर बदल देता है, ”; उसने कहा। “; मेरी जैसी है। वह एक नायिका है, लेकिन वह निर्दोष नहीं है। वह एक जटिल महिला है जो भाग मिथक और भाग परेशान आत्मा है। उसे यह तीव्र शक्ति एक तीव्र भेद्यता के साथ मिल गई जिसे वह छिपा कर रखती है। ”;
अगली बार, वह एक और मैरी - मैरी क्यूरी - ईरानी में जन्मे फिल्म निर्माता मार्जेन सट्रैपी की आगामी बायोपिक में मैरी-क्यूरी का किरदार निभा रही हैं। (“; यह ’; रेडियोएक्टिविटी पर एक साइकेडेलिक लुक है)), लेकिन वह अभी भी 'ए प्राइवेट वॉर' की गूंज के साथ आ रही है। ऑनस्क्रीन ऑनरशिप इमोशन को चित्रित करने के लिए उसका रिश्ता फिल्म द्वारा बदल दिया गया था, जो संभवतः अच्छे के लिए था। “; कैमरे पर कुछ चालबाजी है, ”; उसने कहा, “; लेकिन बड़े और, मुझे लगता है कि फिल्म पर सभी आँसू असली आँसू हैं। ”;
“; एक निजी युद्ध ”; अब न्यूयॉर्क और लॉस एंजिल्स में खेल रहा है।
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बिजनेस स्टैंडर्ड - विदेशी बॉन्ड के पक्ष में नहीं रिजर्व बैंक
Monday, October 14, 2019 04:41 PM English | हिंदी
विदेशी बॉन्ड के पक्ष में नहीं रिजर्व बैंक
अनूप रॉय / मुंबई August 12, 2019
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डॉलर में विदेशी सॉवरिन बॉन्ड के पक्ष में मत देने की संभावना कम है। सरकार के साथ रिजर्व बैंक की 16 अगस्त को बैठक होने वाली है। सूत्रों के मुताबिक रिजर्व बैंक को डर है कि विदेशी बॉन्डों को हरी झंडी देने से स्थानीय बॉन्डों में हस्तक्षेप खत्म हो जाएगा, जो रिजर्व बैंक द्वारा कड़ाई से नियंत्रित किए जाते हैं और केंद्रीय बैंक सरकार के धन का प्रबंधक होता है। बहरहाल विदेशी बॉन्डों और स्थानीय बॉन्डों को लंबे समय तक अलग अलग खांचे में नहीं रखा जा सकता और इससे अर्थव्यवस्था में ब्याज दरें प्रबंधित करने की रिजर्व बैंक की स्वतंत्रता उल्लेखनीय रूप से कम हो जाएगी।
इस मसले पर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए इस बात पर जोर दिया कि रिजर्व बैंक का जो भी विचार होगा, सरकार को बता दिया जोगा। वहीं सूत्रों का कहना है कि रिजर्व बैंक ने इसे लेकर पहले ही अपनी आपत्तियां जता दी है और 16 अगस्त की बैठक में वह औपचारिक रूप से ऐसा कर देगा। इस समय ग्लोबल यील्ड शून्य करीब, यहां तक कि तमाम अर्थव्यवस्थाओं में यह शून्य से नीचे है और सरकार के लिए धन जुटाना सस्ता होगा, लेकिन केंद्रीय बैंक इसकी जरूरत नहीं महसूस कर रहा है क्योंकि घरेलू बॉन्ड यील्ड जनवरी के बाद से 100 आधार अंकों से भी ज्यादा कम हुआ है।
सॉवरिन बॉन्ड की मौजूदगी मुद्रा में नॉन डिलिवरेबल फॉरवर्ड (एनडीएफ) मार्केट की तरह से काम कर सकता है, जिससे घरेलू मुद्रा बाजार की धारणा संचालित होती है। रिजर्व बैंक का एनडीएफ बाजार पर कोई नियंत्रण नहीं होता, यह व्यापक तौर पर अटकलबाजियोंं से संचालित होता है। एनडीएफ बाजार की विनिमय दरें प्राय: स्थानीय दरें निर्धारित करती हैं। संकट के समय में यह कनेक्शन और ज्यादा स्वाभाविक हो जाता है। रिजर्व बैंक की पूर्व डिप्टी गवर्नर उषा थोराट की अध्यक्षता में बने एक कार्यबल ने सुझाव दिया था कि उसी तरह की बुनियादी ढांचा सुविधाएं और ऑनशोर मुक्त कारोबार की सुविधाएं देकर किस तरह से ऑफशोर बाजार को ऑनशोर लाया जा सकता है। बहरहाल मुद्रा के विपरीत से बॉन्डों की मात्रा का संचालन करना आसान नहीं है और ऐसे में इस तरह के अनुचित ऑफशोर प्रभाव की संभावना कम है। लेकिन रिजर्व बैंक को डर है कि इससे जो संकेत जाएगा, वह स्थानीय बाजार में व्यवधान डालने के लिए पर्याप्त होगा। एक और चिंता की बात यह है कि सभी बाजार हिस्सेदारों को डर है कि जब भी सॉवरिन बॉ्ज आएगा क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (सीडीएस) होगा और यह पूरी तरह से सट्टेबाजी पर आधारित होगा। चिंता की बात है कि इन सीडीएस का कारोबार होगा और आगे उसे टुकड़ोंं में विभाजित कर विभिन्न साधनों में समायोजित किया जाएगा। इसकी वजह से संपत्तियोंं का विभिन्न वर्ग बनेगा और इसका सरकार से कोई संबंध नहीं होगा बल्कि यह घरेलू बॉन्ड बाजार में संकेत भेजेगा। इससे साधनों में हेरफेर आसान होगा और इससे स्थानीय बॉन्डों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
पिछले सप्ताह एक नोट में इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च में कहा, 'इससे (सीडीएस) से जहां मूल्य की खोज में मदद मिलेगी, विदेशी बॉन्डों से घरेलू बाजार पर विदेशी बाजारोंं की वजह से विपरीत असर पड़ेगा। तमाम हेज फंड व निवेश कंपनियां सीडीएस कॉन्ट्रैक्ट कर सकती हैं, और इसमें सिक्योरिटी की जररूरत नहीं होगी व यह पूरी तरह से अटकलबाजियोंं पर आधारित होगा।' रिजर्व बैंक की चिंता भी कुछ इसी तरह की है, जिसका माना है कि विदेशी सॉवरिन बॉन्ड जारी किए जाने से 'फीडबैक प्रॉसेस' को प्रमुखता मिलेगी और घरेलू ऋण बाजार पर इसका असर पड़ेगा और इससे मौद्रिक नीति का असर कमजोर हो सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस तरह के बॉन्ड जारी करने का प्रस्ताव 2019-20 के बजट में रखा था और तर्क दिया था कि भारत का बाहरी कर्ज सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5 प्रतिशत से कम है। मार्च 2019 के आखिर तक कुल विदेशी कर्ज 103.8 अरब डॉलर था, जो जीडीपी का 3.8 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नरों ने इस कदम पर आपत्ति जताई है। रघुराम राजन ने कहा था कि इस कदम से लाभ होने की कोई संभावना तो नहीं है, लेकिन जोखिम भरपूर है। राजन ने कहा कि कुल 10 अरब डॉलर का बॉन्ड हो सकता है,जो सकल उधारी का 10 प्रतिशत है, लेकिन समय बीतने के साथ इसके बढऩे का डर है। सॉवरिन बॉन्ड जारी होने से रिजर्व बैंक के कर्ज प्रबंधन का अधिकार कम हो सकता है, जो केंद्रीय बैंंक संभवत: छोडऩा नहीं चाहेगा।
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13 Apr- 2018-3:03 PM 13 Apr- 2018-3:09 PM admin 162 Views 0 Comments प्रियंका चोपड़ा, फिल्म का ट्रेलर, बॉलीवुड, हॉलीवुड फिल्म
प्रियंका चोपड़ा की हॉलीवुड फिल्म का ट्रेलर देखकर आप भी हो जाएंगे भावुक देखें। बॉलीवुड के साथ-साथ हॉलीवुड में भी अपनी कला कर परचम लहराने वाली अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा एक बार फिर अपनी एक फिल्म के कारण चर्चा में आ गई हैं। हाल ही में प्रियंका की हॉलीवुड फिल्म ‘द किड लाइक जेक’ का ट्रेलर रिलीज़ हो गया है। फिल्म के ट्रेलर में आप देख सकते है प्रियंका चोपड़ा नजर आ रही हैं। इस फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद आप भी बहुत इमोशनल हो जाएंगे।
ट्रेलर देखकर ही आप समझ जाएंगे कि फिल्म की कहानी एक बच्चे और माता-पिता पर आधारित है। फिल्म में प्रियंका चोपड़ा मुख्य भूमिका में नजर आएंगी। प्रियंका के साथ इस फिल्म में जिस पर्सन्स और क्लेयर डांस भी मुख्य किरदार में नजर आएँगे। फिल्म के ट्रेलर में प्रियंका की एक झलक देखने को मिलती है जहां प्रियंका उस बच्चे से उसके बारे में पूछती हुई नजर आती हैं।
आपको बता दें इस फिल्म का प्रीमियर साल 2018 फेस्टिवल में भी हुआ था। इस दौरान प्रियंका ने फिल्म से सम्बंधित कई पोस्ट भी किये थे। जब से लोगों ने फिल्म का प्रीमियर देखा है तब से ही वो इस फिल्म को पसंद कर रहे है। कुछ दिन पहले ही प्रियंका को हॉलीवुड प्रोजेक्ट क्वांटिको सीजन 3 के ट्रेलर में भी देखा गया था।
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8 Feb- 2018-10:32 AM admin 0
4 Feb- 2018-1:44 AM admin 0
5 Mar- 2018-12:24 PM admin 0
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IL&FS संकट के लिए RBI जिम्मेदार, नियामकीय तौर पर रहा विफल: अरविंद सुब्रमण्यन - The Financial Express
IL&FS संकट के लिए RBI जिम्मेदार, नियामकीय तौर पर रहा विफल: अरविंद सुब्रमण्यन
सुब्रमण्यन ने अपनी जल्द आने वाली पुस्तक ‘आॅफ काउंसिल: द चैलेंजेज आॅफ मोदी-जेटली इकनॉमी’ में कहा है कि रिजर्व बैंक की अच्छी प्रतिष्ठा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह हमेशा सही है.
PTINovember 29, 2018 8:27 PM
वर्षों तक रिजर्व बैंक कर्ज भुगतान की समस्या की गंभीरता या नीरव मोदी और अन्य की धोखाधड़ी को नहीं पकड़ सका. (Reuters)
IL&FS के संकट को नियामकीय विफलता करार देते हुए वित्त मंत्री के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा है कि रिजर्व बैंक को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि IL&FS, RBI के नियमन के तहत आती थी, इसलिए इसमें संकट के मामले में केंद्रीय बैंक की जिम्मेदारी बनती है.
सुब्रमण्यन ने अपनी जल्द आने वाली पुस्तक ‘आॅफ काउंसिल: द चैलेंजेज आॅफ मोदी-जेटली इकनॉमी’ में कहा है कि रिजर्व बैंक की अच्छी प्रतिष्ठा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह हमेशा सही है. वर्षों तक रिजर्व बैंक कर्ज भुगतान की समस्या की गंभीरता या नीरव मोदी और अन्य की धोखाधड़ी को नहीं पकड़ सका.
NBFC पर पड़े प्रभाव के लिए भी RBI जिम्मेदार
किताब में सुब्रमण्यन ने लिखा है कि IL&FS की ताजा विफलता से न केवल वाणिज्यिक बैंक बल्कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां यानी एनबीएफसी भी प्रभावित हुई हैं. इन विफलताओं के लिए रिजर्व बैंक को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
रिजर्व के एक हिस्से का बैंक रिकैपिटलाइजेशन में करे इस्तेमाल
सुब्रमण्यन ने यह भी कहा है कि रिजर्व बैंक को निगरानी के दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी क्षमता सुधारने की जरूरत है. साथ ही उसे अपने भारी—भरकम आरक्षित भंडार यानी रिजर्व के एक हिस्से से संकट में फंसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निर्णायक तरीके से रिकैपिटलाइजेशन करना चाहिए. सुब्रमण्यन ने सबसे पहले 2018 की आर्थिक समीक्षा में यह राय दी थी. रिजर्व बैंक का आरक्षित भंडार 9.7 लाख करोड़ रुपये है.
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि यह सुझाव देकर मैं रिजर्व बैंक के मौजूदा और सभी पूर्व गवर्नरों की बात काट रहा हूं, जिनका कहना है कि केंद्रीय बैंक को अपने पास मौजूद पूरी पूंजी की जरूरत है.
कुछ कदमों की सराहना
भले ही सुब्रमण्यन ने आईएलएंडएफएस संकट को लेकर रिजर्व बैंक की आलोचना की है लेकिन साथ ही उन्होंने केंद्रीय बैंक के हालिया संपत्ति की गुणवत्ता की समीक्षा जैसे कुछ कदमों को सराहा भी है.
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3पूर्व CEA अरविंद सुब्रमण्यन ने नोटबंदी को बताया मॉनेटरी शॉक, कहा: अर्थव्यवस्था को लगा झटका
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कीनियाः नैरोबी के फ़ाइव स्टार होटल का बंधक संकट समाप्त - BBC News हिंदी
कीनियाः नैरोबी के फ़ाइव स्टार होटल का बंधक संकट समाप्त
कीनिया के राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा ने कहा है कि राजधानी नैरोबी में एक आलीशान होटल पर संदिग्ध चरमपंथियों का कब्ज़ा समाप्त हो गया है और हमलावरों को 'मिटा दिया गया है'.
मंगलवार को कुछ बंदूकधारियों ने शहर के वेस्टलैंड्स इलाक़े में स्थित डुस्टीडी-2 होटल और दफ़्तरों पर धावा बोला था जिसमें कम-से-कम 14 लोगों की मौत हो गई.
इस हमले की ज़िम्मेदारी सोमालिया के चरमपंथी समूह अल-शबाब ने ली है.
चश्मदीदों के मुताबिक हथियारों से लैस चार लोग होटल में दाखिल हुए और एक रेस्त्रां में पांच लोगों मौत हो हुई. अमरीकी राज्य विभाग के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक मारे गए लोगों में एक अमरीकी नागरिक शामिल है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ लगभग 30 ज़ख़्मी लोगों का इलाज नैरोबी के अस्पताल में चल रहा है.
पांच सितारा डुस्टीडी-2 होटल में 101 कमरे हैं. शहर के बिज़नेस सेंटर के बेहद पास स्थित इस कॉम्पेक्स में स्पा और कई रेस्त्रां भी हैं.
स्थानीय समयानुसार रात 11 बजे आतंरिक मंत्रालय सचिव फ़्रेड मटियांग ने बताया , ''इस कॉम्पलेक्स की सभी इमारतें अब सुरक्षित हैं. स्थिति अब हमारे क़ाबू में है. आतंकवाद हमें हरा नहीं सकता.''
इस बयान के लगभग एक घंटे बाद इलाके में गोलियों की आवाज़ सुनी गई.
ये हमला स्थानीय समयानुसार दोपहर तीन बजे शुरू हुआ. बंदूकधारियों ने इमारत में प्रवेश से पहले कार पर्किंग में बम फेंके. कीनिया के चीफ़ पुलिस जोसेफ़ बोइनेट ने बताया कि यहां हमलावरों में से एक ने खुद को बम के साथ उड़ा लिया.
पास की इमारत में काम करने वाली एक महिला ने समाचार एजेंसी रायटर्स से कहा, "मैंने गोलियां चलने की आवाज़ सुनी, फिर हाथ ऊपर उठाए लोगों को भागते हुए देखा, कुछ लोग अपनी जान बचाने के लिए बैंक में घुस रहे थे."
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धमाकों की आवाज़ भी सुनी गईं और कॉम्लेक्स से घना धुआं उठते हुए भी देखा गया है. पार्किंग में खड़े वाहनों में आग भी लग गई है.
हमले के फौरन बाद की तस्वीरें
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हमले में फंसे रोन जेनो ने ट्वीट किया, "अगर मैं मारा गया तो ईश्वर को प्रेम करूंगा और मुझे विश्वास है कि मैं स्वर्ग में रहूंगा. कृपया मेरे परिवार से कहें कि मैं उन्हें बहुत प्यार करता हूं, कालेब, मार्क और कैरोल मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं."
एक और ट्वीट में रोन ने बताया, "हम अभी भी बाथरूम में फंसे हुए हैं और इमारत में गोलियां चल रही हैं. हमारे लिए दुआ करें."
हालिया सालों में कीनिया में कई हमले की घटनाएं सामने आई हैं. ज़्यादातर हमले देश की राजधानी के सोमाली सीमा के क़रीब किए गए.
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छत्तीसगढ़ सरगुजा दूध में कीड़े की सजा 350 रु. जुर्माना July 10, 2016July 11, 2016
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अंबिकापुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में दूध में कीड़े मिलने पर 350 रुपये जुर्माना किया गया है. यह जुर्माना दूध की सप्लाई करने वाले देवभोग कंपनी पर नहीं बल्कि उसे मैनपाट तक परिवहन करके लाने वाले पर किया गया है. इस जुर्माने के अलावा दूध का परिवहन करने वाले पर छः पैकेटो के खराब हो जाने के कारण प्रति पैकेट बावन रुपया पचास पैसे की दर से तीन सौ पन्द्रह रुपये अलग से वसूला जायेगा.
आंगनबाड़ी केन्द्र में दूध के पैकेट की शिकायत पाये जाने पर कार्यक्रम अधिकारी चंद्रबेश सिसोदिया शनिवार को मैनपाट पहुंचे. उन्होंने टेट्रा पैक के स्थान पर पॉलीपैक में अमृत दूध सप्लाई किये जाने पर यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह देवभोग का विषय है.
दूध के परिवहनकर्ता पर साढ़े तीन सौ रुपयों का जुर्माना लगाये जाने पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि यह मामलें पर कार्यवाही न करके उसे हल्के ढ़ंग से लेना है. उन्होंने कहा इस मामलें को कांग्रेस छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में उठायेगी.
उन्होंने कहा कि एक अच्छी योजना के क्रियांवयन में लापरवाही बरती जा रही है जिससे बच्चों का नुकसान हो रहा है. टीएस सिंहदेव ने दूध के पैकेट पर कीड़े मिलने पर की गई कार्यवाही को लापरवाही पूर्ण करार दिया है.
कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेश सिसोदिया ने कहा कि घर में उपयोग किये जाने वाले दूध को भी बेहतर तरीके से रखा जाता है, ताकि उसमें किसी प्रकार की खराबी न आ जाये. इसी प्रकार बच्चों को पिलाने के लिए मिलने वाले दूध के पैकेट की जांच भी पूरी सावधानी के साथ रखना होगा, ताकि पैकेजिंग एवं रख-रखाव के दौरान किसी तरह की खराबी आने पर संबंधित दूध का सेवन न कराया जाये. उन्होंने कहा कि है कि यू.एच.टी. विधि से निर्मित दूध की पैकेजिंग के दौरान पूरी सावधानी बरती जाती है तथा उसके गुणवत्ता की जांच भी की जाती है. इसके बावजूद भी संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दूध पिलाने से पूर्व पैकेट की सूक्ष्मता से जांच करने के निर्देश दिये गये है.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में कुपोषण दूर करने के लिये बांटे जाने वाले दूध में कीड़े मिले हैं. छत्तीसगढ़ के सरगुजा के मैनपाट में बच्चों को बांटे जाने वाले अमृत दूध के पैकेट के ऊपर कीड़े लगे हुये पाये गये. छत्तीसगढ़ में मई माह से मुख्यमंत्री अमृत योजना शुरु की गई है. जिसके तहत राज्य के 50 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रो में तीन से छः साल के बच्चों को सप्ताह में एक दिन मीठा दूध दिया जा रहा है. इसके लिये धन राज्य सरकार की ओर से दिया जा रहा है. आंगनबाड़ी केन्द्रो में पहले से ही कुपोषण दूर करने के लिये बच्चों को गर्म नाश्ता दिया जा रहा है.
इस साल लोक सुराज अभियान के समय मुख्यमंत्री अमृत योजना का शुभारंभ किया गया.
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महाराष्ट्र में 50-50 के अपने ही फॉर्मूले में फंस गई शिवसेना,
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... water is meaningless for children here
..यहां बच्चों के लिए पानी ही बेमानी
खलीलाबाद के प्राथमिक विद्यालय गोलारगड़गंज में लगे इंडिया मार्क हैंडपंप बदबूदार पानी देते हैं।
संतकबीर नगर: खलीलाबाद के प्राथमिक विद्यालय गोलारगड़गंज में लगे इंडिया मार्क हैंडपंप बदबूदार पानी देते हैं। मगहर स्थित कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय के दोनों इंडिया मार्क हैंडपंपों से एक बूंद पानी नहीं निकलता। जिले के अनेक विद्यालयों का यही हाल है। एक तरफ कानवेंट स्कूल की तर्ज पर परिषदीय विद्यालयों में सुविधा देने की पहल चल रही है, दूसरी तरफ यहां बच्चों के लिए पानी तक बेमानी बन हुआ है।
जिले के नौ ब्लाक में 1,518 विद्यालयों में करीब 2,700 में से 23 फीसद इंडिया मार्क हैंडपंप खराब हैं। माडल प्राथमिक विद्यालय खलीलाबाद प्रथम में 225 बच्चों के लिए दो इंडिया मार्क हैंडपंप लगे हैं, एक खराब है। कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय मगहर द्वितीय के परिसर में प्राथमिक विद्यालय भी है। दोनों हैंडपंप बेपानी हैं। यहां 98 बच्चियां पढ़ती हैं।
यहां है हैंडपंप खराब
प्राथमिक विद्यालय मैलानी, प्राथमिक विद्यालय रक्शा, देवडीह, कुईपार व उच्च प्राथमिक विद्यालय-मेंहदावल सहित अन्य परिषदीय विद्यालयों के हैंडपंप खराब हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालय जंगलऊन, प्राथमिक विद्यालय मीरगंज द्वितीय में हैंडपंप लगे ही नहीं। विद्यालयों के खराब हैंडपंपों को ठीक कराया जाएगा। यहां सब मर्सीबल पंप लगाने का प्रस्ताव है। दिक्कत दूर कर साफ पानी उपलब्ध कराने की पहल चल रही है।
सत्येंद्र कुमार सिंह, बीएसए
..तो दम घुटने से हुई वहाब व केदारनाथ की मौत
# ... water is meaningless for children here
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मोदी सरकार ने रूस के प्रस्ताव को किया खारिज, अडानी ग्रुप के साथ करना चाहता था ये काम | Bhasmasur
मोदी सरकार ने रूस के प्रस्ताव को किया खारिज, अडानी ग्रुप के साथ करना चाहता था ये काम
मोदी सरकार ने रूस के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने अडानी ग्रुप के साथ मिलकर भारत में एके-सीरीज की आधुनिक असॉल्ट राइफलें बनाने की पेशकश की थी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की रूस यात्रा होनी है। इस यात्रा में क्लाशनिकोव-103 असॉल्ट राइफलों के भारत में उत्पादन को लेकर दोनों देशों के बीच करार को लेकर वार्ता हो सकती है।
रूस ने प्रस्ताव दिया था कि वह भारत में अपनी इस असॉल्ट राइफल के संयुक्त उत्पादन के लिए निजी क्षेत्र की कंपनी अडानी के साथ साझेदारी करना चाहता है लेकिन भारत ने इस प्रस्ताव से इनकार कर दिया. नियमों के मुताबिक दो सरकारों के बीच हुए समझौते में कोई भी पक्ष अपने लिए निजी क्षेत्र के सहयोगी का नाम नहीं सुझा सकता.
इन राइफलों के संयुक्त उत्पादन के लिए रूस की ओर से साझेदार वही कंपनी होगी, जो एके-47 सीरीज की राइफलें बनाती है. साझेदार कंपनी चुनने में छूट न मिलने के बाद देश की ऑर्डिनेंस फैक्टरी को संभवतः प्रोडक्शन एजेंसी बनाया जा सकता है.
रक्षा मंत्रालय की असल योजना के मुताबिक, ऑर्डिनेंस फैक्टरी को इस प्रोजेक्ट में प्रोडक्शन एजेंसी बनाया जा सकता है. एके-103 राइफलें एक-47 असॉल्ट राइफलों का आधुनिक वर्जन हैं. यह पूरी दुनिया में काफी पसंद की जाती है. एके-47 राइफलों को उत्पादन दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद शुरू हुआ था.
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सहारा ने संपत्ति की बिक्री के लिए बोली समयसीमा बढ़ाकर की 20 मई - IndiaTV Paisa
Dharmender Chaudhary | Apr 30, 2017 | 4:27 PM
नई दिल्ली। समस्या में फंसे सहारा समूह ने अपनी 30 संपत्ति की बिक्री के लिए बोली सीमा 20 मई तक के लिए बढ़ा दी है। इसका कारण है कि इन संपत्तियों में रूचि रखने वाली कंपनियों ने संपत्तियों की जांच-पड़ताल के लिए कुछ और समय मांगा है। संभावित खरीददारों में टाटा, गोदरेज और अडाणी जैसे संभावित खरीदार शामिल हैं। यह भी पढ़ें: देश में फोन यूजर्स की संख्या बढ़कर 1.18 अरब हुई, फरवरी में जारी हुए 1.37 करोड़ नए मोबाइल कनेक्शन
नाइट फ्रैंक से 13 अप्रैल तक संपत्ति की बिक्री पूरी करने को कहा गया था ताकि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार समयसीमा का पालन हो सके लेकिन संभावित खरीदारों द्वारा समय मांगे जाने से ऐसा नहीं हो पाया। सहारा समूह की ये संपत्ति दिल्ली, पुणे, इंदौरान, लखनऊ, कोयंबटूर, चंडीगढ़, भोपाल, गुना, कोलकाता, हरिद्वार आदि जगहों पर स्थित हैं। यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार ने NGT के डीजल वाहनों पर दिए ऐतिहासिक आदेश का किया विरोध, कहा – कानून के प्रावधानों से अलग है आदेश
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थोक मेकअप आंखों के छायाएं पैलेट
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भाजपा कांग्रेस एक है और मिलकर जनता को लूट रही हैं: AAP - 24 Hindi News
भाजपा कांग्रेस एक है और मिलकर जनता को लूट रही हैं: AAP
भोपाल- छिन्दवाड़ा प्रवास के दूसरे दिन राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य व प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने अमरवाड़ा, छिन्दवाड़ा शहर जुनारदेव का दौरा किया। अग्रवाल ने इन तीनो क्षेत्र में पदाधिकारियों की कार्यशाला ली और संगठन में चल रही गतिविधियों पर चर्चा की। कार्यशाला में सभी कार्यकर्ताओ ने संगठन पर अपनी बात रखी।
कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए अग्रवाल ने कहा कि 1 माह में हमे हमारे संगठन को बूथ स्तर लेकर जाना है। जब संगठन बूथ तक होगा तो हम दिल्ली की आम आदमी पार्टी के अच्छे कार्यो को आसानी से जनता बीच ले जा पाएगे
अग्रवाल ने कहा भाजपा कांग्रेस एक है और मिलकर जनता को लूट रही हैं। प्रदेश में विपक्ष के सभी मुद्दे आम आदमी पार्टी उठा रही है, चाहे बिजली दर का मुद्दा हो, पानी का या शराब बंदी का। प्रदेश की जनता यह सब देख रही है और प्रदेश में भी दिल्ली की तरह व्यवस्था परिवर्तन होगा।
गरीबो के हक़ मार रही है बीजेपी सरकार: आप राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य व प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल छिन्दवाड़ा के दौरे पर है। इस प्रवास का मुख्य मक़सद संगठन की समीक्षा है। यात्रा की शुरुवात अग्रवाल ने चौराई विधानसभा में समीक्षा बैठक से की। बैठक में चौराई विधानसभा के सभी सेक्टर प्रभारी ने भागीदारी की। तत्पश्चात सौसर विधानसभा में उन्होंने संगठन की समीक्षा की और किसानो से मुलाकात की।
बैठक के दौरान अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। मध्य प्रदेश में भी जनता हमे बहुत पसंद करती है और हमारे साथ जुड़ रही है। बस इन्हे जोड़कर हमे संगठन पूरा करना है। संगठन के माध्यम से ही हम दिल्ली में हो रहे जनता हितैषी कार्यो को जनता के बीच पुहँचा पाएगे।
अग्रवाल ने कहा बीजेपी सरकार गरीबो का हक़ मार रही है। बीपील कार्ड गरीबो की जगह उनको मिला है जिन्हें इसकी जरूरत नही है। चौराई नगर पालिका में 13 शासकीय कर्मचारी भी बीपील कार्ड धारक पाए गए है। आम आदमी पार्टी गंभीरता से इस मद्दे पर कार्य कर रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल कल छिन्दवाड़ा शहर में कार्यकर्ताओ को सम्बोधित करेगे।
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पेमेंट के लिए इन माध्यमों का सबसे अधिक इश्तेमाल करते हैं भारतीय
नई दिल्ली : खरीदारी के लिए भारतीय डिजिटल पेमेंट को तरजीह देते हैं। एसीआई वर्ल्डकवाइड और यूजीओवी द्वारा करवाए गए एक सर्वे में यह जानकारी आगे पढ़ें »
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हर दिन को महिला दिवस के रूप में मनाया जाए: सूचना एवं प्रसारण मंत्री
सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति जूबिन ईरानी ने कहा कि वह उत्साह जिससे महिलाएं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन करती हैं, एक दिन तक सीमित नहीं रहना चाहिए, वरन् इसे पूरे वर्ष मनाया जाना चाहिए. वह 8 मार्च, 2018 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर यहॉं इंदिरा गॉंधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आई जी एन सी ए) में आयोजित त्रिदिवसीय शक्ति पर्व को संबोधित कर रहीं थी.
केंद्रीय मंत्री ने तीन पुस्तकों नामत: रानी लक्ष्मीबाई, रजिया सुल्तान और ‘प्राचीन भारत के स्त्री रत्न’ का भी इस अवसर पर विमोचन किया. उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई और रजिया सुल्तान पर पुस्तक प्रकाशित करने के लिए प्रकाशन विभाग की सराहना भी की. इन पुस्तकों को एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत् 13 भाषाओं में प्रकाशित किया गया है. रानी लक्ष्मीबाई पर पुस्तक को मराठी, संस्कृत, बंगाली, गुजराती, तेलुगू, तमिल, उर्दू, पंजाबी, मलयालम, कन्नड़, मैथिली, अंग्रेजी और उडिय़ा भाषा में प्रकाशित किया गया है, जबकि रजिया सुल्तान पर पुस्तक को मराठी, संस्कृत, बंगाली, गुजराती, तेलुगु, तमिल, उर्दू, पंजाबी, मलयालम, कन्नड़, मैथिली, असमी और उडिय़ा भाषा में प्रकाशित किया गया है.
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अरबों के बजट वाला बच्चों का मरघट - With a budget of billions of children crematorium - AajTak
अरबों के बजट वाला बच्चों का मरघट
स्वास्थ्य सेवाओं के करोड़ों रु. के घोटाले अगर आपको सिर्फ आंकड़े लगते हैं तो इसकी मानवीय कीमत जानने के लिए पूर्वी यूपी आना चाहिए. यहां बच्चे जिस तरह से दम तोड़ रहे हैं और अपाहिज हो रहे हैं, वह भारतीय लोकतंत्र पर काला धब्बा है. बच्चों का श्मशान बने कुशीनगर से लौटकर बता रहे हैं आशीष मिश्र.
लखनऊ, 27 नवंबर 2012, अपडेटेड 04 दिसंबर 2012 08:34 IST
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से 80 किमी दूर कुशीनगर का जिला अस्पताल इन्सेफ्लाइटिस (दिमागी बुखार) की रोकथाम के सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी है. जून माह में राज्य सरकार ने राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग को एक रिपोर्ट भेजकर इन्सेफ्लाइटिस पीडि़त कुशीनगर इलाके के जिला अस्पताल को 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का दावा किया.
हकीकत यह है कि 24 घंटे चलने वाली इमरजेंसी सेवा के लिए यहां एक भी मेडिकल ऑफिसर तैनात नहीं है. इन्सेफ्लाइटिस रोगियों के लिए अलग से कोई आइसीयू भी नहीं है. गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज का नेहरू अस्पताल शायद देश का इकलौता अस्पताल है, जहां बीते 34 वर्ष के दौरान 8,300 बच्चे इन्सेफ्लाइटिस के कारण दम तोड़ चुके हैं. चाचा नेहरू के नाम पर बने अस्पताल में इस साल अब तक 490 मासूम इस बीमारी से जिंदगी की जंग हार चुके हैं, और सैकड़ों बच्चे अब भी मौत से संघर्ष कर रहे हैं.
कुशीनगर के रामपुर गांव से आई 35 वर्षीया शीला की तीन साल की बेटी प्रीति आइसीयू में वेंटिलेटर की नकली सांसों के सहारे इस बीमारी से लड़ रही है तो इसी बिस्तर पर दो साल का आफरीन भी अचेत पड़ा है. वेंटिलेटर का मॉनिटर बता रहा है कि आफरीन की सांसें ठीक चल रही हैं, लेकिन वह कब तक खुद की सांसों के सहारे जीने लगेगा, डॉक्टर इस बारे में कुछ नहीं बता पा रहे. एक हफ्ते के भीतर यहां 18 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है और 108 बिस्तरों वाले इस वार्ड में भर्ती 96 बच्चों के परिजन हर वक्त किसी अनहोनी की आशंका के साथ जी रहे हैं.
इन्सेफ्लाइटिस पूर्वांचल के जिलों के लिए एक त्रासदी बन चुकी है. गोरखपुर, देवरिया, बस्ती, महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्घार्थनगर, संत कबीर नगर, बहराइच, लखीमपुर खीरी और गोंडा में हर साल इस बीमारी के कारण सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है. इस बार भी 20 नवंबर तक इन जिलों में कुल मिलाकर दिमागी बुखार से पीडि़त 3,112 मरीज सामने आ चुके हैं, जिनमें 510 की मृत्यु हो चुकी है.
पिछले सात वर्षों के दौरान इस बीमारी ने 25,000 से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया है और अब तक कुल 4,907 के लिए यह जानलेवा साबित हुई है. हालांकि जाड़े का मौसम आते ही बीमारी अपने ढलान पर है, लेकिन भर्ती मरीजों की मौत का सिलसिला अब भी जारी है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. के.पी. कुशवाहा बताते हैं, ''इन्सेफ्लाइटिस बीमारी से पीडि़त 30 से 40 फीसदी बच्चों की मृत्यु हो जाती है.”
पूर्वांचल के जिलों में दिमागी बुखार की यह बीमारी 1978 से हर वर्ष हजारों बच्चों को अपनी चपेट में ले रही थी, लेकिन 2005 में इसके सबसे भयंकर रूप में सामने आने पर केंद्र और राज्य सरकार चेतीं. बीमारी के कारणों पर शोध हुआ तो जापानी इन्सेफ्लाइटिस (जेई) वायरस की पहचान हुई, जो बच्चों की मौत का कारण था.
इसके बाद 2006 में 3,500 करोड़ रु. खर्च करके 60 लाख और चार साल बाद 2010 में 5,500 करोड़ रु. खर्च करके 75 लाख बच्चों को जापानी इन्सेफ्लाइटिस से बचाव के टीके लगाए गए. टीकाकरण का असर दिखा और जापानी इन्सेफ्लाइटिस से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट आई. 2005 में जहां जापानी इन्सेफ्लाइटिस से मरने वाले बच्चों की संख्या 1,101 थी, वहीं 2011 में यह 165 रही और इस वर्ष अब तक 141 मरीजों को जापानी इन्सेफ्लाइटिस ने अपना शिकार बनाया है.
जेई का प्रकोप भले कम हो गया पर दूसरी तरह के वायरस का खतरा बढ़ गया है. वर्ष 2007 से अब तक हर वर्ष दिमागी बुखार से मरने वाले बच्चों की तादाद 500 का आंकड़ा पार कर रही है और 3,000 से ज्यादा बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं.
डॉ. कुशवाहा बताते हैं, ''बीते पांच वर्षों में जेई वायरस का प्रकोप कम हुआ है. अब एंटीरोवायरस बीमारी की वजह बन रहा है.” दूषित पेयजल के जरिए बदन में दाखिल होकर दिमाग में सूजन पैदा करने वाले एंटीरोवायरस से बचाव के लिए कोई टीका नहीं है. केवल स्वच्छता से इसे फैलने से रोका जा सकता है, लेकिन इस ओर कोई भी प्रयास नहीं हो रहे हैं.
समाजसेवी संस्था पूर्वांचल ग्रामीण सेवा समिति के उप-निदेशक फादर सोबिन बताते हैं कि दिमागी बुखार से पीडि़त ज्यादातर मरीज ग्रामीण इलाकों से आ रहे हैं. यहां पर भूगर्भ जल की ऊपरी परत प्रदूषित है. वे कहते हैं, ''गांवों में हैंड पंपों की बोरिंग 80 फुट तक ही गहरी है, जिसे बढ़ाकर कम-से-कम 120 से 150 फुट करना चाहिए. यह बीमारी रोकने में कारगर हो सकता है.”
बीमारी की रोकथाम के लिए चले सरकारी टीकाकरण अभियान पर भी सवाल उठ रहे हैं. गोरखपुर में 'इन्सेफ्लाइटिस उन्मूलन अभियान’ के चीफ कैंपेनर और वरिष्ठï बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.एन. सिंह कहते हैं, ''जेई टीकाकरण तभी कारगर है, जब एक टीके के 365 दिन के भीतर दूसरी डोज भी दी जाए, लेकिन सरकार केवल एक ही डोज से काम चला रही है.”
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के आइसीयू में भर्ती गोविंदपुर, देवरिया निवासी सात वर्षीय आभास के पिता 30 वर्षीय अवधेश राम कहते हैं, ''दो साल पहले मेरे बेटे को जेई का टीका लगने के बावजूद उसे बीमारी हो गई.”
असल में स्थानीय प्रशासन के पास अभी तक कोई ऐसा आंकड़ा नहीं है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि किन लोगों का टीकाकरण हुआ है. सरकार का दावा है कि दिमागी बुखार पीडि़त जिलों में शत-प्रतिशत लोगों को टीका लगाया गया है. स्वास्थ्य निदेशालय में तैनात एक संयुक्त निदेशक बताते हैं कि विभाग के पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि किन लोगों को टीके लगाए गए थे. इससे इस बात की पड़ताल नहीं हो पा रही कि टीकाकरण कितना प्रभावी साबित हुआ है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रो. डी.के. श्रीवास्तव सुझाव देते हैं, ''दिसंबर महीने में शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान में राशन कार्ड या बीपीएल कार्ड में टीका लगाए जाने की जानकारी दर्ज करनी चाहिए.”
बदकिस्मती से दिमागी बुखार के मरीजों से पटा पड़ा बीआरडी मेडिकल कॉलेज का बाल रोग विभाग भी डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. 2009 में कॉलेज के बाल रोग विभाग में 6 वरिष्ठ शिक्षक, 10 सीनियर रेजिडेंट, 20 जूनियर रेजिडेंट समेत अन्य सहायक कर्मचारियों के 159 पद सृजित हुए, लेकिन अभी तक डॉक्टरों के पद भर नहीं पाए हैं. मेडिकल कॉलेज में चार सीनियर रेजिडेंट, चार जूनियर रेजिडेंट और महज एक शिक्षक तैनात है. बाकी पद खाली हैं.
इस कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. कुशवाहा बताते हैं कि उक्त पदों पर तैनात लोगों के वेतन के लिए एनआरएचएम से 2009 में 5 करोड़ 88 लाख रु. मिले थे, जो पिछले वर्ष अप्रैल माह में समाप्त हो गया. इसके बाद वेतन की राशि की अगली किस्त जारी होने में करीब पांच माह का समय लगा और संविदा यानी कांट्रेक्ट पर तैनात सभी शिक्षक मेडिकल कॉलेज छोड़कर चले गए थे. नई तैनाती के लिए प्रयास चल रहा है. कुशवाहा कहते हैं, ''मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में डिप्लोमा की सीटें वर्ष 2013 में 10 से बढ़कर 20 हो जाएंगी. इससे डॉक्टरों की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी.”
इन्सेफ्लाइटिस से पीडि़त 10 जिलों में से गोरखपुर को छोड़कर अन्य किसी जिले में अभी तक वेंटिलेटर युक्त आइसीयू नहीं है. इन जिलों में मौजूद कुल 53 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों—सीएचसी—में से आधे में बच्चों के डॉक्टर तैनात नहीं हैं. कुशीनगर के कसया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दिमागी बुखार से पीड़ित बच्चों के लिए अलग वार्ड तो बना दिया गया, लेकिन इलाज के लिए जरूरी ऑक्सीजन, एम्बुबैग की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण पिछले चार माह के दौरान यहां से 350 मरीजों को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग की कोर कमेटी के चेयरमैन डॉ. योगेश दुबे कहते हैं, ''इन्सेफ्लाइटिस से हजारों बच्चों की मौत के लिए केंद्र और राज्य, दोनों ही सरकारें जिम्मेदार हैं.”
पूर्वांचल के लिए अभिशाप बन गए दिमागी बुखार ने अब तक 20,000 बच्चों को जीवन भर की विकलांगता भी दी है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में भर्ती दो वर्षीया पूजा दिमागी बुखार से तो जीत गई, लेकिन बड़ी दिमाग की कोशिकाओं के बड़ी संख्या में नष्टï हो जाने के कारण उसका मस्तिष्क खराब हो चुका है. बिस्तर पर पड़ी पूजा लगातार अपना पैर चला रही है और डॉक्टरों का कहना है कि अब वह जीवनभर ऐसे ही करती रहेगी. ऐसे मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज में बना मनोविकास केंद्र औपचारिकता भर है.
मानसिक रूप से विकलांग हो चुके बच्चों के लिए यहां एक भी न्यूरोलॉजिस्ट नहीं है. जर्जर भवन में चल रहे इस केंद्र में संविदा पर तैनात डेढ़ दर्जन कर्मचारी कुछ उपकरणों के सहारे विकलांगों के पुनर्वास की कोशिश करते हैं. लेकिन कितनों को अब तक इस केंद्र से लाभ मिला है, इसका कोई ब्यौरा उपलब्ध नहीं है. इसी ब्यौरे को दर्ज करने के लिए यहां के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लगाया गया कंप्यूटर अरसे से खराब पड़ा है. पूर्वांचल के 10 पीडि़त जिलों के बीच एकमात्र मनोविकास केंद्र होने के बावजूद यहां अधिकतम 15 से 20 मरीज ही हर रोज पहुंचते हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन कहते हैं, ''हमारी सरकार दिमागी बुखार से पीडि़त जिलों के अस्पतालों में वेंटिलेटर युक्त आइसीयू मुहैया कराने की दिशा में प्रयास कर रही है. यहां कम-से-कम 100 वेंटिलेटर लगेंगे. जिन अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी है, उसे पूरा किया जा रहा है. प्रदेश के मुख्य सचिव इस बीमारी की रोकथाम पर लगातर नजर रख रहे हैं. हमारी सरकार दिमागी बुखार से हो रही मौतों को हर हाल में रोकेगी.’’
मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने इन्सेफ्लाइटिस प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों को ऐसी व्यवस्था करने को कहा है कि अगले साल इससे कोई मौत न हो. उन्होंने उनकी जिम्मेदारियों को स्पष्ट कर दिया है और यह भी जता दिया है कि इस बीमारी से मौत के मामलों में अधिकारियों को जिम्मेदार माना जाएगा. पाड़ित बच्चों और उनके माता-पिता की परेशानियों से सरकार की नींद खुल जाए तो सरकारी अधिकारी और कर्मचारी रोकथाम के उपाय करके काफी मासूमों की जिंदगी बचा सकते हैं.
दिमागी बुखार से अब तक 251 की मौत
दिमागी बुखार से अबतक 227 बच्चों की मौत
दिमागी बुखार: इस साल भी वही मंजर, वही तबाही
दिमागी बुखार से मरने वालों की संख्या 42 हुई
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How to Handle the Changing Personality of Your Partner
Editorial04 Oct 2019, 15:17 IST
समय के साथ बदल गया है आपका पार्टनर, तो उसे इस तरह करें हैंडल
अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आपका पार्टनर अब पहले जैसा नहीं रहा तो आप परेशान होने की बजाय इन टिप्स को अपनाएं।
बदलाव प्रकृति का नियम है। एक वक्त में बाद हर चीज में बदलाव आता ही है, भले ही वह आपका रिश्ता ही क्यों न हो। अमूमन देखने में आता है कि रिश्ते की शुरूआत में व्यक्ति के मन में अपने पार्टनर को लेकर प्यार व जुनून होता है, लेकिन समय के साथ-साथ वह जुनून भी कम होने लगता है। साथ ही एक वक्त के बाद व्यक्ति की जिम्मेदारियां बढ़ने लगती हैं और वह अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में इस कदर व्यस्त हो जाता है कि उसका स्वभाव बदलने लगता है और उसे इसका पता ही नहीं चलता। पुरूष को भले ही इस बात का अहसास न हो, लेकिन उनमें आने वाले बदलावों का असर न सिर्फ रिश्ते पर पड़ता है, बल्कि इसके कारण महिला के मन में भी कई तरह की उथल-पुथल होने लगती है। अगर आप भी अपने पार्टनर के बदलते स्वभाव के कारण बैचेन हैं, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। इन आसान उपायों को अपनाकर आप बेहद आसानी से इसे मैनेज कर सकती हैं-
अगर आपको अपने पार्टनर में बदलाव नजर आ रहे हैं तो उसके लिए पैनिक न हों। दरअसल, कई बार व्यक्ति अपने कामों में इस कदर उलझ जाता है कि उसका स्वभाव थोड़ा बदल जाता है। यह बिल्कुल सामान्य है और इसमें परेशान होने की कोई बात नहीं होती। आप इसे सहजता से लें, अगर आप ऐसा करेंगी तो इससे आपके रिश्ते पर असर नहीं पड़ेगा।
अपने पार्टनर के व्यवहार को लेकर परेशान होने या झगड़ा करने से पहले आप खुद से भी सवाल करें और पूछे कि क्या आपका स्वभाव भी अब पहले जैसा ही है। क्या अब भी आप अपने पार्टनर के साथ वैसा ही व्यवहार करती हैं, जैसा पहले किया करती थीं। यकीनन आपको जवाब ना में ही मिलेगा, जिस तरह समय बीतने और जिम्मेदारियों के बढ़ने के बाद आपका स्वभाव बदल गया है, उसी तरह आपके पार्टनर के व्यवहार में परिवर्तन आना स्वाभाविक है।
अगर आपको लग रहा है कि आपके पार्टनर के स्वभाव में परिवर्तन के पीछे कोई परेशानी है। मसलन, अगर आपके पार्टनर के चेहरे पर आपको चिंता नजर आती है, उनके खाना खाने का तरीका भी बदल गया है और वह ज्यादातर चुप-चुप रहते हैं तो इसका अर्थ है कि वह मन ही मन किसी बात को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में आप उनसे बात जरूर करें और यह जानने का प्रयास करें कि किस बात की वजह से उनका स्वभाव बदला है। जब आपको कारण पता चल जाए तो आप अपनी परेशानी जरूर साझा करें।
लाएं नयापन
जीवन जब एक ही ढर्रे पर चलने लगता है तो उसमें एक बोरियत छा जाती है और इस बोरियत का असर आपके स्वभाव पर भी पड़ता है। ऐसे में अपने रिश्ते में नयापन लाने के लिए आपको ही कुछ कदम उठाने होंगे। जैसे आप अपने पार्टनर के लिए सरप्राइज डिनर डेट या वेकेशन प्लान कर सकती हैं। जब आप दोनों को अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी से छुट्टी मिलेगी तो आपको अपने रिश्ते को रिजुविनेट करने का मौका मिलेगा।
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कई बार पार्टनर का बदलता स्वभाव आपके रिश्ते के लिए खतरे की घंटी हो सकता है और आपको समय रहते ही इस दस्तक को सुन लेना चाहिए। जैसे अगर आपके पार्टनर का व्यवहार एकदम से काफी बदल गया हो और वह आपसे बातें छिपाने लगें या फिर अपने फोन में लॉक रखें। आपसे छिपकर दूसरों से बात करें। इस तरह के बदलते व्यवहार को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें और अपने पार्टनर से इस बारे में साफ-साफ बात करें।
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रंग रंग की होली - दीपिका जोशी का आलेख
पर्व परिचय
- दीपिका जोशी
उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश की होली अत्यंत प्रसिद्ध है। यह वह स्थान है जहाँ कृष्ण ने गोपियों के साथ होली खेली थी। रंग खेलने की वह परंपरा आज भी चली आ रही है और देश विदेश से होली का रसास्वादन करने के लिए लोग होली के दिन मथुरा में उमड़ पड़ते हैं।
ब्रजभूमि में गाँवों की तरफ होली का मौसम माघ पूर्णिमा से रंगपंचमी (फाल्गुन कृष्ण पंचमी) तक होता है। बेटा और बेटी के ससुराल वालों को भी रंग लगाकर खूब अच्छी आवभगत की जाती है। मथुरा के आसपास नंदगाँव, बरसाना, गोकुल, लोहबन और बलदेव जैसे गाँवों में एक हफ्ते पहलेसे ही होली खेलना शुरू हो जाता है।
होली की शाम का उत्सव सारे भारत में लकडियाँ इकठ्ठी कर के जलाने से शुरू होता है। दूसरे दिन सुबह रंगों की होली खेली जाती है। लकड़ियाँ जलाना होलिका नामक राक्षसी को जलाने का प्रतीक है। होली में नई फसल का मक्का, चना, गेहूँ की बाल, गन्ना, नारियल, पूरी और गुलाल भोग के रूप में चढ़ाया जाता है और अन्न की फलियों को इस आग में भूनकर खाया जाता है। होली की जलती हुई एक लकड़ी को लाकर घर में हर जगह घुमा कर, उसके धुएँ से घर को पवित्र किया जाता है। होली के गीत जोर शोर से गाए जाते हैं।
दूसरा दिन सुबह से रंगों शुरू हो जाता है। एक हफ्ते पहलेसे ही इसकी तैयारियाँ शुरू होती हैं। बाज़ारों की रौनक देखते ही बनती है। सब तरफ रंगों के ढेर, जो मर्जी रंग खरीद सकते हैं आप। पानी में रंग मिलाकर रंगीन पानी तैयार किया जाता है और पिचकारियों में भरकर उड़ाया जाता है। गुब्बारे में सादा या रंगीन पानी भरकर एक दूसरे पर फेंकते हैं। यदि यह गुब्बारा मुँह पर पड़ा तो मुँह सूजे बिना नही रहेगा, बड़ी जोर से मार लगती है इसकी।
पूर्णिमा के तीन दिन पहले 'रंग पाशी' मनाया जाता है। घर के सारे रिश्तेदार कहीं एक जगह इकठ्ठे होते हैं। दोस्तों मेहमानों को भी न्योता दिया जाता है। घर के बुजुर्ग सब पर रंग छिड़कते हैं। ढोलक डमरू भी बजते रहते हैं। सभी लोग नमकीन, पापड़ी और गुज़िया, दही बड़े का लुत्फ उठाते हैं। कुछ लोग ठंडाई या भांग का मजा लेते हैं। इस दिन सब अपने गिले शिकवे मिटाकर वातावरण को खुशनुमा और उत्साहभरा बना देते हैं।
बरसाना में गोसेन परिवार की 'लठ्ठ-मार होली' तो सारे भारत में प्रसिद्ध हैं। राधा-कृष्ण की लीलाएँ इसी गाँव से संबधित है। इस गाँव की औरतें हाथ में लाठियाँ ले कर निकलती हैं। नंदगाँव के पुरुष होली खेलने बरसाना गाँव में आते हैं और बरसाना गाँव के लोग नंदगाँव में जाते हैं। इन पुरुषों को 'होरियारे' कहा जाता है। जब नाचते झूमते लोग गाँव में पहुँचते हैं तो औरतें हाथ में ली हुई लाठियों से उन्हें पीटना शुरू कर देती हैं और पुरुष खुदको बचाते भागते हैं। लेकिन खास बात यह है कि यह सब मारना पीटना हँसी खुशी के वातावरण में होता है। औरतें अपने गाँवों के पुरुषों पर लाठियाँ नहीं बरसातीं। बाकी आसपास खड़े लोग बीच बीच में रंग बरसाते हुए दिखते हैं।
मंदिरों में भी २-३ दिन रंग खेला जाता है। पूरे उत्तर प्रदेश में इस दिन के पेय के नाम पर ठंडाई या भांग बड़ी ही प्रसिद्ध है। गुझिया और नमकपारे खिलाना भी पारम्पारिक माना जाता है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में नये कपड़े पहनकर शाम को पूजा की जाती है। इलाहाबाद में भी दो तीन दिन तक होली का रंग लोग बिखेरते हैं। तीसरे दिन को 'धुलंडी' कहा जाता है। इस दिन राख और कीचड़ से होली खेली जाती है। कानपूर में गीली होली सात दिन तक खेली जाती है जिसमें एक दिन कीचड़ की होली का होता है। भांग और ठंडाई तो मुख्य रूप से होती ही है।
उत्तरांचल में होली के गानों में लोक संगीत और शास्त्रीय संगीत को महत्व ज्यादा दिया जाता है। रंग खेला जाता है और लोग एक दूसरे से मिलने जाते हैं।
राजस्थान में भी उत्तर प्रदेश जैसी होली खेली जाती है। कहीं कहीं खून की होली भी खेलते हैं। एक दूसरे पर खून निकलने तक पत्थर फेंके जाते हैं। इस खून से तिलक किया जाता है। शाम को नए कपड़े पहनते हैं, गुलाल और अबीर का तिलक लगाया जाता है। बड़े छोटों को आशीष देते हैं।
मध्यप्रदेश के छत्तीसगढ़ ज़िले में छोटे गाँवों में 'गोल बढ़ेदा' नाम का त्योहार मनाया जाता है। नारियल और गुड़ की पोटली को ताड़ के ऊँचे पेड़ पर टाँग दिया जाता है। लड़कों में इस पेड़ पर चढ़कर पोटली उतारने की होड़ लगती है। पर यह कोई आसान काम नहीं, क्योंकि उनका पेड़ पर चढ़ना और लड़कियों का किसी न किसी तरह उनका ध्यान अपनी ओर खींचना साथ-साथ शुरू हो जाता है। जो लड़का पोटली लाने में कामयाब हो जाता है उसे उन लड़कियों में से किसी को भी जीवनसाथी बनाने का हक दिया जाता है।
हिमाचल प्रदेश में होली की राख को जादुई माना जाता है। यहां के लोगों का विश्वास है कि इस राख को खेतों में फैलाने से दुर्घटना, दुर्भाग्य और संकट से बचाव होता है।
उत्तर भारत में माँ अपनी ससुराल गई बेटी के लिए नए कपड़े बनवाती है। उन्हें खाने की दावत दी जाती है। दामाद को 'प्याला' (प्यार और पैसों से भरा हुआ) देने का रिवाज़ है। वैसे ही बहू को 'कोथली' याने यात्रा के लिए खर्चा देते हैं। बच्चों को बहला फुसलाकर दादा दादी उन्हें कमरे में बन्द कर देते हैं। बहू गाना गा कर प्रलोभन देती है और उन्हें छोड़ने की अर्ज करती है। प्रलोभन में हमेशा साड़ी या कोई गहने का लालच दिखाया जाता है।
महाराष्ट्र में होली के अवसर पर गोबर के उपले जलाने का रिवाज है। बाद में लकड़ियाँ जलायी जाती हैं। इस दिन सुबह पूरणपोली का भोग लगाया जाता है और रात को उसे होली को अर्पित किया जाता है। गरमी के दिनों में आग लगने का संदेह ज्यादा होता है इसलिए अग्नि देवता को शांत करने के लिए यह पूर्णिमा मनायी जाती है। दूसरे दिन जहाँ होली जलाई गई है वहाँ बर्तन रख कर पानी गरम किया जाता है और इससे बच्चों को नहलाया जाता है ताकि आगे की आनेवाली गरमी की तकलीफ से उन्हें बचाया जा सके। यहाँ पूर्णिमा के बाद पंचमी को रंग खेला जाता है। थोड़ी गरमी शुरू हो जाने से उस दिन ठंडे पानी से होली खेलने का प्रारंभ करते हुए इस दिन के बाद ठंडे पानी से नहाना शुरू करते हैं।
पेशवाई समय में पानी को केसर के रंग से रंगीन और सुवासित बना कर रंग खेला जाता था पर आज सामान्य रूप से रसायनिक रंगों का ही प्रयोग प्रचलन में है।
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Kathua पंचायतों के लिए युवा कांग्रेसियों ने छेड़ा अभियान
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कठुआ। पंचायतों को अधिकार दिलाने के उद्देश्य से शुरू की गई मुहिम का शनिवार को जोरदार आगाज हो गया। युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कठुआ जिले में तहसील स्तर पर ज्ञापन सौंपकर पंचायती राज अधिनियम से संबंधित संशोधन को जम्मू कश्मीर में लागू करने की मांग उठाई। इससे पूर्व युवा कांग्रेसियाें के पदाधिकारियों का समूह शहीद भगत सिंह पार्क में एकत्रित हुआ और जुलूस की शक्ल में जिला उपायुक्त कार्यालय तक नारेबाजी करते हुए गुजरा। जुलूस का नेतृत्व कर रहे युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश युवा कांग्रेस प्रभारी चेतन चौहान समेत अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि 73वें और 74वें संशोधन को लागू किए बिना जम्मू कश्मीर में सत्ता विकेंद्रीकरण का लक्ष्य अधूरा है। राज्य में सफलतापूर्वक पंचायतों के चुनाव करवाए गए लेकिन उन्हें अधिकारियों से वंचित रखकर चुनाव की महत्ता को चरितार्थ नहीं किया गया। रियासत में न तो ग्राम सभाओं के जरिये पारदर्शिता बहाल हो पा रही है और ना ही पंचायती अदालतों का गठन किया जा सका है। विधानसभा का कार्यकाल छह वर्ष का है, लेकिन पंचायतों को पांच वर्ष का कार्यकाल दिया गया है। पंचायती नुमाइंदों को अभी तक मानदेय की सुविधा भी नहीं दी गई है। जिला उपायुक्त को ज्ञापन देने से पूर्व युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने पार्टी और पंचायती अधिकारों के समर्थन में नारेबाजी भी की। इस अवसर पर विधानसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष पंकज शर्मा ने कहा कि ज्ञापन सौंपने के लिए कठुआ से आगाज किया गया है। इसी तरह से पच्चीस अगस्त तक जिला व तहसील स्तर पर ज्ञापन सौंपे जाएंगे। इस अवसर पर युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शहनवाज चौधरी, संसदीय क्षेत्र अध्यक्ष पंकज बसोत्रा, संसदीय क्षेत्र के महासचिव परमजीत सिंह, अजातशत्रु, संसदीय क्षेत्र उपाध्यक्ष प्रणव शगोत्रा, विधानसभा क्षेत्र उपाध्यक्ष अश्वनी कुमार, महासचिव विकास शर्मा समेत कुछ पंचायती नुमाइंदे भी शामिल थे। कैसा लगा
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जब विदेशी मुद्रा में एक व्यापार दर्ज करने के लिए
8 का लाभ मिलेगा। फिर, ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार पर मुनाफा 500 तक क्यों पहुंच सकता है जबकि पूंजी और विनिमय दर में परिवर्तन समान हैं. बिंदु 5 में, विदेशी मुद्रा व्यापार के आसपास अवधारणा और बुनियादी शब्द। आपको लोट, मार्जिन सिस्टम और लीवरेज की राशि सिखाई गई है। खैर, ये तीन चीजें प्रभावित करती हैं कि ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार से प्राप्त लाभ सीधे पैसे परिवर्तक पर खरीदने और बेचने से अधिक क्यों हैं। इसके तहत मैं लॉट और लीवरेज के कार्यों और भूमिकाओं को समझाऊंगा। LOT यदि हम मिनरल वाटर खरीदते हैं, तो यूनिट 1 बोतल है। अगर हम विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए धन कैसे प्राप्त करें स्टेशनों पर तेल खरीदते हैं, तो यूनिट लीटर है। और अगर हम सिगरेट खरीदते हैं तो यूनिट 1 पैकेट सिगरेट है। अब विदेशी मुद्रा व्यापार इकाई में इस्तेमाल किया जब विदेशी मुद्रा में एक व्यापार दर्ज करने के लिए है। ऊपर समझाया गया है कि 1 लॉट का मानक मूल्य 100,000 है। उत्तोलन एक बड़ा सवालिया निशान है जब लेखक को यह पता था कि केवल 1,000 डॉलर की पूंजी के साथ हम 100,000 क्यों खरीद सकते हैं। लीवरेज की मदद से आप अपने पास मौजूद पूंजी से अधिक मात्रा में मुद्राएं खरीद सकते हैं। उत्तोलन एक ब्रोकर द्वारा दिया जाने वाला एक ऋण कोष होता है जो आपके द्वारा की गई निधि की क्षमता से अधिक होता है। यदि विदेशी मुद्रा दलाल 1: 100 उत्तोलन प्रदान करता है, जिसका अर्थ है कि हमारे पास व्यापार करने के लिए हमारे फंडों की तुलना में 100 गुना अधिक है। एक उदाहरण यह है कि यदि हमारे पास ब्रोकर पर 1,000 लाहौर में विदेशी मुद्रा सोने की दर का संतुलन विदेशी मुद्रा व्यापार कर कानूनों ब्रिटेन जो 1: 100 का लाभ देता है तो इसका मतलब है कि ब्रोकर हमें 1,000 x 100 100,000 का लेनदेन करने का अधिकार देता है। तो इसके साथ हमने उत्तर दिया है कि 1,000 के मार्जिन के साथ हम 1 लॉट की मुद्रा खरीद क्यों कर सकते हैं। शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार कैसे जानें पर 6 टिप्स। यदि आप एक नज़र डालें, तो ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार आसान लगता है, लेकिन इसके लिए काफी तैयारी और अनुसंधान की भी आवश्यकता होती है। जैसे विदेशी मुद्राविदेशी तकनीक विकसित होती है, ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार ने दुनिया के बाजार में बड़े बदलाव लाए हैं, खासकर निवेशकों और सट्टेबाजों के लिए। विदेशी मुद्रा व्यापार शुरू करने के लिए, आपको केवल काफी कम प्रारंभिक पूंजी की आवश्यकता होती है, कोई विशेष अनुभव जब विदेशी मुद्रा में एक व्यापार दर्ज करने के लिए अनुकूल सहायक सॉफ्टवेयर की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन शुरुआती व्यापारियों के लिए, जो विदेशी मुद्रा व्यापार की दुनिया में अपेक्षाकृत नए हैं, आपको उन ट्रिक्स और जाल के बारे में पता होना चाहिए जो आपके पैसे को सूखा सकते हैं। इसलिए, यह पता लगाने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा सीखना आवश्यक है। इस लेख में मैं ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार सीखने के लिए 6 युक्तियों के बारे में बताऊंगा जो आप विदेशी मुद्रा व्यापार में शामिल जोखिमों को कम करने के लिए आवेदन व्हाट्सएप के माध्यम से विदेशी मुद्रा संकेत सकते हैं: 1.
अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करें। अपनी आय, संपत्ति, ऋण और वित्तीय स्थिति पर विचार करें। यह बिल्कुल आवश्यक है, विदेशी यूरो डॉलर विदेशी मुद्रा चार्ट व्यापार साप्ताहिक विदेशी मुद्रा दृष्टिकोण लिए पूंजी के रूप में अन्य जरूरतों के लिए आवश्यक धन का उपयोग न करें। आपको पैसे का उपयोग करना होगा जिसे हम अधिक पैसा कह सकते हैं ताकि आप कल के लिए खाने जैसे विचारों से बच सकें। 2।अपनी ट्रेडिंग शैली का पता लगाएं। अपनी खुद की ट्रेडिंग शैली खोजने के लिए डेमो अकाउंट का उपयोग करने की आदत डालें। इसमें एक रणनीति या ट्रेडिंग सिस्टम आज़माना शामिल है जो आपको लगता है कि आपकी ट्रेडिंग शैली से मेल खाता है। हो सकता है कि आप अन्य लोगों के ट्रेडिंग सिस्टम को भी अपना सकते हैं और अपनी शैली के अनुरूप उन्हें संशोधित कर सकते हैं। मूल्य आंदोलनों या मूल्य विशेषताओं को जानें। लॉन्ग टर्म पीरियड से लेकर शॉर्ट टर्म पीरियड तक, अपनी ट्रेडिंग स्टाइल के अनुसार लॉन्ग-टर्म और शॉर्ट-टर्म ट्रेंड्स को जानना आपके लिए आसान हो जाता है। फिर सीधे व्यापार की अवधि का प्रयास करें। थोड़ी देर के लिए प्रयास करें जब तक आपको लगता है कि आप उस अवधि के लिए उपयुक्त हैं। 4.
प्रवेश और निकास बिंदु निर्धारित करें। समर्थन और प्रतिरोध अंक निर्धारित करें। आप कैंडलस्टिक विशेषताओं का उपयोग कर सकते हैं या समर्थन और प्रतिरोध बिंदुओं को विदेशी मुद्रा यूरोलाइव चार्ट करने के लिए आप एक फिबोनाची संकेतक का भी उपयोग कर सकते हैं। ध्यान दें और कीमत का इंतजार करें जब यह इन बिंदुओं में से एक तक पहुंचता है, जब कीमत दो बिंदुओं में से एक से गुजरती है, तो आपको एक स्थिति खोलने की सिफारिश की जाती है। आपको अपनी व्यापारिक पूंजी जब विदेशी मुद्रा में एक व्यापार दर्ज करने के लिए प्रबंधन करने में सक्षम होना चाहिए। उदाहरण के लिए, लेन-देन के लिए जोखिम सीमा निर्धारित करें; 2 से अधिक पूंजी नहीं है, इसलिए यदि हम एक स्थिति खोलते हैं और 2 तक की पूंजी का नुकसान अनुभव करते हैं, तो आपको तुरंत स्थिति को बंद करना होगा चाहे आप खुली स्थिति के निर्णय के बारे में सुनिश्चित कलेंडर फॉरेक्स हमेशा एक सांख्यिकीय ट्रेडिंग फॉरेक्स लॉस का उपयोग करें जो कि ओमनी फॉरेक्स ट्रेडिंग सिस्टम की समीक्षा स्थिति को बंद कर देगा जब कीमत उस चीज से मेल नहीं खाती जो आप भविष्यवाणी करते हैं। यह महत्वपूर्ण है ताकि आपकी पूंजी का तुरंत एक लेन-देन कमस कैंडलस्टिक फॉरेक्स उपयोग न हो। पूंजी के बिना शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा कैसे खेलें। समय-समय पर, पूंजी के बिना शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा कैसे खेलें, ऑनलाइन आय अर्जित करने के लिए एक आसान और तेज़ तरीके के रूप में तेजी से टाल दिया जा रहा है। हालांकि, वास्तव में ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार में निवेश एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें अनुभव और मजबूत मानसिकता के साथ-साथ बुनियादी ज्ञान और रणनीतियों की बहुत आवश्यकता होती है। इसलिए, विदेशी मुद्रा क्या है यह समझना कि इसमें निवेश करने के लिए वास्तव में किया जाना चाहिए। सौभाग्य से, वर्तमान में सीखने के कई तरीके हैं कि विदेशी मुद्रा क्या है और पूंजी के बिना शुरुआती लोगों के लिए विदेशी मुद्रा कैसे खेलें, इसलिए हमें शुरुआती चरणों में रहते हुए बहुत अधिक पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा, सब कुछ कहीं भी और कभी भी किया जा सकता है, बशर्ते हमारे पास इंटरनेट कनेक्शन और पर्याप्त डिवाइस हों। कैसे.
खैर, इस अवसर पर विदेशी मुद्रा इंडोनेशिया विदेशी मुद्रा क्या है, साथ ही बिना किसी पूंजी के शुरुआती लोगों के लिए विदेशी मुद्रा खेलने के लिए कैसे की समीक्षा करेगा। विदेशी मुद्रा भौतिक विदेशी मुद्रा आंदोलनों के बिना ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार है। विदेशी मुद्रा मनी चेंजर से अलग है जहां मुद्राओं को सीधे नकद में अन्य मुद्राओं के साथ आदान-प्रदान किया जाता है। विदेशी मुद्रा व्यापार में, मुद्राओं का व्यापार जोड़े (उदाहरण के लिए) में किया जाता है, उदाहरण के लिए EUR USD। इस प्रकार, व्यवहार में इस जोड़ी में "खरीद" शब्द "एक ही समय में यूरो खरीदना और डॉलर बेचना" है। इसके विपरीत, "बेचने" का अर्थ है "एक ही समय में यूरो बेचना और डॉलर खरीदना"। हम व्यापारी के रूप में विदेशी मुद्रा व्यापार में शामिल हो सकते हैं एक विदेशी मुद्रा दलाल के माध्यम से पंजीकरण करके, दलाल द्वारा प्रदान किए गए सॉफ़्टवेयर के माध्यम से लेनदेन कर सकते हैं, फिर यदि सफल हो, तो हम मूल्य वृद्धि और घटने से लाभ उठा सकते हैं। व्यापार का यह पैटर्न विदेशी मुद्रा व्यापारियों को तब अच्छा लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाता है जब मुद्रा का मूल्य बढ़ता है (मजबूत सबसे अच्छा विदेशी मुद्रा है) या घटता है (कमजोर होता है)। अनोखा, है ना.
ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर में प्रवेश करने के लिए दलाल ने आपके ईमेल पते पर जो आईडी और पासवर्ड भेजा है, उसका उपयोग करें। खैर, उसके बाद आप तुरंत देखेंगे कि विदेशी मुद्रा बाजार में मुद्रा जोड़े कैसे ऊपर और नीचे चलते हैं। ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से, हम ग्राफिकल रूप में मुद्रा आंदोलनों को देखते हैं। उदाहरण के लिए EUR USD मुद्रा जोड़ी पर चार्ट ऊपर जाता है, तो इसका मतलब है कि यूरो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत होता है। जबकि अगर EUR USD नीचे जाता है, तो इसका मतलब है कि अमेरिकी डॉलर यूरो के मुकाबले मजबूत होता है। यहां आप समझ सकते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लिफ़्ट फ़ॉरेक्स कार्ड आंदोलनों को विदेशी मुद्रा कार्ड विदेशी मुद्रा क्या है। पूंजी के बिना शुरुआती के लिए विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार में 1 मिलियन कैसे बनाते हैं खेलें। क्या आपने डेमो अकाउंट पर प्रशिक्षण लिया है और वास्तविक ट्रेडिंग की कोशिश करना चाहते हैं.
खरीद खरीद लंबी: जोड़ी के विदेशी मुद्रा स्केलर ईए डाउनलोड में वृद्धि का अनुमान होगा 2. बेचने विदेशी मुद्रा एशियाई सत्र जोड़े SHORT: भविष्यवाणी जोड़ी के मूल्य नीचे हो जाएगा। अधिक जानकारी के लिए, नीचे दिया गया चित्रण देखें: श्री बुडी ने 1.
3000 पर BUY (BUY) EUR USD में प्रवेश किया, जब पाक बूडी क्लोस के 1. 3064 पर निश्चित समय के बाद, पाक बडी को 64 पिप्स फॉरेक्स असली डैन पलासू लाभ मिलता है यदि श्री बडी CLOSE को 1250 पर तो हैंडोको विदेशी मुद्रा 5 सितारों प्रणाली की समीक्षा 50 पिप्स का नुकसान होता है। फिर एक और समय में श्री बडी ने 1,500 में GBP USD SELL की स्थिति में प्रवेश किया, एक निश्चित समय के बाद 1,400 पर पाक Budi CLOSE, फिर Erik को 100 पाइप लाभ हुआ। यदि श्री Budi CLOSE 1,650 पर था, तो श्री Budi को 150 पाइप का नुकसान हुआ। - क्लोज का मतलब है कि चल रहे कारोबार को बंद करना या खोलना। - विदेशी मुद्रा में पिप सबसे छोटी इकाई है। मुद्दा यह है कि विदेशी मुद्रा व्यापार करने में सक्षम होने के लिए खेलने के नियम बहुत आसान हैं, बस मुनाफे या मुनाफे उत्पन्न करने के लिए सही तरीके से व्यापार कैसे करें। विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग लक्ष्य। विदेशी मुद्रा बाजार में बाजार की स्थिति और कीमतें बहुत गतिशील रूप से चलती हैं, आर्थिक, राजनीतिक, युद्ध, आपदा, आदि की घटनाओं के जवाब में किसी भी समय जल्दी से बदल सकती हैं। विशेष रूप से उन्नत और मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देशों के लिए, बहुत कम संवेदनशील जानकारी है, इसलिए मुद्रा की कीमत ऊपर और नीचे जा सकती है, यह वही है जो व्यापारियों को व्यापार करने के अवसर और अवसर के रूप में देखते हैं। तो बस, विदेशी मुद्रा व्यापार का उद्देश्य बढ़ती और गिरती विनिमय दरों से लाभ प्राप्त करना है। विदेशी मुद्रा व्यापार के अवसर। इंटरनेट ने वाणिज्य की दुनिया में बहुत सारे क्रांतियां की हैं, जिसमें विदेशी मुद्रा व्यापार की दुनिया में बहुत मजबूत प्रभाव भी शामिल है। इंटरनेट के साथ, अब विदेशी मुद्रा किसी के द्वारा भी किया जा सकता है। अतीत में यह केवल बड़े खिलाड़ियों (बैंकों, देशों, संस्थानों) के लिए संभव था, इसलिए अब हर कोई अधिक से अधिक खुदरा और ऑनलाइन विदेशी मुद्रा दलालों के साथ व्यापार कर सकता है। आप और मैं आसानी से और छोटी पूंजी के साथ ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार कर सकते हैं। के लिए भीएक ब्रोकर से डेमो अकाउंट के साथ व्यापार करके, अर्थात् अनुकरण करना बहुत आसान है। विदेशी मुद्रा एक दोधारी तलवार की तरह है। फॉरेक्स के साथ हम जल्दी से अमीर बन सकते हैं, लेकिन एक पल के साथ विपरीत भी mengikikis हमारी राजधानी से बाहर चला सकते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप विदेशी मुद्रा को एक निवेश के रूप में मानते हैं या एक साधारण व्यापार के रूप में, यह स्पष्ट है कि विदेशी मुद्रा में एक उच्च जोखिम कारक है। इसलिए विदेशी मुद्रा में सही जोखिमों को समझें और गलत कदम न उठाएं। विदेशी मुद्रा बाजार दुनिया में सबसे बड़ा और सबसे अधिक तरल बाजार है। विदेशी मुद्रा व्यापार किसी भी समय, दिन में 24 घंटे, सोमवार से शुक्रवार न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बाजार से शुरू होकर 05.
1 है। अप्रत्यक्ष जोड़ी दरों की गणना। अप्रत्यक्ष जोड़ी एक उपसर्ग (USD JPY, USD CHF, और USD CAD) के रूप में USD के साथ एक जोड़ी है, लाभ हानि की गणना करने का तरीका इस प्रकार है: लाभ हानि (विक्रय मूल्य - मूल्य खरीदें) परिसमापन मूल्य x अनुबंध आकार x लॉट। उदाहरण: 1 मानक लॉट USD JPY 110. 00 खरीदें 1 लॉट मानक USD JPY 110. 05 लाभ (110. 05 - 110. 00) 110. 05 x 100,000 x 1 45. 43। क्रॉस जोड़ी के लिए गणना। वह जोड़ी जिसमें USD (GBP JPY, EUR JPY, AUD JPY, EUR GBP, और GBP CHF) शामिल नहीं है कि लाभ हानि की गणना कैसे की जाती है: लाभ (विक्रय मूल्य - मूल्य खरीदें) x आधार दर मुद्रा करेंट जोड़ी दर x अनुबंध आकार x लॉट। उदाहरण: 0. 6760 (EUR USD EUR GBP की आधार मुद्रा है, क्योंकि EUR GBP का आधार मुद्रा है) की कीमत पर 1 मानक EUR GBP बहुत बेचें। 0.
6750 EUR USD की दर से 1 मानक लॉट EUR GBP खरीदें: 1. 1840 लाभ (0. 6760 - 0. 6750) x 1. 1840 0. 6750 x 100,000 लाभ 175.
4। यद्यपि प्रति लॉट इकाइयों की संख्या बड़ी है, आपको विदेशी मुद्रा व्यापार करते समय पूंजी की कमी से डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि विदेशी मुद्रा व्यापार में मार्जिन (मार्जिन ट्रेडिंग) के साथ व्यापार शामिल है। मार्जिन ट्रेडिंग का मतलब है, हमारी पूंजी का लाभ उठाने से मदद मिलेगी। उत्तोलन हमारी व्यापारिक क्षमताओं को बढ़ाएगा भले ही आपके पास थोड़ी पूंजी हो। 1: 100 लीवरेज के साथ, उदाहरण के लिए, भले ही आपके पास पूँजी में केवल 100 USD हों, आप व्यापार कर सकते हैं जैसे कि आपके पास 10,000 USD हैं। कल्पना कीजिए कि एक ब्रोकर एक बैंक की तरह होता है जो आपको पैसे उधार देता है, और साथ ही पैसे भी रखता है। 100 USD आपके ब्रोकर के पास जमा की गई गारंटी है। यह उत्तोलन मूल्य भिन्न है, आमतौर पर 1:50, 1: 100, 1: 200, 1: 500, 1: 000 के अनुपात में। केवल 1: 100 उत्तोलन के साथ, आप पहले से ही 100x फंडों के साथ व्यापार कर सकते हैं जो कि मानक लॉट या उससे अधिक के स्वामित्व में हैं जब मिनी या माइक्रो लॉट का उपयोग कर रहे हों। Tantalizing यह नहीं है.
मनी मैनेजमेंट 40 2. मनोविज्ञान; लालची, भय और आशा 40 3. प्रणाली 20 विदेशी मुद्रा व्यापारी दूसरों की तरह एक व्यापारी है; फल, मोटरबाइक, कार, सब्जी, बर्फ, बीमा, फुटपाथ, आदि। एक अच्छे व्यापारी को पता होना चाहिए कि किस चीज का व्यापार किया जाता है और वस्तुओं का व्यापार किया जाता है। अगर कोई सब्जी या फल व्यापारी से वस्तु के बारे में पूछा जाए तो यह बहुत ही मजेदार है. व्यापार की गई वस्तुओं का ज्ञान बहुत महत्वपूर्ण है. ठीक हमारे जैसे जो जोड़े वस्तुओं की विशेषताओं को नहीं जानते हैं; यूरोपीय संघ, EJpy, गुजरात आदि हम व्यापार करेंगे. एक सफल व्यापारी, उसने महसूस किया होगा कि व्यापार को लाभ और हानि का पता लगाना चाहिए.
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गुजरात जीते लेकिन 2019 में मोदी के लिए आसान नहीं राह - Bjp somehow won elections but modi magic is fading and congress should prepare for 2019 - AajTak
गुजरात जीते लेकिन 2019 में मोदी के लिए आसान नहीं राह
चुनावी डुगडुगी बजने पर कांग्रेस कैडर की नींद खुली. गुजरात में आनन-फानन राहुल गांधी पहुंचे. चुनावी मैदान पर आते ही राहुल ने अपने कैडर को मजबूत करने की बजाए आसान रास्ता अपनाते हुए तीन तिकड़ी हार्दिक-अल्पेश-जिग्नेश का सहारा लिया.
राहुल गांधी और नरेन्द्र मोदी
नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2017, अपडेटेड 07:30 IST
कांग्रेस ने गुजरात में बेहद कम समय की तैयारी में जितनी सीटें दर्ज की हैं, उससे साफ जाहिर है कि अगर इस ग्रैंड ओल्ड पार्टी ने 2015 में ही बीजेपी के गढ़ का शोर सुन लिया होता तो आज तस्वीर कुछ और होती. दो साल पहले एक 22 साल के नौजवान हार्दिक पटेल के आह्वान पर लाखों की संख्या में पाटीदार जनता सड़क पर थी. काग्रेस के लिए यही समय भांपने का था. चूक सिर्फ यहीं नहीं हुई. इसी साल जीएसटी से आजिज आए कपड़ा व्यापारी भी लामबंद थे. नेतृत्वहीन यह विरोध जल्द ही दब गया. कुछ ही माह पहले दलित युवा भी सड़क पर हक-हुकूक की मांग कर रहे थे. पर इस दौरान भी कांग्रेस सोती रही.
राहुल ने लिया तीन तिकड़ी का आसान सहारा
चुनावी डुगडुगी बजने पर कांग्रेस कैडर की नींद खुली. गुजरात में आनन-फानन राहुल गांधी पहुंचे. चुनावी मैदान पर आते ही राहुल ने अपने कैडर को मजबूत करने की बजाए आसान रास्ता अपनाते हुए तीन तिकड़ी हार्दिक-अल्पेश-जिग्नेश का सहारा लिया. हालांकि कांग्रेस को इसका फायदा भी मिला. चुनाव से ऐन पहले हवा कुछ ऐसी चली कि बीजेपी को भी अपनी जीत पर कुछ समय के लिए शंका होने लगी. एक वक्त ऐसा भी आया कि पिछले 22 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी को कांग्रेस कड़ी टक्कर देती दिखी. इसका असर भी कुछ ऐसा था कि काउंटिंग के शुरुआती कुछ घंटों में तो कांग्रेस जीतती भी नजर आई.
विपक्षी दलों की आंखों में चमक
गुजरात में बीजेपी जिस तरीके से जीती है, उससे 2019 में मोदी सरकार को टक्कर देने का ख्वाब देख रहे विपक्षी दलों की आंखों में चमक जरूर ला दी होगी. इसीलिए गुजरात रिजल्ट आने पर सपा अध्यक्ष और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खम भर दिया कि 2019 में हम मोदी सरकार को कड़ी टक्कर देंगे.
अखिलेश ने कर दी पहल
अखिलेश ने अभी से विपक्ष को एकजुट करने की शुरुआत कर दी है. बीते दिनों इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए वे मोदी की धुर विरोधी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने कोलकाता गए थे. अखिलेश ने गुजरात का रिजल्ट देख कहा कि ‘ठीक है कि हम उत्तर प्रदेश में हारे, गुजरात के युवा वहां हारे, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हम हमेशा हारेंगे. एक वह वक्त भी आएगा कि हारने वाला भी जीतेगा और जीता हुआ भी हारेगा. आने वाले वक्त में आप देखेंगे कि हम जीतेंगे और वह हारेंगे. 2019 में हम चाहेंगे कि गठबंधन बने लेकिन गठबंधन किन मुद्दों पर हो, यह सबसे ज्यादा जरूरी है. 2019 में मुद्दे भी हों और गठबंधन भी हो तो शायद एक बड़ा महागठबंधन बन सकता है.
…तो उमर अब्दुल्ला की बात गलत साबित होगी
अगर विपक्ष का प्रयास रंग लाया तो जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की वह बात भी गलत साबित हो सकती है जो उन्होंने यूपी के चुनाव परिणाम आने पर कही थी. उमर ने सलाह दी थी कि सभी विपक्षी दल अब 2019 की बजाए 2024 की तैयारी करें.
‘मोदी मैजिक’ ने सभी को ‘खाक’ में मिलाया
वैसे बीते साढ़े तीन सालों में जिस तरह से ‘मोदी मैजिक’ चल रहा है, वो विपक्ष की बखिया उधेड़ दे रहा है.
गुजरात मॉडल के ब्रांड एंबेसडर बने मोदी का जवाब किसी के पास नहीं था. साढ़े तीन बरस के दौर में यही मॉडल और इसी ब्रांड एंबेसडर ने हर किसी को खाक में मिलाया. यह सिलसिला कुछ यूं शुरू हुआ कि महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, जम्मू-कश्मीर तक में बीजेपी की सरकार बनी. हालांकि दिल्ली और बिहार में बीजेपी हारी जरूर पर यहां जनादेश ही एकतरफा आया. उसके बाद असम, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, यूपी में भी जनादेश एकतरफा ही आया. पंजाब में भी कांग्रेस जीती तो फैसला एकतरफा था. इस फेहरिस्त में आज गुजरात और हिमाचल भी जुड़ गया. पर जिस गुजरात मॉडल की गूंज 2014 में थी, वही मॉडल गुजरात में लड़खड़ाया तो कांग्रेस टक्कर देने की स्थिति में आ गई. पहली बार गुजरात के चुनाव परिणाम ने कांग्रेस को ये एहसास कराया कि अगर वह तैयारी से लड़े होते तो जीत सकते थे.
अगले साल चार राज्यों में चुनाव
वहीं बीजेपी को भी इससे एक सीख मिली है. सीख है कि जब गुजरात में कांग्रेस बिना तैयारी के टक्कर दे सकती है तो फिर 2019 की बिछती बिसात इतनी आसान नहीं होगी. गुजरात चुनाव परिणाम ने सोई कांग्रेस को जगाया है तो बीजेपी को अगले साल चार राज्यों में होने वाले चुनावों के लिए अलर्ट भी कर दिया है. हालांकि जिन चार प्रमुख राज्यों में चुनाव होने हैं उसमें कर्नाटक छोड़ दें तो राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की ही सरकार है.
विपक्ष को अभी तय करने होंगे मुद्दे
2019 की लड़ाई में अगर विपक्ष जीतना चाहता है तो उसकी तैयारी भी अभी से करनी होगी. यानि किन मुद्दों पर कौन किसके साथ होगा. या फिर ये भी कह सकते हैं कि क्षत्रपों को अपने अस्तित्व के लिये मोदी या राहुल की छांव में आना ही होगा. मौजूदा वक्त की बिसात साफ बतलाती है कि मोदी के साथ अगर नीतिश कुमार, प्रकाश सिंह बादल, चन्द्रबाबू नायडू, महबूबा मुफ्ती और पासवान हैं तो दूसरी तरफ राहुल गांधी के साथ लालू यादव, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, करुणानिधि, शरद पवार, फारुक अब्दुल्ला और औवैसी जैसे नेता हैं.
किस ओर जाएगी शिवसेना?
इन सबके बीच एक दल ऐसा है जो अपनी भूमिका 2019 में नये सिरे से तय करेगा. वह है शिवसेना, जो किसके साथ होगी यह फिलहाल किसी को नहीं मालूम. वामपंथी और बीएसपी यानी मायावती को राहुल साथ लाना चाहेंगे. तेलंगाना के चन्द्रशेखर राव के किस दिशा में जाएंगे, इसका इंतजार भी करना होगा.
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रोजर फेडरर ने गंवाया ताज, राफेल नडाल बिना खेले नंबर वन
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Rafael Nadal number one spot without played
नई दिल्ली। 20 ग्रैंड स्लेम खिताबों के बादशाह स्विटजरलैंड के रोजर फेडरर को मियामी ओपन के दूसरे राउंड में बाहर होने का खामियाजा अपनी नंबर एक रैंकिंग गंवाकर भुगतना पड़ा जबकि स्पेन के राफेल नडाल हाल में कोर्ट से बाहर रहने के बावजूद फिर से शीर्ष पर काबिज हो गए हैं।
नडाल और फेडरर के बीच अंकों का ज्यादा फासला नहीं है। दोनों के बीच मात्र 100 अंकों का अंतर है और अगले किसी भी टूर्नामेंट में शीर्ष स्थान बदल सकता है। नडाल के 8770 और फेडरर के 8670 अंक हैं। क्रोएशिया के मारिन सिलिच अपने तीसरे स्थान पर बने हुए हैं।
मियामी ओपन में उपविजेता रहे जर्मनी के एलेक्सांद्र ज्वेेरेव एक स्थान के सुधार के साथ चौथे नंबर पर पहुंच गए हैं जबकि खिताब जीतने वाले अमरीका के जॉन इस्नर ने आठ स्थान की छलांग लगाई है और वह नौंवे नंबर पर पहुंच गए हैं जो उनकी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है। वह इसी के साथ अमेरिका के शीर्ष रैंक खिलाड़ी भी बन गए हैं।
महिला रैंकिंग में रोमानिया की सिमोना हालेप का शीर्ष स्थान बना हुआ है और चोटी के आठ स्थानों में कोई बदलाव नहीं है। मियामी ओपन का खिताब जीतने वाली अमरीका की स्लोएन स्टीफंस तीन स्थान के सुधार के साथ पहली बार टॉप 10 में शामिल हो गई हैं और अब वह नौवें नंबर पर हैं। स्टीफंस से फाइनल में हारने वाली लात्विया की येलेना ओस्तापेंको का पांचवां स्थान बना हुआ है।
nadal number one spot
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मनोहर पर्रिकर की तबीयत बिगड़ी, बदली होने की चर्चा की संभावना: गोवा के डिप्टी स्पीकर - Vice Daily
मनोहर पर्रिकर की तबीयत बिगड़ी, बदली होने की चर्चा की संभावना: गोवा के डिप्टी स्पीकर
March 17, 2019 राजनीति Edit this post
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने रविवार को कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की तबीयत खराब हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर के स्थान पर चयन करेंगे। बैठक …
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने रविवार को कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की तबीयत खराब हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर के स्थान पर चयन करेंगे। बैठक सुबह 10.30 बजे से शुरू होनी है।
माइकल लोबो ने कहा कि भाजपा ने फैसला किया है कि अगले मुख्यमंत्री को विधायकों में से चुना जाना चाहिए। माइकल लोबो ने यह भी स्वीकार किया कि पार्टी ने शनिवार को एक बैठक में मनोहर पर्रिकर के प्रतिस्थापन पर चर्चा की।
"उनका स्वास्थ्य खराब हो गया है। वरिष्ठ नेता आज आ रहे हैं। वे सहयोगी दलों गोवा फॉरवर्ड पार्टी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के साथ चर्चा करेंगे। पार्टी के भीतर से किसी का चयन किया जाएगा। पार्टी ने फैसला किया है कि इसे विधायकों में से एक होना चाहिए," माइकल लोबो।
उन्होंने कहा कि भाजपा गोवा में अपने सहयोगियों को मनाने की कोशिश करेगी।
डिप्टी स्पीकर ने शनिवार को कहा था कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की जांच कर रहे डॉक्टर कह नहीं रहे हैं कि वह ठीक हो जाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा था कि जब तक पर्रिकर, जो उन्नत अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित हैं, जीवित हैं, तब तक भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा। आज, हालांकि, उन्होंने कहा कि पर्रिकर की बीमारी को देखते हुए मुख्यमंत्री को प्रतिस्थापित किया जा सकता है।
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three arrested with 2 kg ganja - Surat News in Hindi - दो किलो गांजा के साथ तीन गिरफ्तार | Patrika Hindi News
Vineet Sharma | Publish: Sep, 12 2018 08:54:20 PM (IST) Surat, Gujarat, India
सूरत जिला एसओजी और कडोदरा पुलिस ने संयुक्त छापेमारी
बारडोली. सूरत जिला एसओजी और कडोदरा पुलिस की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर वरेली गांव की एक बिल्डिंग से दो किलो गांजा के साथ तीन जनों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में रमेश ने यह गांजा सुरेश से मंगवाने की बात कही, जिसके बाद पुलिस ने सुरेश को वांछित घोषित किया।
जानकारी के अनुसार सूरत जिला के पलसाना तहसील में वरेली गांव के शांतिनगर निवासी फूलचंद राजमणी पांडे के बिल्डिंग के रूम नंबर 6 में गांजे का जत्था होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद सूरत जिला एसओजी और कडोदरा पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर मौके से वरेली के शांति नगर निवासी और मूल झारखंड के नंदलाल देवेंद्र महंतो (28), मूल उत्तर प्रदेश निवासी अखिलेश उर्फ मुन्ना राजेंद्रप्रसाद भारती (25) और मूल एमपी निवासी प्रभु बाबूलाल राजपूत (27) को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने उनके पास से 2.100 किलो गांजा बरामद किया। इसकी कीमत रु 12 हजार 600 बताई गई। पुलिस ने उनके पास से चार मोबाइल फोन, नकद 190 रुपया समेत करीब 20 हजार रुपए का सामान जब्त किया। पूछताछ में रमेश ने यह गांजा सुरेश से मंगवाने की बात कही, जिसके बाद पुलिस ने सुरेश को वांछित घोषित किया।
मोता गांव में शुक्रवार से गणेश कथा
तहसील के मोता गांव स्थित देवनारायण धाम में कथाकार प्रफुल शुक्ल के तत्वावधान में शुक्रवार से गणेश कथा शुरू होगी। यह कथाकार शुक्ल की 750वीं कथा है। 20 सितंबर तक चलने वाले आयोजन में दोपहर 2 से 5 बजे तक कथा वाचन होगा। कथा के आयोजक ताराचंद बापू ने बताया कि श्रीनिवास मणिशंकर बोहरा के हाथों दीप प्रज्वलन के साथ कथा शुरू होगी। कथा से पहले प्रतिदिन सुबह 11 बजे 108 लड्डू से अथर्वशीश गणेश याग किया जाएगा। यह पहला मौका है जब गांव में गणेश कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर सूरत के आईआरएस घनश्याम सोनी, आईटी ऑफिसर मीनाक्षी द्विवेदी, कनू टेलर पद्मश्री समेत दक्षिण गुजरात के अन्य अग्रणी उपस्थित रहेंगे।
Arrested with ganja surat news surat news in hindi three arrested
धूमधाम से आज विराजेंगे गणपति बप्पा
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Shaft के एक सिरे को दूसरें shaft सिरे से जोड़ने की क्रिया को shaft coupling कहते है. इसे कपलिंग युग्मन अथवा मिथुनक के नाम से भी जाना जाता है.
विभिन्न प्रकार के कार्यो के अनुसार कपलिंग कई प्रकार की होती है, और बनावट एवं आकर में अलग-2 प्रकार की होती है. इसलिए coupling को alignment और जोड़ी जाने वाली shaft की केंद्र रेखाओं की स्थिति के अनुसार वर्गीकृत के नाम से भी जाना जाता है.
Rigid Or Fast Coupling
Rigid coupling दो shaft को एक अक्ष की सीध में जोड़कर एक मजबूत स्थिति में रखती है. यदि किसी दो shaft को अक्ष के साथ एक लाइन करके जोड़ा जाए तो उसे rigid coupling कहते है.
1. Solid Flange Coupling
इसे forged coupling भी कहते है. इसमें दो shaft को flange के साथ forged करके बनाया जाता है, तथा flange की मिलने वाली सतहों को अच्छी प्रकार मशीनीग किया हुआ होता है. Flange को आपस में head less taper bolt के द्वारा जोड़ा जाता है. एक flange के face के center के base में एक cylindrical व बेलनाकार भाग बनाया जाता है, और ठीक इस बढ़े हुए भाग के अनुसार दूसरें flange के center में खांचा बना हुआ होता है. जिसमे flange का पहला भाग आकर मजबूती से खाँचे में set हो जाता है. इसका प्रयोग marine engine shaft में प्रयोग किया जाता है.
2. Flange Coupling
यह एक प्रकार main coupling होती है. जो की standard माप में बनाई जाती है. इसका प्रयोग कपलिंग में विस्तार से किया जाता है, और flange प्राय: C.I के बनाए जाते है. परन्तु बाहरी कार्यो के लिए यह steel के ठोस बनावट में भी बनाए जाते है, तथा दो अलग-2 shaft के किनारों को key द्वारा fit किया जाता है. Key आमतौर पर square या आयताकार cross section में taper sunk key होती है. कभी-2 पक्तिवर के लिए flange के आपस में मिलने वाले सिरे के center में एक flange पर आगे निकला हुआ भाग projected position दुसरे में ठीक उसी प्रकार खांचे बने होते है, और दोनों flange को आपस में nut, bolt के द्वारा जोड़ा जाता है. यह flange coupling निम्न दो प्रकार की होती है.
(i). Protected Flange Coupling
(ii). Unprotected Flange Coupling
इस coupling में bolt के head तथा nut counter sunk या counter hole के अंदर fit किए जाते है. इस प्रकार nut और bolt fit रहने के कारण worker के हाथ और कपड़े सुरक्षित रहते है. जब nut और bolt को बाहरी सतह पर fit किया जाता है, तो worker के कपड़े इन bolt के साथ कार्य करते समय फसने का डर बना रहता है. Shaft को एक लाइन में रखने हेतु spigot और socket center के साथ बनाए गए होते है. जिसमे एक flange के center में बने खांचे के अनुरूप बना spigot fit करके मजबूती से nut, bolt के द्वारा कस दिए जाते है. जैसे-2 आयताकार taper key, flange के अंदर बढ़ाई जाती है. वैसे-2 flange आपस में कसकर मिल जाते है.
इस कपलिंग में प्रत्येक साफ्ट आयताकार sunk key की सहायता से flange के base के साथ जुड़ी होती है. दोनों flange आपस में एक-दूसरें के साथ 4 या 6 nut, bolt की सहायता से जुड़े होते है, अथार्त key का प्रयोग shaft को मजबूती प्रदान करते हुए sunk में जोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है.
3. Box Or Muff Coupling
यह एक बंद box आकार की couppling है जिसकें अंदर दो shaft के छोर एक दूसरें से मिलते है. एक लम्बीं sunk taper key की दोनों shaft एक muff के बीच बने चाबी घाट में फिट किया जाता है. कभी-2 sunk taper key shaft तथा muff के दोनों सिरों के अंदर अलग-2 fit की जाती है. किन्तु दोनों shaft ke मिलने वाली जगह पर key के बीच कुछ खाली स्थान छोड़ना आवश्यक होता है. इसमें भारी कार्यो के लिए steel के बने muff प्रयोग किए जाते है. Muff का diameter तथा लम्बाई shaft के diameter से दोगुनी या तीनगुनी रखी जाती है. यह दो प्रकार की होती है.
(i). Half Lap Muff Coupling
(ii). Split Muff Coupling
यह भी box या muff coupling की तरह ही होता है. जिसमे shaft के दोनों छोर कुछ लम्बाई में एक दूसरें के उपर half lap करके रखें जाते है. एक दुसरे के उपर lep की जाने वाली सतह taper आकृति में बनी होती है. यह taper खिचाव करने पर shaft को अलग-2 होने से रोकती है. दोनों shaft द्वारा muff को आपस में जोड़ने के लिए इनके बीच बने चाबी घाट key way पर hellow saddle key प्रयोग की जाती है. इस muff की लम्बाई तथा diameter shaft के diameter के दूसरें तथा आपस में बराबर होते है.
यह दो अलग-2 बने अर्ध बेलनाकार शकल के muff होते है. इनके आवश्यकतानुसार bolt को फिट करने के लिए छोर बनें होते है. इन दोनों अर्ध बेलनाकार muff के बीच shaft के दोनों छोर मिलाकर इन दो टुकड़ो को जोड़ दिया जाता है, और इन दोनों shaft तथा muff को आपस में sunk key द्वारा जोड़ दिया जाता है. इस प्रकार की कपलिंग स सबसे अधिक लाभ यह की इसे आवश्यकता पड़ने पर pulley की भांति प्रयोग किया जाता है.
draughtsman engineering Shaft Coupling
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ब्लेक जीवंत अपने पति रयान रेनॉल्ड्स को हाल ही में फैशन के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है, और उसका नवीनतम उदाहरण बाकी की तुलना में और भी स्पष्ट है। मेट गाला में, जीवंत ने आकस्मिक रूप से एक क्लच आयोजित किया जो अपने पति और दो बेटियों के शुरुआती दिनों के साथ “रेनॉल्ड्स” पढ़ता था, और अगले दिन वह एविएशन जिन के लिए लोगो के साथ ब्रांडेड बेसबॉल टोपी पर चली गई, जिस कंपनी के पति का मालिक है.
उन पहले दो उदाहरणों को याद करना आसान हो सकता है, लेकिन सोमवार की रात को, रेनॉल्ड्स का उनका समर्थन प्रीमियर में पूर्ण प्रदर्शन पर था डेडपूल 2 एनवाईसी में जबकि उसके पति ने एक ड्रेसियर ब्रूनेलो कुसीनेली सूट के लिए लाल और काले डेडपूल वर्दी को छीन लिया, यह जीवंत था जिसने रेनॉल्ड्स के खराब-मोहित चरित्र के मादा संस्करण की तरह एक कठोर काले अनुक्रमित ब्रैंडन मैक्सवेल ड्रेस में अपनी कमर के चारों ओर एक लाल सश के साथ कपड़े पहने हुए कपड़े पहने हुए थे.
अभिनेत्री रंग-लाल लाल होंठ, लंबे काले लोरेन श्वार्टज़ बालियां, और एक बेडसेट वाले क्लच के साथ समन्वयित होता है जो कि “पार्टी मिक्स” पढ़ता है, जिसे रेनॉल्ड्स के शीर्षक के चरित्र के लिए एक और कहा जाता है.
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अगर उसके पति को उनके श्रद्धांजलि श्रद्धांजलि काफी जोर से बात नहीं की, तो डेड पूल स्टार ने अपनी पत्नी के बारे में बताया, शीर्षक स्वीकार कर लिया “श्रीमान। जीवंत “खुशी से। “ओह, मैं श्रीमान जीवंत हूँ 24/7,” उसने कहा ईटी. “और मैं इसके बारे में खुश हूं। यह बहुत अच्छा है। [यह] सबसे अच्छा गग है। “
रेनॉल्ड्स ने यह भी कहा कि उनकी पत्नी ने “हिलाया” डेड पूल देखो, कह रही है, “अगर वह ग्वेनपूल थी तो मैं डेडपूल रंग भी पहनूंगा।” क्या आप एक अनुक्रम की कल्पना कर सकते हैं जहां लवली मिलान करने में उपयुक्त है? आपका कदम, मार्वल.
ब्लेक लाइवली, रयान रेनॉल्ड्स देखना, और उनकी दो बेटियां खुशी से ग्रूमन के चीनी
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ISIS ने ली लंदन में ब्रिटिश संसद पर आतंकी हमले की जिम्मेदारी, आठ लोग गिरफ्तार – Sudarshan News
ISIS ने ली लंदन में ब्रिटिश संसद पर आतंकी हमले की जिम्मेदारी, आठ लोग गिरफ्तार
March 23, 2017 March 23, 2017 admin 20 Views LondonParliament premisesterrorist attackseven people arrestedfive deaths
लंदन : ब्रिटेन की राजधानी लंदन में संसद परिसर के बाहर हुए आतंकी हमले में बाद सुरक्षा बलों ने बर्मिंगम शहर में छापेमारी मार कर आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है। आतंकी संगठन ने दावा किया है कि ‘खलीफा के सिपाही’ ने ब्रिटिश संसद पर हमले को अंजाम दिया। ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे ने कहा कि हमलावर का जन्म ब्रिटेन में हुआ था। कुछ वर्ष पहले उस शख्स का झुकाव आतंकवाद की तरफ था। बता दें कि इस आंतकी हमले में पांच लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए। आतंकवाद निरोधी प्रमुख मार्क रॉले ने कहा कि पीड़ित अलग-अलग देशों से हैं। उन्होंने कहा कि घायलों में सात लोग अब भी हॉस्पिटल में हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
इसके आगे उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने दुकानों की एक क़तार के ऊपर दूसरी मंजिल के एक फ्लैट में धावा बोला था। जिसके बाद इस लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस छापेमारी का संबंध लंदन में हुए आतंकी हमले से हैं। बता दें कि हमले के बाद सुरक्षाबलों ने इमारत को बंद कर दिया गया है और एक आतंकी को भी मार गिराया है। बताया जा रहा है कि जिस समय संसद के बाहर हमला हा उस समय संसद की कार्यवाही चल रही थी, जिसे स्थगित कर दिया गया।
राजनेताओं, पत्रकारों और आगंतुकों को लगभग पाँच घंटे तक संसद से बाहर नहीं जाने दिया गया। संसद से लेकर पास की वेस्टमिंस्टर ऐबे चर्च से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित दूसरी जगहों पर ले जाया गया। हमले के बाद वेस्टमिंस्टर अंडरग्राउंड स्टेशन को भी बंद कर दिया गया है। लंदन के मेयर ने कहा कि आनेवाले कुछ दिनों में लंदन की सड़कों पर हथियारबंद और बिना हथियार वाले पुलिसकर्मियों की गश्त बढ़ा दी जाएगी। बुधवार को एक ने संसद के पास टेम्स नदी पर बने पुल वेस्टिमिंस्टर ब्रिज पर तेजी से कार दौड़ा दी और लोगों को कुचल दिया।
इस हादसे में कम-से-कम दो लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इसके बाद यह कार संसद के बाहर की रेलिंग से जा भिड़ी। इसके बाद हमलावर ने चाकू लेकर संसद परिसर में घुसने कोशिश की तो एक पुलिसकर्मी ने उसे रोका। हमलावर ने उसे भी चाकू मार दिया जिससे उस पुलिसकर्मी की मौत हो गई। उस पुलिसकर्मी के पास कोई हथियार नहीं था। इसके बाद दूसरे पुलिसकर्मियों ने उस हमलावर को गोली मार दी।
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा कि उनका देश ऐसे हमलों से डरने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंक के आगे ब्रिटेन कभी नहीं झुकेगा। हमले के बाद हुई आपात बैठक के बाद दिए अपने बयान में उन्होंने कहा कि ये (लंदन) महान शहर रोज की तरह जागेगा। लंदन के लोग हमेशा की तरह बस और ट्रेनों में सफर करेंगे। प्रधानमंत्री मे ने हमले में मारे गए लोगों के परिवारवालों के लिए प्रार्थना की और पुलिस व इमरजेंसी सर्विस को श्रद्धांजलि दी।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर ट्वीट कर इस हमले की निंदा की है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि वह इस हमले से बेहद दुखी है। हमले के शिकार लोगों के लिए संवेदना जताते हुए उन्होंने कहा कि हम उनके व उनके परिवार के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत ब्रिटिश सरकार के साथ खड़ा है। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने भी कहा कि इस हमले में किसी भारतीय के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। मैं लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के लगातार संपर्क में हूं।
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जंगल में लगी भीषण आग, महत्त्वपूर्ण जड़ी बूटियाँ जली - Akhand Bharat News
Home उत्तर प्रदेश झाँसी जंगल में लगी भीषण आग, महत्त्वपूर्ण जड़ी बूटियाँ जली
जंगल में लगी भीषण आग, महत्त्वपूर्ण जड़ी बूटियाँ जली
मऊरानीपुर/झाॅसी (ब्यूरो)- मढा मौजा स्थित पंचअग्नि अखाडा मन्दिर के जंगल मे अचानक लगी आग से लगभग हजारों रूपये का नुकसान हो गया। मौॅके पर पहुॅची दमकल टीम ने आग पर काबू पाया।
जानकारी के अनुसार बुधवार की दोपहर लगभग 2 बजे मन्दिर परिसर मे बगल मे खेतीहर भूमि पर लगे बृक्षों मे अचानक आग लग गयी। जिससे आस पास के किसान एकत्र हो गये तथा आग पर काबू पाने के लिए प्रयास किया। लेकिन आग की पलटे इतनी भयानक थी कि आग पर काबू पाना मुश्किल हो गया।
मन्दिर के महन्त सोमेश्वरा नन्द महाराज ने घटना की सूचना केातवाली पुलिस सहित स्थानीय प्रशासन को दी। दो धण्टे बाद मौके पर पहुॅची दमकल टीम ने आग पर काबू पाते जब तक सैकडों वृक्ष आग की चपेट मे आकर जलकर नष्ट हो गये ।तथा खेत मे रखा भूषा भी जलकर खाक हो गया। तथा जडी बूटियाॅ भी जल गयी। वहीं दोपहर बडाबाजार स्थित नायक देवढी के समीप दो दिन पूर्व बदली गयी विधुत केविल मे अचानक आग लग जाने से दुकानदारों मे हडकम्प मच गया। तथा राहगीरो को आवागमन मे परेशानी हुयी। किसी तरह दुकान दारो ने आग पर पानी की मदद से काबू पाया।
नोट- जंगल मे लगी आग की फोटों 5मेल पर
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टाइगर-दिशा का रिश्ता जैकी श्रॉफ को है कबूल, कहा - दोनों चाहे तो शादी कर सकते हैं ! | e24Bollywood
टाइगर-दिशा का रिश्ता जैकी श्रॉफ को है कबूल, कहा - दोनों चाहे तो शादी कर सकते हैं !
बॉलीवुड स्टार्स टाइगर श्रॉफ औऱ दिशा पाटनी से जब भी उनके रिलेशनशिप को लेकर बात की जाती है तो दोनों स्टार्स का बस एक ही जवाब होता है कि हम दोनों अच्छे फ्रेंड्स है। टाइगर और दिशा पिछले कई सालों से साथ है। दोनों का रोमांस एक म्यूजिक वीडियो की शूटिंग से शुरू हुआ था। टाइगर और दिशा के बारे में ये भी कहा जाता है कि दोनो लिव इन में हैं। हाल ही में आकाश अंबानी की शादी में भी दोनों एक साथ पहुंचे थे।
टाइगर दिशा के रिश्ते को परिवार वालों की रजामंदी मिल चुकी है। आए दिन दिशा टाइगर के मम्मी पापा जैकी श्रॉफ और आएशा श्रॉफ के साथ लंच या फिर डिनर पर नजर आती हैं। हाल ही में जैकी ने अपने बेटे और दिशा के रिलेशनशिप पर बात करते हुए कहा कि ,''उनके बेटे को 25 साल की उम्र में एक वो लड़की मिली जो उनकी फ्रैंड है। इसके अलावा जैकी ने दिशा की काफी तारीफ करते हुए आगे कहा कि वो दोनों साथ में डांस और काम करते हैं। दिशा आर्मी बैकग्राउंड से हैं। उन्हें डिसीप्लैन में रहने का प्रेशर समझ आता है। टाइगर और दिशा शादी भी कर सकते है, वो खुलेआम डेट कर सकते हैं या वो दोस्त भी रह सकते हैं। ये सब उनपर डिपेंड करता है''।
हाल ही में दिशा और टाइगर को मुंबई के बांद्रा स्थित के रेस्टोरेंट के बाहर देखा गया था। दोनों फिलहाल अपने करियर में बिजी हैं और हाल फिलहाल शादी नहीं करना चाहते। पिछले दिनों दोनों के ब्रेकअप की खबरें आई थीं। इस पर टाइगर ने कहा था कि,'' मुझे नहीं पता, एक एक्टर की जिंदगी में ऐसी खबरें आती रहती हैं। दिशा के मामले में लोगों का ज्यादा ध्यान जाता है। लोगों को ऐक्टर्स की निजी जिंदगी के बारे में जानने का क्रेज रहता है। मुझे दिशा की कंपनी अच्छी लगती है और हम साथ में खूब मजे करते हैं। ऐसी खबरों से हमारी दोस्ती पर कोई असर नहीं पड़ता।
मतलब साफ है कि टाइगर अपने और दिशा के रिश्ते को दोस्ती का नाम दे रहे है। लेकिन ये किसी से छिपा नहीं है कि दोनों काफी वक्त से एक दूसरे के प्यार में गिरफ्तार है।
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बेटी इरा ने शेयर की आमिर के साथ बचपन की तस्वीर, क्रिसमस पर पापा से गिफ्ट लेती आईं नजर - Amir khan daughter ira khan shares childhood picture with father - Latest News & Updates in Hindi at India.com Hindi
इरा ने जो तस्वीरें शेयर की हैं उनमें पापा आमिर खान क्रिसमस के मौके पर उन्हें कुछ गिफ्ट देते नजर आ रहे हैं.
Updated: February 22, 2020 10:25 PM IST
मुंबई: बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान की बेटी इरा खान (Ira Khan) ने अपने बचपन की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं जिनमें वे पासा आमिर के साथ नजर आ रही हैं. तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये क्रिसमस का समय रहा होगा. इरना इन तस्वीरों में काफी क्यूट लग रही हैं. बता दें कि इरा ने अभी तक बतौर एक्ट्रेस बॉलीवुड में एंट्री नहीं की है लेकिन हाल ही में आईं उनकी कुछ तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे जल्द ही बॉलीवुड में एंट्री कर लेंगी. Also Read - अपनी फोटोज की वजह से एक बार फिर ट्रोल हुई इरा खान, ट्रोलर्स ने कहा- 'पापा से थोड़ा पैसा लेकर टचअप करवा लो'
इरा ने जो तस्वीरें शेयर की हैं उनमें पापा आमिर खान क्रिसमस के मौके पर उन्हें कुछ गिफ्ट देते नजर आ रहे हैं. इरा ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- Santa’s helper…I even have the ears for it! Also Read - सरफरोश, थ्री इडियट्स से लेकर दंगल तक, ये हैं आमिर खान की 10 वो फ़िल्में जिन्होंने सोचने को किया मजबूर
Also Read - Happy Birthday: मात्र 11 साल की उम्र से फिल्मों में काम करने वाले आमिर खान को इस फिल्म से मिली थी बॉलीवुड में पहचान
Santa’s helper I even have the ears for it! . . . #throwback #christmas #missing #santashelper #elf #elfears #fashiondiaster #film #nostalgia
बता दें कि बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान की बेटी इरा खान ने हाल ही अपना एक बोल्ड फोटोशूट करवाया, जिसकी एक तस्वीर फिलहाल इंटरनेट पर छाई हुई हैं. इरा ने इंस्टाग्राम पर अपनी ये तस्वीरें साझा कीं, जिनमें उन्हें पर्पल कलर के बैकलेस हाई स्लिट गाउन में देखा जा सकता है.
हालांकि आमिर को भी अपनी बेटी इरा खान पर बेहद गर्व है जिन्होंने हाल ही में अपने थिएटर प्रोडक्शन ‘यूरिपिडिस मेडिया’ के साथ निर्देशन के क्षेत्र में डेब्यू किया. आमिर ने इंस्टाग्राम पर अपनी बेटी के लिए लिखा था, “इरा मुझे तुम पर गर्व है.” ‘यूरिपिडिस मेडिया’ सबसे लोकप्रिय ग्रीक त्रासदी में से एक है जिसमें आमिर के बेटे जुनैद खान और अभिनेत्री हेजल कीच सहित कई और कलाकार भी हैं.
amir khanIra Khan Bold PhotosIra Khan hot photosIra Khan picture with Amir khanअमिर खानइरा खान
Published Date: February 22, 2020 5:26 PM IST
Updated Date: February 22, 2020 10:25 PM IST
ए.आर. रहमान नहीं चाहते हैं नए कलाकारों के साथ काम करना, जानिए क्या है वजह
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हिंदी कहानी रहस्य की रात भाग 10 by Mahesh Dube
2 Minutes 7.5K 15
#1034 in Story (Hindi)
#30 in Story (Hindi)Action
झरझरा मुस्कराते हुए चारों से बोली, "मित्रों! अघोरनाथ किसी भी तरह इस पूजा को संपन्न होने से रोकना चाहता है। यह पूजा होते ही उस नीच का सर्वनाश जो निश्चित है। मैं अपने पिता चौलाई विकट नाथ की शपथ खाकर और माता कापालिका को साक्षी मानकर कहती हूँ कि कलावा टूटने में ही तुम्हारा कल्याण है। तुम चारों एक बार मेरी आँखों में झाँककर देखो तो तुम्हें सत्य असत्य का स्वयं ही पता चल जाएगा।
चारों ने ध्यान से झरझरा की आँखों में देखा तो अपनी सुध-बुध खो बैठे और यंत्रचालित से उन्होंने अपने कलावे तोड़ कर अग्नि को समर्पित कर दिए। झरझरा ने परम शान्ति की श्वास ली और आँखें मूँद कर एक सुन्दर भजन गाने लगी।
इधर कलावा टूटने पर भी कोई अनर्थ न होता देख इन चारों को भी ढाढ़स मिला। ये उत्साह से भरकर अघोर के विनाश हेतु किये जा रहे यज्ञ के लिए तत्पर हो गए। झरझरा ने उन्हें जल छिड़क कर शुद्ध किया और चन्दन कुमकुम छिड़क कर पूजन हेतु तैयार कर दिया। फिर गंभीर वाणी में मंत्रोच्चार करते हुए यज्ञ वेदी में समिधा डालनी आरम्भ की। यहां यह सब उद्योग चल रहा था कि बाहर पशु मानव जोर-जोर से चिल्लाने और तड़पने लगा। वह जोर-जोर से खंभों को टक्कर मारने लगा जिससे भीषण ध्वनि उत्पन्न होने लगी। पर झरझरा इस व्यवधान से अविचलित ही रही और उन्हें भी इशारे से अपना काम करने को कहा।
अचानक वासू की नजर फूलों की ढेरी में छुपी भयानक फरसेनुमा तलवार पर पड़ी जिसे देख कर वो यूँ चौंका मानो सांप देख लिया हो उसने तुरन्त झरझरा की ओर देखा तो वह बोली पूजन के उपरान्त इसी खड्ग से अघोर का नाश होगा मित्रों। पूजन द्वारा इसी खड्ग को वज्र शक्ति मिलेगी। चारों सहम गए पर असहमति कैसे जताते? चुपचाप पूजन में लगे रहे।
फिर झरझरा ने काफी विधि विधान से सारा पूजन किया इन चारों को ताजे फूलों की माला पहनाई और खुद भी पहनी। सुस्वादु मिठाई इन्हें चखने को दी। ऐसा दिव्य पकवान इन्होंने कभी नहीं खाया था। इनका चित्त प्रसन्न हो गया। फिर झरझरा देवी के सम्मुख साष्टांग प्रणाम की मुद्रा में लेट गई और हाथ आगे फैलाकर नमस्कार की मुद्रा में पड़ी हुई देर तक प्रार्थना करती रही। फिर उसने इन चारों से कहा, " मित्रों! अब हम अपनी पूजा के अंतिम पड़ाव पर आ पहुंचे हैं। तुम चारों भी मेरी तरह ही साष्टांग प्रणाम करके देवी से प्रार्थना करो और नयन मत खोलना अन्यथा अनर्थ हो जाएगा। मैं उस दौरान विशेष पूजन करूँगी।
क्या था विशेष पूजन?
क्या किया झरझरा ने?
जानने के लिए पढ़िए भाग 11
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गुरुग्राम हिंसा मामले में नया मोड़, पीड़ित परिवार ने हलफनामा दायर कर आरोपियों को बताया निर्दोष, Gurugram assault case victim family submits affidavit saying accused is innocent seeks bail for them | Crime News in Hindi
गुरुग्राम हिंसा मामले में नया मोड़, पीड़ित परिवार ने हलफनामा दायर कर आरोपियों को बताया निर्दोष
Updated Apr 13, 2019 | 11:17 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल
गुरुग्राम में बीते महीने होली के दौरान एक परिवार पर हुए हमले में अब एक नया मोड़ आया है। पीड़ित परिवार ने आरोपियों को लेकर हलफनामा दायर कर कहा है कि वे निर्दोष हैं उन्हें जमानत दे दी जाए।
गुरुग्राम हिंसा मामले में आया नया मोड़ |  तस्वीर साभार: ANI
गुरुग्राम: हरियाणा के गुरुग्राम में पिछले महीने होली के दौरान एक परिवार के घर पर हुए जानलेवा हमले को लेकर खूब मीडिया में सुर्खियां बनी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया था जिसमें कुछ लोगों को एक परिवार के सदस्यों पर जानलेवा हमला करते हुए देखा गया था। आरोपियों ने कथित तौर पर पीड़ित परिवार के सदस्यों से कहा था कि वे पाकिस्तान चले जाएं। इस घटना के बाद इलाके में पुलिस की सख्ती बढ़ा दी गई थी साथ ही मामले की तहकीकात भी शुरू कर दी गई थी।
अब इस मामले में नया मोड़ आया है। खबर है कि पीड़ित परिवार ने आरोपियों के साथ समझौता कर लिया है। उनकी तरफ से एक हलफनामा दायर किया गया है जिसमें उन्होंने कहा है कि आरोपी निर्दोष है। घटना 20 दिन पहले की गुरुग्राम के भूप सिंह नगर का है। मुख्य पीड़ित की पहचान मोहम्मद साजिद के रुप में हुई थी।
हलफनामा 8 अप्रैल को दायर किया गया था। शिकायतकर्ता दिलशाद है जो साजिद के भतीजा है। हलफनामे में दिलशाद ने लिखा है कि आरोपी ने किसी प्रकार की कोई हिंसा नहीं की है उल्टा उन्होंने भीड़ से हमें बचाने की कोशिश की है। इसके अलावा ये भी कहा गया है कि कथित आरोपी राजसिंह उर्फ अमित ने उसे अस्पताल पहुंचाने में मदद की थी।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए साजिद ने बताया कि हम इस सहमति पर पहुंचे हैं कि अगर हमें समाज में रहना है तो हमें इस तरह की बाच माननी पड़ेगी । हलफनामे में ये भी आगे लिखा गया है कि आरोपी के खिलाफ उन्हें कोई शिकायत नहीं है इसलिए आरोपियों को जमानत दे दी जानी चाहिए।
गौरतलब है कि होली के दिन यह विवाद क्रिकेट खेलने को लेकर शुरू हुआ था। दिलशाद यहां होली की शाम 3 बजे के करीब अपने पड़ोसियों के साथ क्रिकेट खेलने के लिए पास के मैदान में गया। अचानक 9 लड़के तीन बाइक पर आए और चिल्लाकर उन्हें कहने लगे तुम यहां क्या कर रहे हो? जाओ पाकिस्तान। इसके बाद वे वहां से क्रिकेट छोड़ घर आ गए लेकिन वे लड़के घर पर भी आ गए और हमला करना शुरू कर दिया।
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जम्मू-कश्मीर: बीजेपी- पीडीपी गंठबंधन में मतभेद - The Siasat Daily
जम्मू-कश्मीर: बीजेपी- पीडीपी गंठबंधन में मतभेद
February 3, 2017, 10:31 AM IST Kashmir
श्रीनगर। विचारधारा के स्तर पर विरोधी के सहयोग से गठबंधन सरकार चलाना एक कला है और इसे सफलतापूर्वक चलाना जादू है। आज के जो हालात हैं, उनमें ऐसा लग रहा है कि जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जादूगर नहीं हैं।
जम्मू एवं कश्मीर विधानमंडल के दोनों सदनों का अभूतपूर्व हंगामे के बीच निर्धारित समय से छह दिन पूर्व ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होना भले ही विपक्ष के हंगामे का नतीजा लगे, लेकिन इसकी मूल वजह महबूबा की कश्मीर केंद्रित पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और इसकी सहयोगी जम्मू केंद्रित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच के विचारधारात्मक मतभेद हैं।
अच्छे से तैयार किए गए एक बयान में महबूबा ने विधानसभा में कहा कि संविधान की धारा 370 और 35 को निशाना बनाना ‘कश्मीरियत’ के नाम से मशहूर राज्य की धर्मनिरपेक्ष और बहुलवादी संस्कृति की जड़ों को काटने के समान है। इसीलिए धारा 370 पर कोई भी हमला ‘राष्ट्र विरोधी’ है। ताज्जुब है कि भाजपा के खेमे से किसी ने इसका विरोध नहीं किया।
यह बयान सोमवार को दिया गया। मंगलवार को जब विधानसभा की कार्यवाही हुई तब निर्दलीय विधायक पवन गुप्ता ने विधानसभा अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता से सदन की कार्यवाही से ‘राष्ट्र विरोधी’ शब्द को निकालने का आग्रह किया। अब भाजपा सदस्यों ने इस मांग का समर्थन किया। गुप्ता ने कहा कि वह पहले कार्यवाही का रिकार्ड देखेंगे।
विपक्ष के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान को निकालने की मांग उनकी ही गठबंधन सहयोगी (भाजपा) द्वारा करना उनमें अविश्वास जताने के समान है और मुख्यमंत्री को इस पर सदन में सफाई देनी चाहिए। सदन को स्थगित कर दिया गया। बुधवार को कार्यवाही शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने रिकार्ड देखा है और मुख्यमंत्री के भाषण में ऐसा कुछ भी नहीं पाया है जिसे निकालने की जरूरत है।
इसके बाद ऐसा हंगामा हुआ, जैसा राज्य विधानसभा में कभी देखा नहीं गया। माइक उखाड़ लिए गए, एक-दूसरे पर कुर्सियां फेंकी गईं, वरिष्ठ नेताओं तक के साथ मारपीट की नौबत आई। दो मार्शल घायल हो गए। कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए रोक दी गई।
महबूबा ने मंगलवार और बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया। पीडीपी ने कहा कि अध्यक्ष के स्पष्टीकरण के बाद मुख्यमंत्री को कोई बयान देने की जरूरत नहीं है। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस टिप्पणी पर बहस के दौरान महबूबा ने यह साफ कर दिया कि वह अपने बयान के हर शब्द पर कायम हैं।
भाजपा के साथ पीडीपी के गठबंधन के समय महबूबा के पिता दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा था कि यह ‘उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव का मिलन है।’ उन्होंने कहा था कि यह गठबंधन राज्य के हर हिस्से के विकास के लिए किया गया है। इसीलिए भाजपा, जो धारा 370 का खात्मा चाहती है और पीडीपी जो स्वशासन चाहती है, दोनों ने अपने मुद्दों को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
महबूबा के लिए इस गठबंधन को बनाए रखना आसान नहीं है। उनके पास वह अनुभव और धैर्य नहीं है जो उनके पिता में था और जिसकी जरूरत ‘उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव’ जैसे दो एक-दूसरे से विचारधारात्मक रूप से उलट नेतृत्व को होती है।
UAE offers 10 years ‘residence visa’ to professionals, exceptional students, investors - @TheSiasatDaily #UAE #Visa46 mins ago
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Sunday, 24 February 2019, 10:39 AM
Updated on 4 December, 2018, 14:45, By Janghatna
नई दिल्ली: 30 मई 2019 से शुरू हो रहे आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप का दुनियाभर के करोड़ों फैन्स बेताबी से इंतजार कर रहे हैं. चार साल में एक बार होने वाले इस वर्ल्ड कप का क्रिकेट फैन्स को बेसब्री से इंतदार करते हैं. स्टेडियम में बैठकर इस टूर्नामेंट के मैचों को देखने के लिए फैन्स कोई भी कीमत चुकाने को तैयार रहते हैं. इसके लिए सालभर पहले से ही टिकट बिक्री शुरू हो जाती है. इस साल का आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप इंग्लैंड में खेला जाने वाला है. इस वर्ल्ड कप को लेकर लोगों में किस तरह का क्रेज है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि छह महीने पहले ही इस टूर्नामेंट के लगभग सभी टिकट बुक हो चुके हैं.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के व्यावसायिक महाप्रबंधक कैंपबेल जेमीसन ने हाल ही में बताया कि इंग्लैंड में 2019 में होने वाले वर्ल्ड कप के कुल 3500 टिकट भी नहीं बचे हैं. जेमीसन ने बताया कि 30 मई से 14 जुलाई तक ब्रिटेन में होने वाले टूर्नामेंट के अधिकांश टिकट बिक चुके हैं. इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के दौरान कुल 48 मैच खेले जाएंगे.
भारत के सभी मैचों के बिक चुके हैं टिकट
भारत के सभी मैचों के टिकट बिक चुके हैं, जिसमें 16 जून को ओल्ड ट्रैफर्ड में पाकिस्तान के खिलाफ होने वाला मैच भी शामिल है.
करीब 3500 टिकट ही बचे हैं
आईसीसी और भारतीय बीयर ब्रांड बिरा 91 के बीच साझेदारी की घोषणा के बाद जेमीसन ने कहा, ‘‘वर्ल्ड कप के अधिकांश मैचों के टिकट बिक चुके हैं. मुझे लगता है कि हमारे पास लगभग 3500 टिकट ही बचे हैं. यह दर्शाता है कि खेल में हर बार से अधिक दिलचस्पी है.’’
टीम इंडिया के वर्ल्डकप मुकाबलों का पूरा शेड्यूल
5 जून : दक्षिण अफ्रीका (साउथेम्प्टन)
9 जून : ऑस्ट्रेलिया ( ओवल )
13 जून : न्यूजीलैंड ( नॉटिंघम )
16 जून : पाकिस्तान (मैनचेस्टर)
22 जून : अफगानिस्तान (साउथेम्प्टन)
27 जून : वेस्टइंडीज (मैनचेस्टर)
30 जून : इंग्लैंड (बर्मिंघम)
दो जुलाई : बांग्लादेश (बर्मिंघम)
छह जुलाई : श्रीलंका (लीड्स)
नौ जुलाई : पहला सेमीफाइनल (मैनचेस्टर)
11 जुलाई : दूसरा सेमीफाइनल (बर्मिंघम)
14 जुलाई : फाइनल (लॉर्ड्स)
भारत और पाकिस्तान के बीच 16 जून को मैनचेस्टर में मैच होगा. आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी-2017 के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शिकस्त झेलने के 2 साल बाद भारत के पास पाकिस्तान से बदला लेने का मौका होगा. टीम इंडिया साल 2015 के वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंची थी. इस बार टीम विराट कोहली ने अगुवाई में वर्ल्ड कप खेलेगी.
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राम रहीम की 'विषकन्याओं' का खुला राज! राम रहीम के आदेश पर करती थीं ये चौंकाने वाला काम.. - RN Times Hindi
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राम रहीम की ‘विषकन्याओं’ का खुला राज! राम रहीम के आदेश पर करती थीं ये चौंकाने वाला काम..
13 अगस्त, 2017 – दो साध्वियों से रेप के जुर्म में 20 साल की सजा भुगत रहे गुरमीत राम रहीम की ‘विषकन्याओं’ पर एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है.
क्रूर तानाशाह की तरह डेरे में अपनी ‘सल्तनत’ चलाने वाले राम रहीम ने ‘विष कन्याओं का दल’ भी बना रखा था जिसका कनेक्शन गुफा स्थित उसके शयन कक्ष से जुड़ा था. गुफा में ऐशो-आराम का हर सामान होने का खुलासा पहले ही हो चुका है.
ख़बरों के मुताबिक डेरे में राम रहीम की विष कन्याओं का एक ग्रुप था. इस ग्रुप की महिलाओं का काम था डेरे की सुंदर लड़कियों को अपने झांसे में लेकर राम रहीम की गुफा तक पहुंचाना. ये विष कन्या राम रहीम की बेहद खास थीं और पहले खुद भी इस सब से गुजर चुकी होती थीं.
विष कन्याओं के इस दल में वो महिलाएं शामिल थीं जो खुद कभी ना कभी गुरमीत की गुफा के जाल में फंस चुकी थीं. उम्रदराज होने के बाद उन्हें गुरमीत की हर सुख सुविधा का ध्यान रखने के काम पर लगा दिया जाता था. विष कन्याओं के दल में उन्हीं महिलाओं को शामिल किया जाता था जिन पर गुरमीत को पूरा भरोसा होता था.
ये विष कन्याए अलग-अलग तरीकों से लड़कियों को बहकाती थीं. कहती थीं कि बाबा ने उनको अपना सबसे खास शिष्य मानाकर आशीर्वाद देने के लिए बुलाया है. विष कन्याएं मासूम लड़कियों से कहती थीं कि बाबा ने उनको ‘पवित्र’ करने और आशीर्वाद देने के लिए अपने पास गुफा में बुलाया है.
किसी साध्वी के मुंह से गलती से भी डेरे या गुरमीत के खिलाफ कोई शब्द निकल जाता तो उसे ऐसी यातना दी जाती थी कि जिसे वो कभी ना भूल सके. साध्वियों को आपस में बात करने की भी इजाजत नहीं दी जाती थी.
ये विष कन्याएं हीं इस बात पर भी नजर रखती थीं कि डेरे की कोई भी लड़की राम रहीम के खिलाफ बात ना करे. जिसको ऐसा करते देख लिया जाता था उसको 24 घंटे तक बिना खाना-पानी के रखा जाता था. जो लड़कियां फिर भी नहीं मानती थीं उनको ‘मन सुधार कमरे’ में लेकर जाया जाता था. वहां उनको कुर्सियों से बांध दिया जाता था और पीटा जाता था.
विषकन्याएं जिन साध्वियों को गुफा में तैनाती के लायक नहीं समझती थीं, उनसे दिन रात डेरे में खाना बनाने, साफ सफाई, मंच की साज सज्जा समेत तमाम काम कराए जाते थे. वहीं सुंदर और पढ़ी-लिखी लड़कियों को गुफा की ‘सेवा’ के अलावा स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी जाती थी.
गुरदास सिंह का राम रहीम जैसे दरिंदे को सजा दिलाने में नाम के शख्स का अहम रोल है. वह सीबीआई के गवाह थे. उन्होंने बताया कि उन विष कन्याओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. कुछ विष कन्याएं कथित तौर पर अभी डेरे में मौजूद हैं. उनमें से एक तो प्रेग्नेंट हो जाने वाली साध्वियों का गर्भपात करवाती थी.
सोचने वाली बात यह है कि सीबीआई की चार्जशीट में जिक्र होने के बाद भी इन विषकन्याओं के खिलाफ ना तो अब तक कोई केस दर्ज हुआ है और ना ही उनकी धरपकड़ के लिए कोई कोशिश. ये जानते हुए भी कि ये विषकन्याएं गुरमीत के गुनाहों में भागीदार रही है. राम रहीम के पकडे जाने के बाद एक-एक करके सारे राज खुल रहे हैं.
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sagar kumar - March 18, 2017
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Petrol-Diesel Price on 7th November, 2019: लगातार 3 दिन से पेट्रोल और 4 दिन से डीजल के दाम स्थिर Petrol-Diesel Price on 7th November, 2019: Petrol prices for 3 consecutive days and diesel prices stable for 4 days
आज पूरे देश में पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर हैं। यानी तेल के दामों में आज कोई बदलाव नहीं है।
पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार घट रहे हैं या फिर स्थिर हैं। पिछले 4 दिन से डीजल के दाम स्थिर हैं और पेट्रोल के दाम भी पिछले 3 दिन से स्थिर हैं। तेल की कीमतों में लगातार नरमी आ रही है। इससे महंगाई भी नियंत्रण में रहने की उम्मीद जताई जा रही है।
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गुरुवार यानी आज 7 नवंबर को दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया है। दिल्ली में पिछले 3 दिनों से पेट्रोल के दाम स्थिर हैं। पेट्रोल की कीमत 72.60 रुपये प्रति लीटर है। जबकि डीजल के दाम पिछले 4 दिन से स्थिर हैं। डीजल की कीमत 65.75 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में भी पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं। पेट्रोल की कीमत 78.28 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 68.96 रुपये प्रति लीटर है। यानी कल के भाव से ही तेल की बिक्री हो रही है।
ऐसे ही कोलकाता में भी पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं है। पेट्रोल के दाम 75.32 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम बिना कोई बदलाव के 68.16 रुपये प्रति लीटर है।
इसी तरह चेन्नई में भी पेट्रोल 75.45 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 69.50 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है। यानी यहां भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं है।
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कहानी / नायं हन्ति न हन्यते ! / राहुल देव | रचनाकार
नायं हन्ति न हन्यते ! मत्स्यगंधा एक्सप्रेस खेत-खलिहानों, नदी-नालों को पार करती तेजी से आगे बढ़ती जा रही थी। इसी ट्रेन के द्वितीय श्रेणी ...
मत्स्यगंधा एक्सप्रेस खेत-खलिहानों, नदी-नालों को पार करती तेजी से आगे बढ़ती जा रही थी। इसी ट्रेन के द्वितीय श्रेणी शयनयान के डिब्बे में अपनी बर्थ पर लेटा हुआ अमित सोच रहा था-
छोटे से शहर महादेवपुरम में उसका बचपन बीता। पिता का ट्रान्सफर हो गया और वे दिल्ली आ गए। कुछ वर्षों के लिए सबकुछ छूट सा गया। हमेशा याद आई उनकी, इतने वर्ष बीत गए। क्या कर सकता है वह अपने गुरूजी के लिए, अपने जीवन आदर्श के लिए ? मिल पाउँगा उनसे, कैसे मिलूँगा, क्या कहूँगा ! ऐसे तमाम सवाल अमित के मस्तिष्क में उमड़-घुमड़ रहे थे। मास्टर जी का तेजस्वी चेहरा उसके मस्तिष्क के सामने आ रहा था, धुंधलका हट रहा था....
हमारे शिक्षक श्री सत्य प्रकाश जी, यथा नाम तथा गुण। बड़े ही अच्छे अध्यापक और वो भी हिंदी के। कोचिंग चलाते थे वे। प्रधानाचार्य थे वे एक छोटे से कोचिंग संस्थान के। स्वच्छन्द, बड़े ही अनुशासन प्रिय, सरल एवं प्रभावी व्यक्तित्व। लड़कों की पहली पसंद। वे जब भी पढ़ाते तो हमें ऐसा प्रतीत होता जैसे उनके पीछे कोई शक्ति पड़ी हो। कभी-कभी जोर-जोर से चिल्लाने लगते तो कभी इतना धीरे बोलते कि लड़के कूपमंडूक सुना ही करते। सत्य प्रकाश जी हिंदी साहित्य में निष्णात, कवि हृदय पुरुष थे। साहित्यानुराग उनके अन्य गुणों के साथ बोनस की तरह जुड़ा हुआ था।
उन्हें अपने विषय पर गहरी पकड़ थी सो बगैर किताब के ही उनका लेक्चर शुरू हो जाता। छोटे से छोटे टॉपिक पर भी घंटों बोला करते। घंटी तो उन्हें सुनाई ही न पड़ती थी। जब बच्चे यह कहते कि गुरूजी कुछ प्रश्न-उत्तर, व्याख्या, जीवनी लिखवा दीजिये तो वे कहते- लिखा तो किताब में है ही, उसे ही पढ़ो। कक्षा में मैं जो बोलूं उसे ध्यान से सुनो। पुराने जमाने में जब किताबें नहीं थी तब मौखिक ही शिक्षण होता था और शुरू हो जाता उनका उपदेश। अब लड़के ठहरे हाईस्कूल/इन्टर स्तर की निचली कक्षाओं के और वो भी ग्रामीण बच्चे। कहाँ से समझ पाते इतनी गहराई की बातें। मेहनत व्यर्थ जाती उनकी लेकिन जी न चुराते पढ़ाने से। शायद इसीलिए संस्थान का रिजल्ट कभी इतना बढ़िया नहीं रहा। उनका शिक्षण सिर्फ पढ़ा देने या अंक दिला कर पास करा देने तक ही सीमित नहीं था। उनका शिक्षण बहुआयामी था। सभी लड़के-लड़कियां उनका बहुत सम्मान करते थे। वे भी उन्हें अपने बच्चों समान मानते थे। सत्य प्रकाश जी आर्थिक दृष्टि से थोड़ा विपन्न थे। वे पुरुषार्थ के बाकी तीन अवयवों का तो बखूबी पालन करने में तत्पर रहे परन्तु एक अवयव यानी की ‘अर्थ’ से वे विलग ही रहे।
उन्होंने कभी अपने या अपने परिवार के लिए धन इकट्ठा नहीं किया। शाहखर्च थे वे। जेब में पैसे हों तो क्या कहने, न हों तब भी कोई गम नहीं। जब लोग उनसे इस बारे में कहते तो वे सुनी सुनाई एक लाइन से सबको निरुत्तर कर देते वे कहते, ‘पूत कपूत तो क्या धन संचे पूत सपूत तो क्या धन संचे।’ लोगों ने उन्हें मास्टर मस्तराम की संज्ञा दे दी थी। उन पर यह कहावत एकदम सटीक बैठती थी, मस्तराम मस्ती में आग लगे बस्ती में।
कोचिंग में लड़कों ने सभी शिक्षकों के कुछ न कुछ नाम रख दिए थे। भौतिकी विषय के शिक्षक काफी मोटे थे उनका नाम गैंडास्वामी रखा गया, केमिस्ट्री के अध्यापक महोदय हमेशा अजीब से शकल लिए रहते थे मानो प्रेशर आया हुआ हो इसलिए उनका नामकरण हुआ- हगासा, कॉमर्स के टीचर क्लास में अक्सर हाथ उठा-उठाकर, ताली बजा बजाकर पढ़ाया करते थे उनका नाम रख गया- किन्नर, बायो के अध्यापक की शकल व बालों की स्टाइल फ़िल्मी हीरो शाहरुख़ खान से मिलती-जुलती थी इसलिए उनका नाम पड़ गया शाहरुख़ खान, गणित विषय के अध्यापक महोदय के चेहरे व शरीर पर सफ़ेद दाग थे सो उनका नाम दिया गया- सफेदा, कंप्यूटर के शिक्षक नाटे कद के थे इसलिए उनका नाम छोटू रखा गया। सभी अध्यापकों के पीठ पीछे हम उन्हें इन्हीं नामों से बुलाया करते। सचमुच वह भी क्या खूब मजे के दिन थे। इन सब बातों से दूर सत्यप्रकाश जी अन्य अध्यापकों से एकदम अलग थे वे लड़कों से कभी खुद ही पूछते- आज पढ़ने की इच्छा नहीं है क्या ! तो वो कभी चाय पिलवाते तो कभी नाश्ता करवाते। कोचिंग के अन्य शिक्षणगण विस्मित होते उनके व्यवहार से। वे छात्र एवं अध्यापक के संबंधों की गरिमा को अच्छी तरह से समझते थे। वे मनोवैज्ञानिक ढंग से बच्चों को डील करते थे।
विश्राम करने के लिए सत्य प्रकाश जी कभी-कभी ऑफिस में ही ऊँघ लेते। कोई देखे तो यही कहे शायद देर रात तक जगते हैं। मगर ऐसा कुछ भी नहीं था। ये तो आदत थी उनकी। अब कुर्सी की पीड़ा को कौन झेले तो वही कोचिंग के ऑफिस में एक तखत भी डलवा लिया। जैसे ही थोड़ी फुर्सत/मौका मिलता तो वे उसी तखत पर पसर जाते। कभी-कभी सभी लोग चले जाते और वे छुट्टी के बाद भी घोड़े बेच कर सोया ही करते जब तक घर से उनका लड़का उन्हें बुलाने न आ जाये।
वे कर्मयोगी थे। एक दार्शनिकता सी थी उनके जीवन में। प्रबंधक सहित सभी शिक्षक सोचते थे जब ये दिनभर एक दो पीरियड पढ़ाने के अलावा सोया ही करते हैं तो आखिर सभी रजिस्टर, फाइलें, फीस इंट्री, आय-व्यय का विवरण कैसे रखते होंगे। यही सोचकर एक दिन हो गया सत्य प्रकाश जी के ऑफिस का औचक निरीक्षण। प्रबंधक सहित कार्यकारिणी के कई वरिष्ठ सदस्य कोचिंग परिसर में दाखिल हुए। उन्होंने देखा कि सत्य प्रकाश जी आराम फरमा रहे हैं। प्रबंधक महोदय का पारा चढ़ गया। उन्होंने सोचा कि अगर सभी एंट्रियाँ पूर्ण न मिलीं तो इन्हें रखने से क्या फायदा। ये तो अव्यवस्था है, बच्चे क्या सोचते होंगे ? ऐसा बड़बड़ाते हुए उन्होंने मेज पर, अलमारी के सभी कागज़ पत्रों की जांच कर डाली। आश्चर्य ! सबकुछ इतना मेनटेन था कि प्रबंधक सहित सभी शिक्षकों को हैरानी हुई। तभी सत्यप्रकाश जी उठ बैठे और बेमतलब खड़े हुए शिक्षकों से बोले, ‘आप लोग यहाँ पर क्या कर रहें हैं। जाइये अपने-अपने क्लास लीजिये। कितना शोर हो रहा है।’
बेचारे प्रबंधक जी खिसिया गये, क्या कहते- चुपचाप लौट गये। सत्यप्रकाश जी के विरोधियों को काटो तो खून नहीं। उनके सहज और शांत स्वभाव के कारण संस्थान के वरिष्ठ शिक्षकों की निगाहें उनकी कुर्सी पर लगीं रहतीं और वे मौका पा के प्रबंधक महोदय के कान भरा करते, परास्त होने पर अपनी खीझ बच्चों पर निकालते।
हम सब लड़के सब समझते थे। गुप्त रूप से सारी सूचनाएँ गुरूजी के पास पहुँच जातीं। कुल मिलाकर उनका सूचनातंत्र बड़ा सबल था। मेहनत से वे कतराते न थे। समय से पहले ही उनका सब काम पूरा हो जाता। अब इतना बचा समय। करें तो क्या करें तो सोचते कि विश्राम किया जाए।
कभी-कभी अपनी तरफ से वे आकस्मिक अवकाश घोषित कर देते या कभी बच्चों से कहते, ‘अब तुम लोग थक गये होगे। चाहो तो अपनी-अपनी बेंचों पर लेट जाओ। कम पड़ें तो ऑफिस से उठा लाओ।’ मानो कोचिंग नहीं आरामगाह हो। सत्यप्रकाश जी कहा करते, ‘पढ़ो भी, आराम भी करो ! प्रतिरोधक क्षमता/शक्ति बढती है इससे।’ पता नहीं उनकी इस आरामतलबी के पीछे क्या कारण था। खैर जो भी हो थे बड़े ही अच्छे। एक आदर्श अध्यापक में जो गुण होने चाहिए थे वे सभी उनमें विद्यमान थे। विद्यार्थियों और उनके बीच के भाव कृत्रिम नहीं बल्कि अपनत्व से भरे थे। फीस के लिए तो उन्होंने कभी कहा ही नहीं लेकिन जब उन्हें जरुरत पड़ती तो किसी छात्र विशेष को अकेले में बुलाकर सत्यप्रकाश जी संकोच से कहते, ‘बेटा ! कुछ पैसे हों ज़रा दे देना, बाद में मुझसे ले लेना।’ मानो उधार मांग रहे हों। मेरा मानना था कि यदि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ होते तो सबकी फीस खुद ही जमा कर देते। बड़े ही नेक इंसान थे सत्यप्रकाश जी !
लेकिन इतना सब कुछ कैसे और कब तक चलता। कोचिंग में घाटा तो लगना ही था। बमुश्किल 50-60 बच्चे और 5 अध्यापक ऊपर से बिल्डिंग का किराया, प्रबंधक का हिस्सा तथा अन्य खर्चे अलग। सत्यप्रकाश जी किसी से कुछ न कहते। वे अपने विद्यार्थियों से हमेशा जोर देकर कहते कि, ‘अभी पढ़ लो, आगे विश्राम करोगे जिंदगी भर।’ मैं उनसे बहुत प्रभावित था। दूरदराज़ के जो बच्चे शहर में किराये का कमरा लेकर रहते थे उन्हें कभी-कभी वे अपने लड़के के हाथ अपने घर से भोजन बनवा के पिठवा देते या कभी कुछ। अपने शिष्यों का ऐसा ख़याल कौन रखता है आज के जमाने में। उनके बारे में सोचकर बड़ा अच्छा लगता। सत्य प्रकाश जी मिसाल थे पूरी शिक्षक जाति के लिए। वे समर्पित थे शिक्षा के प्रति/अपने शिष्यों के प्रति। शिक्षा के सम्बन्ध में वे स्वामी विवेकानंद के विचारों से बहुत प्रभावित थे, वे अक्सर कहा करते कि जो इस संसार माया से पार उतार दे, जो कृपा करके सारी मानसिक आधि-व्याधियों को मिटा दे वही यथार्थ गुरु है। जो ज्ञानी हैं, जो दूसरों को संसार सागर से उबार सकने में समर्थ हैं वही असली गुरु हैं। उन्हें पाते ही चेले हो लो ‘नात्र कर्ता विचारणा !’
कुछ समय बाद उनका कोचिंग आना बंद हो गया। अन्य कोई प्रधानाचार्य बना था। मगर आश्चर्य ज्योंही पता चला सत्यप्रकाश जी चले गये हैं एक भी बच्चा कोचिंग न आया। मायूस हो गये सब और कोचिंग बंद हो गयी, हमेशा के लिए। उधर बच्चे उनसे मिलने उनके घर पहुँच गये। विह्वल हो रोने लगे सब। बताने लगे सब अपनी-अपनी व्यथा। मानो अपने गुरु नहीं अपने पिता से बातें कर रहें हों। सत्यप्रकाश जी ने सबको ढाढस बंधाया। पुत्रवत स्नेह से सबको गले लगा लिया। ऐसे थे सत्यप्रकाश जी। मानो वे शिक्षा के लिए और अपने बच्चों के लिए ही बने थे। उनकी हर एक बात याद रहती थी बच्चों को। उनका आदेश वेदवाक्य था शिष्यों के लिए। ऐसे व्यक्ति विरले ही होते हैं और मेरा गुरु विरला ही था जिनके खुद के पसंदीदा व्यक्ति प्रसाद और निराला जैसे बीहड़ व्यक्तित्व के स्वामी थे। गुरुदक्षिणा तो देनी ही होगी उन्हें। जो वे कहेंगे चरणों में डाल दूंगा लाके। बहुत दिन हुए उनसे मिले, न जाने कैसे हों ? अमित ने सोचा।
यादों के झरोखे से बाहर आकर अमित ने देखा गाड़ी रुकी हुई थी उसका गंतव्य महादेवपुरम आ चुका था। वह उतरा, बहुत बदला-बदला से लग रहा था उसे चारों ओर। अब तो सीधे दिल्ली से रेलगाड़ी की व्यवस्था है सो कोई ख़ास परेशानी न हुई। उत्कट अभिलाषा थी अपने प्रिय आचार्य से मिलने की और इतने वर्षों बाद जब वे मुझे देखेंगे तो कैसा लगेगा। गुरु शिष्य का दुबारा मिलन, होगी भेंट मज़ा आ जायेगा। अमित को रोमांच हो रहा था, यों सोच मानो उसकी यात्रा की सारी थकान, सारा खुमार उतर गया।
अमित ने स्टेशन से बाहर आकर ऑटो किया। पूछते-पाछते, ढूंढते-ढांढते वह उनके पैतृक निवास तक पहुंचा तो देखा वहाँ कुछ न था। यहाँ तो खण्डहर है। अमित ठिठका- कहीं गलत स्थान पर तो नहीं आ गया। उसने इधर-उधर पूछा। वह सही था, ‘शेष नहीं उनका कोई वंशज। मात्र 48 वर्ष की अल्पायु में क्षय रोग से पीड़ित होकर हमें छोड़कर चले गये। सदा-सर्वदा आराम करने के लिए। परिवार भी भयानक बरसात के फलस्वरूप एक दिन कच्ची छतों के नीचे दबकर कालकवलित हो गया। शेष नहीं बची उनकी कोई कृति, समय ने सबकुछ लील लिया !’ निकटवर्ती लोगों ने अमित को ऐसा कुछ बताया। अप्रत्याशित उत्तरों से अमित को झटका सा लगा। वह पता नही क्यों बेचैन सा हो गया। व्यथित हो उलझ गया वह स्वयं से- क्या अर्थ ही है सबकुछ ?? पूछूँ में किससे क्यूँ हो जाता है अंत महामानवों का, इतनी जल्दी !
आज सत्यप्रकाश जी नहीं हैं। बची हैं तो सिर्फ उनकी यादें। आज लोग शिक्षा के आदर्श रूप में उनकी मिसाल देते हैं तो लगता है कि ऐसे मस्तराम जी दोबारा फिर न हो सकेंगे। उनके साथ गुजरा एक-एक क्षण अतीत के चलचित्रों की तरह अमित की आँखों के सामने आ रहा था। मानो कल ही की बात हो। उन जैसे गुरु को पाकर मैं धन्य था। उनकी शिक्षाओं/सिद्धांतों को जिसने जीवन में उतार लिया वह आदमी बन चुका था। खेद है मैं गुरुदक्षिणा न चुका सका। अमित ने सोचा।
टूटे घरौंदे पर जमीं घास मुस्कुरा रही थी। अमित बेबस था, क्रोध आता था उसे ईश्वर पर, उसके अस्तित्व पर। अमित बोझिल क़दमों से वापस लौटने को मुड़ा कि उसे लगा मानो उस खण्डहर से गुरूजी पुकारते हों। वह रुक जाता, उसे उनकी परछाई सी महसूस होती, गूंजती उनकी तेज आवाज़। अमित यथार्थ के कठोर पृष्ठ पर लौट आया। चौराहे पर खड़ा होकर वह इधर-उधर देखता, राहों को ताकता। उसकी अवचेतना झंकृत हो उठी। कदम चलते, मस्तिष्क करता वंदन ! काश वे फिर आयें, कहें मुझसे- ‘विश्राम कर लो अमित ! सुबह फिर जुटना है !’
रचनाकार: कहानी / नायं हन्ति न हन्यते ! / राहुल देव
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वो ड्रिंक जिसे पीते ही मुंह और जीभ हो जाती है 'सुन्न' - BBC News हिंदी
वो ड्रिंक जिसे पीते ही मुंह और जीभ हो जाती है 'सुन्न'
सारा ट्रीनर और विविएन नुनिस बिजनेस रिपोर्टर, बीबीसी न्यूज़
वानुआतु की राजधानी पोर्ट विला में मिलने वाली कावा ड्रिंक लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है. जहां एक ओर लोग इससे सेहत पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता कर रहें हैं, वहीं कहा जा रहा है कि इसके बहुत से आर्थिक मायने भी हो सकते हैं.
वानुआतु की राजधानी पोर्ट विला में यह एक नम दोपहरी का समय है. वानुआतु प्रशांत महासागर के सैकड़ों मील में बिखरा हुआ एक द्वीप राष्ट्र है.
पोर्ट विला के एक बार में नी-वानुआतु समूह की एक महिला एक छोटे से प्लास्टिक के बाउल में मटमैले रंग का एक पेय पदार्थ (ड्रिंक) निकालती है. इस ड्रिंक को कावा कहते हैं. इसे कावा नाम के एक पौधे की जड़ को पीसकर पानी के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है.
कावा के बारे में दुनियाभर में जाने-माने विशेषज्ञ डॉ. विंसेंट लेबॉट ने कहा, 'आपको इसे एक ही बार में पूरा पीना होगा. इसे पीते ही आपका मुंह और ज़बान सुन्न से होने लगेंगे.' जब उनसे पूछा गया कि उसके बाद क्या होगा तो वे हंसकर बोले, 'ज़्यादा कुछ नहीं.'
डॉ. विंसेंट मूल रूप से फ्रांस के रहने वाले हैं लेकिन अब दशकों से वह वानुआतु में रहते हैं.
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दिलचस्प है कि बार के सामने वाले गेट के ठीक ऊपर एक लाइट लगी हुई है और अगर लाइट जल रही है तो इसका मतलब है कि बार में कावा है और जब दिनभर का सीमित स्टॉक ख़त्म हो जाता है, तो यह लाइट बंद हो जाती है.
इस बार को लास्ट फ्लाइट भी कहा जाता है. यह देश के मुख्य हवाई अड्डे के ठीक पीछे बना हुआ है. यह बार कामकाजी लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है क्योंकि इसमें किसी बहुत ही शांत बियर गार्डेन जैसा वातावरण रहता है.
इस बार में कोई और शराब नहीं मिलती है सिर्फ़ और सिर्फ़ कावा ही मिलता है. इसे पीनेवाले या इसका समर्थन करने वालों का कहना है कि इसे पीने से बैचैनी कम होती है और ये नींद न आने की परेशानी में भी मदद करती है. यह भी कहा जाता है कि इसे पीने से हल्के से उत्साह का अनुभव भी किया जा सकता है. वहीं इसके आलोचकों का कहना है कि यह बेहद ख़तरनाक है और यूरोपीय संघ में प्रतिबंधित भी है.
डॉ. लेबॉट बताते हैं, "कावा पूरे पैसिफिक में बहुत ही लोकप्रिय है और साथ ही इसे पवित्र भी माना गया है. पारंपरिक रूप से वानुआतु में चीफ या प्रमुख स्थानीय मामलों की चर्चा करते हुए इसे पीया करते थे. इसे नारियल के खोल में पिए जाने की परंपरा थी."
वो बताते हैं, "चीफ़ इसे पीते थे ताकि वो अपने पूर्वजों के साथ बातचीत कर सकें."
लेकिन हाल ही में इसका इस्तेमाल काफ़ी बढ़ गया है. वानुआतु में अब ज़्यादातर परिवार भी कावा से परिचित हैं और इसे अपने घरों के बाहर उगाते भी हैं. हालांकि कभी महिलाओं के लिए इसे पीना मना था लेकिन आज के समय में राजधानी पोर्ट विला में यह बहुत आम हो गयी है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ महिलाएं अभी भी इससे परहेज़ करती हैं.
डॉ. लेबॉट उम्मीद कर रहे हैं कि यह ड्रिंक दुनियाभर में लोकप्रिय हो सकती है और वानूआतू को आर्थिक रूप में भी मदद कर सकती है.
कावा के निर्यात की पहले की भी कोशिश की गई है लेकिन यह योजना के अनुसार नहीं हो सकी. डॉ. लेबॉट बताते हैं कि कावा को अब यूरोपीय संघ में प्रतिबंधित कर दिया गया है. कुछ समय तक सप्लीमेंट के रूप में लोकप्रिय होने के बाद उसे असुरक्षित करार दिया गया.
डॉ. लेबोट जोर देकर कहते हैं कि अगर इसे ठीक से तैयार किया जाता है यानी जब सूखी जड़ को एक पेस्ट में बदलकर पानी के साथ मिलाया जाता है तो यह पूरी तरह से सुरक्षित होता है.
वानुआतु में कावा उद्योग को पेशेवर बनाने में एक बड़ी समस्या जो सामने आ रही है वो यह है कि इसकी खेती एड-हॉक आधार पर की जाती है.
एक कावा प्रशंसक, डैन मैकग्रेरी जोकि एक कैनेडियन है और स्थानीय समाचार पत्र चलाते हैं उन्होंने बताया, "पेंटेकोस्ट द्वीप, जहां बहुत अधिक सप्लाई होती है, वहां लोगों के पास खेती के लिए अधिक साधन नहीं हैं."
उनका कहना है कि पड़ोसी फिजी में हाल ही में एक चक्रवात के बाद वानुआतु में भी सप्लाई की मांग और कावा की कीमतें बढ़ गई हैं.
उनका कहना है, "कावा की लोकप्रियता ने यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव डाला है."
लेकिन मैकग्रेरी यह भी बताते हैं कि इससे बड़े उत्पादकों ने कीमत को नियंत्रित करने की कोशिश की है.
वानुआतु के एक सामुदायिक नेता ऐनु पकोआ भी इसके बारे में चिंता जताते हुए कहते हैं, "कहीं-कहीं स्थिति इतनी ख़राब हो गयी है कि कावा परिवारों को खत्म कर रहा है. महिलाएं भी इसे बहुत अधिक पी रही हैं और कुछ कावा बार वेश्यावृत्ति के केन्द्र बन गए हैं. इसका ज़्यादा सेवन सुस्ती और शुष्क त्वचा का कारण भी बनता है और जब लोग इसे बहुत अधिक पीते हैं तो वे अपने अंगों के उपयोग की क्षमता को खो सकते हैं.
पकोआ कहती हैं कि ऐसे भी उदाहरण हैं जहां परिवारों ने बच्चों को कावा पीने के लिए लावारिस छोड़ दिया है. पकोआ कहती हैं, "बढ़ते प्रयोग के चलते कावा अब समस्याओं का कारण बन रहा है. "
कावा पर आयात प्रतिबंधों को ढीला करने के ऑस्ट्रेलियाई सरकार के हालिया कदमों के साथ कई वानुआतु फार्म ने उत्पादन को बढ़ाना शुरू कर दिया है.
निकोल परालियु हमें उस फार्म को दिखाती है जिसका वह प्रबंधन खुद करती है. ज़मीन का एक ऐसा हिस्सा जो चारों ओर से घने जगलों से घिरा हुआ है. इस फार्म में मुख्य रूप से चंदन का उत्पादन किया जाता था लेकिन हाल ही में कावा की फसल ही उगाना शुरू कर दिया है. परालियु कहती हैं कि इस तरह के फार्म से स्थानीय आबादी के लिए आय प्रदान करने की क्षमता है.
वह कहती हैं "लोग विदेशों में काम की तलाश में जाने के बजाय इन्हीं द्वीपों पर रह सकते हैं."
जब उनसे पूछा गया है कि क्या उन्होंने कभी कावा पीने की कोशिश की है? तो उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया, "नहीं, एक बार भी नहीं".
कृषि मंत्रालय में डॉ विंसेंट की प्रयोगशाला में उन्होंने हमें औषधियां दिखाई और इस पौधे के कुछ प्रभावों पर हमसे बातचीत की. उनकी योजना में पिसी हुई जड़ को एक पाउडर के रूप में बेचना है जिसे पानी के साथ मिलाया जा सके और ड्रिंक को बनाया जा सके.
वे कहते हैं, "यह अनुचित है कि यह दुनिया के कुछ हिस्सों में अवैध बताया जाता है. वानुआतु अच्छे कावा का उत्पादन कर सकता है और यह हमारे लिए महत्वपूर्ण भी हो सकता है. बस इसे गलत समझा गया है."
जापान में कोका-कोला ने उतारी पहली बार एल्कोहल ड्रिंक
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● केन्द्रीय गृहमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति द्वारा असम, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और राजस्थान तथा संघशासित प्रदेश लक्षद्वीप के लिए 1,161.17 करोड़ रुपये की केंद्रीय मदद को मंजूरी
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय समिति की बैठक में असम (2017-18 के दौरान बाढ़ से प्रभावित) हिमाचल प्रदेश (2017-18 के दौरान बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित), सिक्किम (2017-18 के दौरान बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित) और राजस्थान (2017 के दौरान खरीफ मौसम में सूखे से प्रभावित) तथा संघशासित प्रदेश लक्षद्वीप (2017 के दौरान चक्रवाती तूफान ओखी से प्रभावित) के लिए 1,161.17 करोड़ रुपये की केंद्रीय मदद को मंजूरी दी गई।
केन्द्रीय मदद के तहत उच्चस्तरीय समिति ने असम के लिए 480.87 करोड़ रुपये की सहायता मंजूर की है। इसके अतिरिक्त समिति द्वारा राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष से हिमाचल प्रदेश के लिए 84.60 करोड़ रुपये, सिक्किम के लिए 67.40 करोड़ रुपये तथा संघशासित प्रदेश लक्षद्वीप के लिए 2.16 करोड़ रुपये तथा राजस्थान के लिए 526.14 करोड़ रुपये जारी करने को मंजूरी दी गई। कुल मिलाकर यह केंद्रीय मदद 1,161.17 करोड़ रुपये की है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गाबा, परिव्यय विभाग के केंद्रीय सचिव अजय नारायण झा तथा गृहमंत्रालय, वित्त मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और नीति आयोग के कई वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में मौजूद थे।
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राष्ट्रीय सेवा योजना मुख पृष्ठनौकरीपूर्व छात्रडीयू मेलसंपर्क करेंफेसबुक
छात्र >> छात्र कल्याण >> राष्ट्रीय सेवा योजना छात्र प्रवेशसूचनाएंप्रवेश परीक्षा परिणामQuestion Papers / Answer Keys of Entrance TestsCUT OFF - 2012सारणीविदेशी छात्रविवरणिकाप्रपत्रकट ऑफ सूचीसीटेंप्रवेश संबंधी पूछताछ UG Admissions - 2012पंजीकरण अभिस्वीकृति - आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए(2011)पंजीकरण अभिस्वीकृति - आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए(2011)वेब-चैट और ई-ओपन डेज़स्नातक प्रवेश - 2011स्नातक प्रवेश - 2011परीक्षाResults NotificationsSemester Examination Nov-Dec 2012 - PostgraduateSemester Examination Nov-Dec 2012 - UndergraduateSemester Examination May 2013 - UndergraduateSemester Examination May 2013 - PostgraduateRESULTS - May-June 2012एक्सामिनाशन नोटिस प्रपत्रRESULTS - May-June 2012SEMESTER RESULTSSEMESTER RESULTSSEMESTER RESULTS NOV / DEC 2012B.Tech/B.S. - Cluster Innovation CentreCENTRAL EVALUATION SCHEDULE for the Under-graduate Semester/ Annual ExaminationEXAMINATION NOTIFICATIONSपरीक्षा तालिकापाठ्यक्रमपरिणामआंतरिक मूल्यांकनफैकल्टी डाटाशीट (इंट्रानेट वर्जन)परीक्षा से संबंधित प्रश्नछात्र कल्याणछात्रावासदिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ राष्ट्रीय सेवा योजना छात्रवृतियां सांस्कृतिक समितिविदेशी छात्रकेन्द्रीय नियुक्तिसमान सुअवसर प्रकोष्ठपूर्व छात्रदिल्ली विश्वविद्यालय खेल परिषदकैम्पस आई : इवेंट्सExtra-curricular activitiesHostelsउपलब्धियां और सम्मानकेन्द्रीय नियुक्तिOutside Universities/Institutesविद्यार्थी प्रतिपुष्टि प्रपत्रवेब-चैट
राष्ट्रीय सेवा योजना विश्वविद्यालय का एक संगठन है। एन.एस.एस. स्वयं सेवक आपातकालीन स्थिति में सीधे अस्पतालजाकर रक्तदान करते हैं। आवश्यकता पड़ने पर रक्तदान लेने वाला सीधे रक्तदाता से रकत ले सकता है। अधिकतर एन.एस.एस. संगठन वृक्षारोपण, साक्षरता परियोजना, सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, वाद-विवाद/सामाजिक रूप से प्रासांगिक मुद्दों पर विचार-विमर्श (जैसे कि दहेज, एड्स निषेध, खतरनाक औषधि आदि) का आयोजन करते हैं।
एन.एस.एस. परिसर के सौंदर्यकरण और इस तरह की अन्य परियोजनाएँ बनाता है ताकि खाली समय के दौरान युवा अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल इन रचनात्मक कार्यों में कर सकें।
राष्ट्रीय सेवा योजना संघ काॅलेज के परिसर में रहने वाले चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के बच्चों के लिए और काॅलेज परिसर के निकटवर्ती स्लम तथा पुनर्वास बस्तियों के बच्चों के लिए प्रतिपूरक कोचिंग क्लासेस आयोजित करता है।
अध्यक्ष (प्रो. आर.एस. मान)दिल्ली विश्वविद्यालयदिल्ली-110 007दूरभाष: 27667474
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इको फ्रेंडली तकनीकों से बनाई गई है सुप्रीम कोर्ट की नई इमारत | know about eco friendly construction and structure of supreme court of india additional building | knowledge - News in Hindi - हिंदी न्यूज़, समाचार, लेटेस्ट-ब्रेकिंग न्यूज़ इन हिंदी
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हांगकांग के आंदोलन का जवाब क्यों नहीं ढूंढ़ पा रहा चीन?
क्या था तियानमेन नरसंहार कांड? जिसे दोहराए जाने की आशंका है
औरत के दस हाथ हैं- बच्चा भी करेगी, मंगलयान भी भेजेगी
राष्ट्रपति बुधवार को भारत के सुप्रीम कोर्ट की अतिरिक्त नई इमारत का उद्घाटन करेंगे. आपके लिए इस नई इमारत के बारे में जानना दिलचस्प होगा कि ये इमारत क्यों बनाई गई और पर्यावरण के लिहाज़ से निर्माण में किन खास तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है.
Updated: July 17, 2019, 11:08 AM IST
सुप्रीम कोर्ट की नई अतिरिक्त इमारत का उद्घाटन बुधवार को होगा.
भारत के सुप्रीम कोर्ट की एक और नई इमारत बनकर तैयार है, जिसका उद्घाटन बुधवार को किया जाना है. पुरानी इमारत से लगभग दोगुनी बड़ी इस नई इमारत में तकरीबन 2100 लोगों को समायोजित करने की क्षमता है और यह नई इमारत पुरानी सुप्रीम कोर्ट के साथ 3 अंडरग्राउंड पैसेज के साथ जुड़ी हुई है. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने इस नई इमारत का निर्माण खास ढंग से किया है और ये भी कहा जा रहा है कि विभाग ने अब तक की ये सबसे बड़ी इमारत बनवाई है. इस नई इमारत के बारे में क्या खास है, ये जानना दिलचस्प है.
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नई दिल्ली में प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन के नज़दीक बनाई गई इस नई इमारत के निर्माण के पीछे मुख्य वजह भारी ट्रैफिक रहा है. ट्रैफिक और पार्किंग की समस्याओं के चलते भगवानदास रोड स्थित सुप्रीम कोर्ट की पुरानी इमारत के पास अक्सर जाम और गहमागहमी की स्थिति बनती रही थी. अब नई इमारत में 1800 कारों की पार्किंग के लिए अंडरग्राउंड जगह है और तमाम सहूलियतों के साथ ही, इमारत को इको फ्रेंडली बनाने की तरफ भी ध्यान रखा गया है.
इको फ्रेंडली स्ट्रक्चर पर खास ध्यान
सुप्रीम कोर्ट के वकीलों, जजों और मुकदमे के संबंध में आने वाले लोगों को ज़्यादा सुविधाएं देने के लिहाज़ से बनाई गई इस नई इमारत की संरचना को पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर खास ध्यान दिया गया है. इस नई इमारत में बड़ी और ज़्यादा खिड़कियां बनाई गई हैं ताकि कुदरती रोशनी भरपूर आ सके. दूसरी ओर इमारत की छत पर एक बड़ा सोलर पैनल लगाया गया है और बिजली के लिए सेंसर तकनीक अपनाई गई है यानी ज़रूरत के मुताबिक बिजली अपने आप चालू या बंद होगी.
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भारतीय सुप्रीम कोर्ट. न्यूज़18 क्रिएटिव.
छत पर लगाए गए सोलर पावर ग्रिड की क्षमता 1400 किलोवाट की है, जो दिल्ली में एक इमारत में लगे किसी भी सोलर पैनल की तुलना में सबसे ज़्यादा है. इस व्यवस्था से 40 फीसदी आपूर्ति की संभावना है. सूत्रों के हवाले से आई खबरों में कहा गया है कि इस इमारत में सीवेज ट्रीटमेंट 100 फीसदी किया गया है और अपशिष्ट नगरपालिका की लाइन में नहीं जाएगा. साथ ही, बारिश के पानी के संरक्षण यानी रेनवॉटर हार्वेस्टिंग का भी इंतज़ाम है.
इस तरह मिट्टी बचाई गई
इस भवन के निर्माण में टूटे भवनों से निकली सामग्री का भरपूर इस्तेमाल किया गया है. ढहाए गए या गिरे भवनों के मलबे से करीब 20 लाख ब्लॉक इस भवन में इस्तेमाल किए गए हैं जबकि नई ईंटों का इस्तेमाल कम से कम हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक इस तरकीब से 35 हज़ार टन मिट्टी की बचत हुई है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी खबर में दावा किया है कि वैल्यू इंजीनियरिंग के चलते इस भवन के निर्माण की लागत में 60 करोड़ रुपयों की बचत हुई है.
ब्लॉक्स, ऑडिटोरिम और मीटिंग रूम
इस इमारत में पांच ब्लॉक फंक्शनल हैं और एक सर्विस ब्लॉक है, जिनकी ऊंचाई 4 से 9 मंज़िला तक है. 620 और 250 लोगों की बैठक क्षमता वाले दो ऑडिटोरिम इस नई इमारत में हैं और साथ ही, कॉन्फ्रेंस व मीटिंग के लिए अलग कमरों की व्यवस्था है. अधिकारियों के हवाले से खबरों में कहा गया है कि नई इमारत के ई ब्लॉक में कैंटीन, बैंक शाखा, डाकघर सहित रेलवे व फ्लाइट टिकट बुक कराने जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी.
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First published: July 17, 2019, 11:08 AM IST
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खुलासा: सिर्फ सचिन तेंदुलकर को आउट करने के लिए यह टीम करती थी बैठक | cricket - News in Hindi - हिंदी न्यूज़, समाचार, लेटेस्ट-ब्रेकिंग न्यूज़ इन हिंदी
खुलासा: सिर्फ सचिन तेंदुलकर को आउट करने के लिए यह टीम करती थी बैठक
नासिर हुसैन ने कहा कि सचिन तेंदुलकर की तकनीक शानदार थी.
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्हें तो यह भी याद नहीं कि सिर्फ सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को आउट करने पर चर्चा के लिए उन्होंने कितनी टीम मीटिंग की होगी.
Last Updated: July 4, 2020, 8:43 PM IST
नई दिल्ली. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन (nasser hussain) ने शनिवार को कहा कि सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और उनकी शानदार तकनीक के कारण उनकी टीम को सिर्फ इस महान भारतीय बल्लेबाज को आउट करने की रणनीति बनाने के लिए कई बैठक करनी पड़ती थीं. तेंदुलकर ने 2013 में संन्यास लेने से पहले दो दशक तक भारतीय क्रिकेट में दबदबा बनाया हुआ था, जिसमें उनके नाम कई बल्लेबाजी रिकॉर्ड रहे, जिसमें टेस्ट और वनडे में सर्वाधिक रन बनाने के अलावा सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय शतक भी शामिल हैं.
हुसैन ने याद करते हुए कहा कि जब मैं सर्वकालिक बल्लेबाजों के बात करता हूं तो सचिन तेंदुलकर की तकनीक शानदार थी. जब मैं इंग्लैंड का कप्तान था तो मुझे याद नहीं कि हम सिर्फ तेंदुलकर को आउट करने पर चर्चा के लिए कितनी टीम बैठक किया करते थे. वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के पॉडकास्ट ‘क्रिकेट इनसाइड आउट’ के ताजा एपिसोड पर इयान बिशप और एलमा स्मिट से बात कर रहे थे.
गेंद को बल्ले पर आने देते हैं सचिन तेंदुलकर
हुसैन ने कहा कि मेरे लिए पूरी दुनिया के सभी हिस्सों में रन बनाना तकनीक है और मैं उसे पसंद करता हूं जो सहज ढंग से खेलते हैं और गेंद को बल्ले पर आने देते हैं. उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से केन विलियमसन के पास मौजूदा दौर में बहुत अच्छी तकनीक है, वह गेंद को सहज ढंग से देरी से खेलते हैं.
उन्होंने कहा कि टी20 क्रिकेट के कारण खिलाड़ी वर्तमान में काफी आक्रामक खेलते हैं. विलियमसन सभी तीनों प्रारूपों में खेल सकते हैं और प्रत्येक के हिसाब से अपने खेल को बदल सकते हैं. बिशप ने भी कहा कि उन्होंने अपने करियर में जितने भी बल्लेबाजों को गेंदबाजी की, उसमें तेंदुलकर को गेंदबाजी करना सबसे कठिन था. उन्होंने कहा कि मैंने अपने करियर में जिन बल्लेबाजों को गेंदबाजी की थी, उनमें से सचिन तेंदुलकर एक थे जिन्हें गेंदबाजी करना सबसे मुश्किल होता था. वह हमेशा ‘स्ट्रेट लाइन’ में हिट किया करते थे.
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BBC Hindi - विज्ञान - मोटापा ले सकता है बच्चों की जान
ब्रिटिश हर्ट फॉउंडेशन में हृदय रोग की वरिष्ठ नर्स डोइरन मैडॉक बॉडी मास इंडेक्स के अनुसार जिन बच्चों का दो साल की उम्र में बॉडी मास इंडेक्स 20.5 है उन्हें काफी मोटा माना जाता है लेकिन अगर किसी 18 साल के लड़के का इंडेक्स 35 है तो उन्हें भी बहुत मोटा माना जाता है.
शोध में कहा गया है, सबसे बुरी खबर यह है कि 12 वर्ष से कम उम्र के मोटे बच्चों में हृदय रोग के लक्षण दिखाई दिए हैं.
ब्रिटिश हर्ट फॉउंडेशन में हृदय रोग की वरिष्ठ नर्स डोइरन मैडॉक का कहना है, हालांकि यह काफी छोटा अध्ययन है, फिर भी इस खबर से निराशा होती है.
डोइरन मैडोक का कहना है, .
हालांकि वो कहती है, यह एक ऐसी समस्या है जिसका समधान ढ़ूढ़ा जा सकता है और अवयस्क बच्चों में बढ़ रहे मोटापा को कम किया जा सकता है.
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Friday, 23 August 2019, 9:37 PM
By Sameera, 20 August, 2018, 6:20
इस सप्ताह आप अपने कामों को पूरे मनोयोग से करेंगे तो लाभ होगा। हालांकि शुरुआती दिनों में कार्य में कुछ विघ्न आ सकता है। समय कुछ तनावपूर्ण हो सकता है। जाने-अनजाने आपसे किसी का मन नहीं दुःखे इसका ख्याल रखें। नकारात्मक विचारों के कारण नुकसान होने का अंदेशा रहेगा। कहीं बाहर घूमने जाएं तो नदी या तालाब से दूर रहें। सप्ताह के मध्य में बेचैनी व उदासीनता का अनुभव कर सकते हैं। आपको कार्यों में विलंब का सामना करना पड़ सकता है। धार्मिक व आध्यात्मिक प्रवृत्तियां आपके मन को प्रेरित करती रहेंगी। 24 व 25 तारीक को नौकरी-धंधे में परिवर्तन करने की इच्छा होगी। निःसंतान दंपत्ति के लिए शुभ समय। शेयर बाजार से लाभ का समय है। विचारों में जड़ता नहीं आए इसका ख्याल रखें। इस दौरान लिए गए निर्णयों को खूब सोच-विचारकर लें, इससे फायदे में रहेंगे।
सप्ताह की शुरुआत मित्रों और परिवार के साथ मौज-मस्तीपूर्वक होगी। परिवार संग यात्रा के योग। पति-पत्नी के संबंधों में आत्मीयता बढ़ेंगी। अविवाहितों के लिए वैवाहिक रिश्ते को योग हैं। नौकरी में मुसीबतें रह सकती हैं। वित्तीय कमाई को लेकर मन में संतोष रहेगा। कमीशन या दलाली के काम से आर्थिक फायदा होगा। शुभ कार्यों हेतु मुसाफिरी का योग हैं। सप्ताह के मध्य में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं, दूसरों के कारण आपकी परेशानी बढ़ सकती है। संभलकर कार्य करें। शत्रु आप पर हावी हो ने का प्रयास करेंगे। काम की अधिकता के कारण थकान का अनुभव हो सकता है। मन में संदेह रहेगा। आपकी कोई निजी बात सार्वजनिक हो सकती है। सप्ताह के मध्य में धार्मिकता का भाव रहेगा। जीवनसाथी की प्रगति में कुछ बाधाओं के बाद सफलता आएगी। अगर आपके कार्य का संबंध विदेशों से है तो अवधि आपके लिए शुभ फल लेकर हाजिर हो सकती है।
खुशियोंभरी रहेगी सप्ताह की शुरुआत। शेयर बाजार से वित्तीय लाभ के योग। प्रेम संबंधों में सुधार आएगा। वात रोगों की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य ध्यान रखें। नौकरी में परेशानियों से स्मार्टली निपटें। सही निर्णय लेने में परेशानी हो सकती है। कड़ी मेहनत के अंत में आशानुरूप परिणाम मिलने की संभावना कम है। विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में लगेगा। किसी भी महत्वपूर्ण काम को लेकर उत्साहित होंगे। आप धार्मिक कार्यक्रमों में व्यस्त हो सकते हैं। आपका बैंकिंग कार्य निर्विघ्न पूरा हो जाएगा। भागदौड़ और परिश्रम अधिक रहेगा पर उतना लाभ नहीं मिल पाएगा। सप्ताह के मध्य में उत्तम संपत्ति की प्राप्ति होगी। मित्रों की मदद से कार्यों को पूरा करने में सहायता मिलेगी। कहीं से खुशखबरी मिलेगी। आप छोटी-मोटी समस्याओं से निपटने में सक्षम होंगे। स्वास्थ्य के लिए अच्छा समय है। चिंता कम हो जाएगी। बेरोजगार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। सप्ताहंत सुख-शांति से गुजरेगा। भावनात्मक रूप से आप मजबूत और सक्षम बनेंगे। नई योजना बनाएंगे। पेशेवर लाभ आपके पक्ष में पूरी तरह से होंगे। भागीदारों के साथ सावधान रहना महत्वपूर्ण है। परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलेगा।
इस सप्ताह सामाजिक मान-सम्मान बढ़ेंगा। सरकारी कामकाज में सफलता मिलेगी। अजनबियों से मुलाकात के दौरान सावधान रहें। आपके दामन पर दाग लगने का खतरा रहेगा। धनहानि की आशंका है। प्रेम प्रसंग में सफलता तो मिलेगी लेकिन साथ ही साथ
इसकी पोल खुल जाने का भी भय बना रहेगा। दफ्तर में सहकर्मचारियों का सहयोग मिलेगा। संतान की कोई बात आपको व्याकुल रखेगी। धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। सप्ताह के मध्य से आप कामकाज से जुड़े नए प्रयोग करेंगे। मौद्रिक लाभ मिलेंगे। नौकरी में आपको मनपसंद काम मिलने से चेहरे पर खुशी छा जाएगी। कहीं बाहर घूमने जाने का कार्यक्रम बन सकता है।
सप्ताह की शुरुआत व्यवसाय अथवा करियर के लिए अनुकूल रहेगी। नौकरीपेशा लोगों को विशेष अवसर मिलेगा। नया उद्यम शुरू करने के लिए आप प्रेरित होंगे। आपमें कुछ नया करने का जुनून रहेगा। आपके कार्य में मित्र अथवा भाई-बहन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। विवाह के इच्छुक जातकों की विवाह से संबंधित बात आगे बढ़ सकती है। आप रोमांस के विचार में खूब डूबे रहेंगे और किसी के समक्ष प्रेम का प्रस्ताव रख दें तो कोई आश्चर्य नहीं। खर्च करते समय चादर के अनुसार पैर फैलाने की नीति रखें। सप्ताह के मध्य में सरकारी कार्यों में तथा कानूनी कार्यों में विघ्न का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य, विशेषकर माईग्रेन, आंखों में जलन, पीठ में दर्द की शिकायत हो सकती है। सप्ताहंत में किसी विषय में भ्रम हो सकता है। विद्यार्थियों को पढ़ाई में अवश्य ही अधिक ध्यान देना पड़ेगा।
सप्ताह की शुरुआत में मानसिक सुख-शांति में वृद्धि होगी। शेयर बाजार में ध्यान से निवेश करें। वातावरण के बदलने से बीमारी सतर्क रहें। आपकी नई-नई चीजों को खाने की इच्छा होगी, पेट संबंधित बीमारियां जकड़ सकती हैं। इस समय आपकी विश्लेषण शक्ति के अच्छे रहने से आप किसी बड़े निवेश की योजना बनाएंगे। आपकी व्यवसायिक गतिविधि में अचानक से बदलाव आएंगे। कोई बड़ा आर्डर मिल जाने की संभावना रहेगी। आमदनी के साधनों में वृद्धि होगी। दिल के बदले दिमाग से काम लेंगे तो फायदे में रहेंगे। सकारात्मक विचारों का परिणाम शुभ मिलेगा। आप समाजसेवा और परोपरकार के कामों में व्यस्त रहेंगे। सप्ताह के अंत में किसी मुसीबत या संकट में फंस सकते हैं। किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा न करें। कानूनी मामलों में किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाहनुसार आगे बढ़ें। परिवार में वाद-विवाद न हो इसका ध्यान रखें।
आप तनाव के बिना काम करेंगे। आपमें उत्साह बढ़ा रहेगा। लंबे समय से जिसकी इच्छा मन में थी, उसे प्राप्त करेंगे। आपकी योजनाएं अब पूरी हो जाने से मन ही मन आनंद रहेगा। पारिवारिक सुख-शांति में वृद्धि होगी। भूतकाल में किए गए निवेश अथवा किसी को उधार दिया हुआ पैसा वापस आएगा, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा। उधारवसूली और लोन जैसे कार्य के लिए की गई यात्रा भी फलदायी रहेगी। आपको मेहनत की तुलना में फल अधिक प्राप्त होगा। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आप महत्वाकांक्षी रहेंगे इसलिए प्रफेशनल और आर्थिक प्रगति के लिए कोई न कोई योजना बनाएंगे। लंबे समय से चली आ रही चिंता से राहत प्राप्त होगी। आत्मविश्वास और मनोबल में वृद्धि होगी। आप अन्य किसी के मददगार रहेंगे। कहीं किसी सामाजिक प्रसंग में जाने का कार्यक्रम बनेगा। अचानक लाभ की आशा भी रख सकते हैं। कार्यों का उचित परिणाम प्राप्त होगा। राजकीय काम सरलता से पूरे होगा।
सप्ताह की शुरुआत कुछ सुस्त हो सकती है। आपको अनिद्रा और बैचेनी का सामना करना पड़ सकता है। असमंजस में आप गलत निर्णय लेंगे अथवा कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना हो तब वैचारिक उथल-पुथल के कारण दिक्कत हो सकती है। आप किसी धोखाधड़ी का शिकार न बनें, सतर्कता बरतें। कोर्ट केस के मामले में आपके लिए निर्णय संतोषकारक नहीं होगा। आंख के रोग के कारण ऑपरेशन की संभावना रहेगी। सरकारी कामकाज में परेशानी हो सकती है। आर्थिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। घर में शुभ कार्यों के ऊपर खर्च होगा। भाई-बहन के साथ संबंधों में दरार की आशंका है। सप्ताह के मध्य में आपमें आलस की वृद्धि हो सकती है। आप अकेलेपन में रहना अधिक पसंद करेंगे। प्रेम संबंध सामान्य रहेंगे। सप्ताह के अंत तक आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनेगी। कहीं से पुराना उधार दिया हुआ धन प्राप्त होगा। बेरोजगार होंगे तो नौकरी मिलने का योग हैं। युवा वर्ग अपनी पढ़ाई के लिए या फिर करियर के लिए कॉलेज तथा योग्य क्षेत्र तय कर सकता है।
यदि आप बिजनस से जुड़े हैं तो उसमें विस्तार अथवा नए प्रॉजेक्ट की योजना पहले दिन बन सकती है। बुजुर्गों और बड़े भाई-बहनों तथा मित्र के सहयोग से आपको लाभ होने के योग हैं। विद्यार्थियों की पढ़ाई में विघ्न आ सकता है। आपकी मानसिक चंचलता जरूरत से ज्यादा रहेगी अथवा कोई अंजान बेचैनी आपको पढ़ाई में एकाग्रचित्त नहीं होने देगी। खर्च की संभावना भी रहेगी। आपके बैंकिंग के कार्य निर्विघ्न पूरे होंगे। भाग-दौड़ तथा परिश्रम अधिक रहेगा परंतु आपमें ऊर्जा का संचार होता हुआ महसूस होगा और आपका उत्साह आपको कोई भी काम द्रुत गति से करने के लिए प्रेरित करेगा। सप्ताह के मध्य में आकस्मिक चोट, बिजली के करंट और विवाद से बचने की सलाह है। आपमें आक्रामकता अधिक दिखाई देगी। सप्ताह के अंतिम चरण में भावनात्मक ढंग से सुदृढ़ और सक्षम बनेंगे। व्यवसायिक निर्णय पूर्णतः आपके पक्ष में रहेगा। प्रफेशनल जीवन में परिवार के सदस्यों का सहयोग प्राप्त होगा। सामाजिक और सार्वजनिक क्षेत्र में आपकी ख्याति बढ़ेगी। भागीदारों के साथ संबंध सामंजस्यपूर्ण रहेंगे। आयात-निर्यात के कार्य से जुड़े व्यापारियों को धंधे में लाभ और सफलता प्राप्त होगी।
सप्ताह के आरंभ में आपकी रचनात्मक और कलात्मक शक्तियां खिल उठेंगी। कामकाज अथवा घूमने के लिए लंबी दूरी की यात्रा का कार्यक्रम बना सकेंगे। धन प्राप्ति का योग है। समाज में आपको मान-सम्मान मिलेगा। व्यापारियों का उधारी का धन वसूल होगा। भावुकता आपको कल्पना जगत में विहार कराएगी। अपनी साहित्य अथवा कला की समझ प्रदर्शित करने के लिए उचित समय है। संतान के ऊपर खर्च होगा। मित्र के साथ पार्टी अथवा पिकनिक पर जाने का अवसर भी प्राप्त होगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा तथा प्रणय संबंध उत्तम रहेंगे। आप किसी को परेशान नहीं करते परंतु लोग आपकी भलमनसाहत का गलत फायदा न उठाएं इसका ध्यान रखें। सहकर्मियों सहयोग मिलता रहेगा। प्रतिद्वंदी पर विजय प्राप्त कर सकेंगे। नवीन विचार और वाणी की मधुरता से किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर लाभ प्राप्त कर सकेंगे। अन्य लोगों के साथ आपके संबंध सामंजस्यपूर्ण रहेंगे। आप प्रवचन, मीटिंग, वक्तव्य अथवा चर्चा में सफलता प्राप्त कर सकेंगे। किसी भी काम में आप समर्पण के साथ आगे बढ़ सकेंगे। सप्ताह के अंत में शरीर में थकान और आलस का अनुभव होगा। स्वभाव में चिड़चिड़ापन आएगा। व्यवसाय में प्रतिद्वंदी अवरोध खड़े करेंगे।
जिन कार्यों के संपन्न होने में संदेह होगा वे कार्य सरलता से पूर्ण होंगे। सरकारी कार्य गति पकड़ेंगे। व्यवसाय में अनुकूल परिवर्तन करेंगे। आपकी कार्यशैली में बदलाव का उत्तम परिणाम आएगा। घर के सदस्यों का पूरा सहयोग प्राप्त होगा। आपके आसपास का वातावरण उत्तम बनाने के लिए पूरा प्रयत्न करेंगे। आपके मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आपके कार्यों की प्रशंसा होगी। आप आत्मविश्वास के साथ मुश्किल कार्य भी हाथ में लेंगे और उसे पूरा कर अपना सामर्थ रहेंगे। प्रत्येक काम मेहनत, लगन और वफादारी से पूर्ण करेंगे। अपनी महत्वाकांक्षा पूर्ण करने के लिए उचित समय है। भौतिक सुखसुविधा में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। सप्ताहंत भी उत्तम है। अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है। व्यवसाय में विस्तार की योजना पर अमल करेंगे। कहीं से अवरुद्ध धन प्राप्त होगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। अत्यधिक काम के कारण आप थोड़ी थकान का अनुभव करेंगे। परिवार में विवाद से बचें। मकान-वाहन के दस्तावेजों में सावधानी बरतें। सौदेबाजी अथवा बौद्धिक चर्चा में आप मौनव्रत धारण करके पूरा खेल मौन होकर देखेंगे तो फायदे में रहेंगे। सप्ताह के अंत में संतान और जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता सताएगी। महिला मित्र द्वारा खर्च अथवा नुकसान होने की संभावना है। इस समय नए कार्य की शुरुआत और प्रवास न करने की आपको विशेष सलाह है।
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दिवाली गिफ्ट: Latest News, Photos, Videos on दिवाली गिफ्ट | hindi.mynation.com
News9, Nov 2018, 11:17 AM
मोदी सरकार ने सेना को दिया कुछ ऐसा दिवाली गिफ्ट
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को के-9 वज्र और एम777 होवित्जर समेत नई तोपों और उनके उपकरणों को तोपखाने में शामिल करेंगी।
News2, Nov 2018, 9:13 PM
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The Elder Scrolls: Legends 1.65.0 के लिए Android - डाउनलोड
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Android के लिए The Elder Scrolls का आधिकारिक कार्ड गेम
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The Elder Scrolls: Legends एक दो खिलाड़ी कार्ड गेम है, जहां खिलाड़ी लोकप्रिय Bethesda फ्रैन्चाइज़ के प्रसिद्ध ब्रह्मांड में सेट, पूरे जोर से द्वंद्वयुद्ध में, एक-दूसरे के खिलाफ सामना करते हैं।
The Elder Scrolls: Legends में गेमप्ले: Hearthstone के बहुत समान है, यही वजह है कि जिस किसी ने भी प्रसिद्ध Blizzard खेल खेला है, उसे किसी भी परिचय की आवश्यकता नहीं होगी या यहां तक कि खेल के सुविस्तृत शैक्षणिक की। प्रत्येक खिलाड़ी 30 जीवन अंक, तीन कार्ड और एक माना पॉइन्ट के साथ खेल शुरू करता है। हर बार जब आप एक कार्ड चुराते हैं तो आपका माना पॉइन्ट एक से बढ़ता है, इस तरह, जैसे आप खेल में आगे बढ़ेंगे, आप अधिक से अधिक शक्तिशाली कार्ड का उपयोग करने में सक्षम होंगे।
The Elder Scrolls: Legends और Hearthstone के बीच विभिन्नता बहुत ही दिलचस्प विवरणों में है। पहला यह है कि, प्रत्येक चरित्र पांच रून के साथ खेल शुरू करता है, जो एक-एक करके टूट जाते हैं जब भी आप पांच जीवन अंक गंवाते हैं। प्रत्येक टूटा रून अपने मालिक को एक नया कार्ड प्रदान करता है। दूसरा बड़ा बदलाव यह है कि खेल बोर्ड दो हिस्सों में विभाजित है, और आमतौर पर एक तरफ से कार्ड दूसरे के उन पर हमला नहीं कर सकते।
Hearthstone जैसे प्रमुख शीर्षक का विरोध करना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन अगर कोई यह कर सकता है, तो यह The Elder Scrolls: Legends है।Bethesda के कुशल हाथ, प्रत्यक्ष रूप से कई बारीक विवरणों में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है, जो इसे एक बिल्कुल उत्कृष्ट शीर्षक बनाते हैं। Erika Okumura द्वारा
आवश्यकताएँAndroid 4.1 या उच्चतर की आवश्यकता है।
The Elder Scrolls: Legends के बारे में राय
The Elder Scrolls: Legends के बारे में प्रश्न
The Elder Scrolls: Legends के बारे में कोई सवाल नहीं हैं, आप अपना पूछें।
आवश्यकता है Android4.4 और ऊपर
सुरक्षा स्तर100% सुरक्षितसाइज़30.61MBअनुमति7
डाउनलोड10,498
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और देखें The Elder Scrolls: Legends के समान
1.1.35.274 A Trillion Games Ltd
1.43 Supercell
9.105.10 EA Swiss Sarl
1.16.10 The Pokemon Company
3.0.12 Ubisoft Entertainment
1.0.1 Max Games Studios
3.41 KLab Global Pte. Ltd.
2.5.0 Moonton
1.1.98.1761 और देखें लॉगिन या साइन अप करें
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Asia Cup: भारत बना सरताज
Shareमीरपुर | समाचार डेस्क: भारतीय ने पहली बार टी-20 फॉरमेट में खेले गए एशिया कप का ताज हासिल कर लिया है. भारत ने रिकार्ड छठी बार यह खिताब का खिताब अपने नाम किया है. धौनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने दूसरी बार यह टूर्नामेंट जीता है. मेजबान बांग्लादेश ने शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम में रविवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत के सामने 121 नों का लक्ष्य रखा, जिसे उसने मैन ऑफ द मैच शिखर धवन (60), विराट कोहली (नाबाद 41) और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (नाबाद 20) की शानदार पारियों की मदद से 13.5 ओवरों में 2 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया. भारत ने पांच रन के कुल योग पर रोहित शर्मा (1) का विकेट गंवाया था. इसके बाद कोहली और धवन ने दबाव के बीच शानदार अंदाज में खेलते हुए दूसरे विकेट के लिए 67 गेंदों पर 94 रन जोड़े. 99 के कुल योग पर आउट होने वाले धवन ने अपने टी-20 करियर की अब तक की सबसे बड़ी पारी खेलते हुए 44 गेंदों का सामना करते हुए 9 चौके और एक छक्का लगाया जबकि कोहली ने 28 गेंदों पर पांच चौके लगाए.
धवन का विकेट गिरने के बाद कप्तान ने खुद को प्रोमोट किया. धौनी जब विकेट पर आए थे, तब भारत को 14 गेंदों पर 21 रन चाहिए थे. धौनी ने ताबड़तोड़ अंदाज में खेलते हुए इन 21 रनों में से 20 रन अपने नाम किए.
अंतिम 12 गेंदों पर भारत को 19 रनों की जरूरत थी. धौनी ने बिग-हिटर की अपनी पुरानी छवि की झलक फिर से दिखाई और अल अमीन हुसैन ओवर में दो छक्कों और एक चौके की मदद से 19 रन बटोर लिए. यह धौनी का ही कमाल था कि भारत ने सात गेंदें शेष रहते मेजबान टीम के पहली बार यह खिताब जीतने के सपने को चकनाचूर कर दिया.
भारत ने धौनी की कप्तानी में 2010 के बाद दूसरी बार यह खिताब जीता है. इससे पहले भारत ने 1984, 1988, 1990 और 1995 में यह खिताब जीता था. इसके अलावा भारत 1997, 2004 और 2008 में उपविजेता रहा था.
भारत ने सबसे अधिक बार यह खिताब जीता है. इस क्रम में दूसरे स्थान पर है, जिसने पांच बार यह खिताब जीता है. दो बार पाकिस्तान भी चैम्पियन रहा है.
इससे पहले, भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते हुए बारिश के कारण 15 ओवरों तक सीमित किए गए मैच में मेजबान टीम को 15 ओवरों में पांच विकेट पर 120 रनों पर सीमित कर दिया.
दूसरी बार फाइनल में पहुंची बांग्लादेश टीम के लिए महमुदुल्लाह रियाज ने सबसे अधिक 33 रनों का योगदान दिया जबकि शब्बीर रहमान ने नाबाद 32 रन बनाए. इन दोनों ने 20 गेंदों पर 45 रन जोड़े. मेजबान टीम ने अंतिम पांच ओवरों में 52 रन बनाए.
मेजबान टीम की शुरुआत अच्छी रही. तमीम इकबाल (13) और सौम्य सरकार (14) ने आक्रामक अंदाज में शुरुआत की और 4 ओवरों में 27 रन जोड़े. दोनों ने आशीष नेहरा द्वारा फेंके गए पारी के चौथे ओवर में तीन चौके लगाी लेकिन अंतिम गेंद पर नेहरा ने सरकार को हार्दिक पंड्या के हाथों कैच करा दिया.
सौम्य ने 9 गेंदों पर तीन चौके लगाए. तमीम भी सौम्य के बराबर खतरनाक दिख रहे थे लेकिन जसप्रीत बुमराह ने 30 के कुल योग पर उन्हें पगबाधा आउट कर भारत को दूसरी सफलता दिलाई. तमीम ने 17 गेंदों पर दो चौके लगाए.
इसके बाद शाकिब अल हसन (21) ने खुलकर हाथ दिखाए और 16 गेंदों पर तीन चौके लगाए. शाकिब और शब्बीर तीसरे विकेट के लिए 34 रन जोड़े.
शाकिब का स्थान लेने आए मुशफिकुर रहीम (4) और कप्तान मशरफे मुर्तजा (0) को भारत ने अधिक देर नहीं टिकने दिया. मुशफिकुर को कोहली ने रन आउट किया जबकि मुर्तजा को रवींद्र जडेजा ने कोहली के हाथों कैच कराया.
इसके बाद बांग्लादेश के लिए कुछ अच्छा होना था और शायद इसी लिए महमुदुल्लाह विकेट पर आए. आते ही इस खिलाड़ी ने जोरदार शॉट्स लगाए. महमुदुल्लाह की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने भारत को बैकफुट पर ला दिया.
महमुदुल्लाह की वजह से ही बांग्लादेश 100 और फिर 120 रनों का मजबूत स्कोर हासिल कर सका. एक समय उसके 100 तक भी पहुंचने के आसार नहं दिख रहे थे. महमुदुल्लाह ने 13 गेदों पर दो चौके और दो छक्के लगाए जबकि इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए मैन ऑफ द टूर्नामेंट खिताब जीतने वाले शब्बीर ने 29 गेंदों पर दो चौके जड़े.
भारत की ओर से रविचंद्रन अश्विन और बुमराह ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए अपने तीन ओवर के कोटे में क्रमश: 14 और 13 रन दिए तथा एक-एक सफलता हासिल की. रवींद्र जडेजा और अशीष नेहरा को भी एक-एक विकेट मिला.
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साल के सबसे चर्चित शेयर, जिनमें लगा पैसा तो दिया छप्पर फाड़ रिटर्न - Year ender 2019 share market return sensex nifty bse nse tut - AajTak
साल के सबसे चर्चित शेयर, जिनमें लगा पैसा तो दिया छप्पर फाड़ रिटर्न
साल 2019 खत्म होने को है. इस साल शेयर बाजार में कई नए रिकॉर्ड बने. 2019 में पहली बार सेंसेक्स ने 40 हजार और निफ्टी ने 12 हजार के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर लिया.
शेयर बाजार में कई नए रिकॉर्ड बने
मुंबई, 19 दिसंबर 2019, अपडेटेड 12:10 IST
इस साल सेंसेक्स ने 41 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार किया
सेंसेक्स-निफ्टी ने किसी एक महीने में 17 साल की बड़ी गिरावट देखी
साल 2019 खत्म होने को है. इस साल शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला. पहली बार सेंसेक्स ने 41 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार किया तो वहीं निफ्टी 12 हजार 200 के पार तक पहुंच गया.
हालांकि इस साल सेंसेक्स और निफ्टी में 17 साल की सबसे बड़ी गिरावट भी देखी गई. इस उतार-चढ़ाव के माहौल में भी कुछ ऐसे शेयर रहे जिन्होंने उम्मीद से बढ़कर रिटर्न दिया. आज हम आपको साल के सबसे चर्चित शेयर के बारे में बता रहे हैं, जिनमें पैसा लागने वालों को छप्पर फाड़ रिटर्न मिला है.
इस साल मण्णापुरम फाइनेंस के शेयर ने 90 फीसदी से अधिक 93.6 फीसदी का रिटर्न दिया है. साल शुरू होने से पहले शेयर भाव 88 रुपये पर था जो दिसंबर में 175 रुपये के पार पहुंच गया. वर्तमान में कंपनी का मार्केट कैप 14,884.09 करोड़ रुपये है.
पीआई इंडस्ट्रीज
इस साल केमिकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी पीआई इंडस्ट्रीज के शेयर ने 83.3 फीसदी तक का रिटर्न दिया है. इसी महीने की 6 तारीख को पीआई इंडस्ट्रीज का शेयर 1529.95 रुपये के भाव पर पहुंच गया. यह 52 हफ्ते का हाई लेवल है. कंपनी के मार्केट कैप की बात करें तो 20,372.31 करोड़ रुपये है. बता दें कि साल शुरू होने से पहले पीआई इंडस्ट्रीज का शेयर भाव 815 रुपये के स्तर पर था.
इस साल प्रॉपर्टी डेवलपमेंट कंपनी प्रेस्टीज ग्रुप के शेयर ने करीब 75 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की है. मतलब ये कि निवेशकों को 75 फीसदी तक का मुनाफा हुआ है. इस साल शेयर भाव 230 रुपये से 360 रुपये के स्तर तक पहुंच गया है. वर्तमान में कंपनी का मार्केट कैप 13,106.25 करोड़ रुपये है.
नेचुरल गैस डिस्ट्रिब्यूटर गुजरात गैस के शेयर में इस साल करीब 70 फीसदी तक का रिटर्न मिला. साल शुरू होने से पहले शेयर भाव 135 रुपये के स्तर पर था जो अब 230 रुपये पर पहुंच गया है. गुजरात गैस का मार्केट कैप 15,574.83 करोड़ रुपये है.
बलरामपुर चीनी मिल्स कंपनी के शेयर ने 68 फीसदी तक का रिटर्न दिया है. इसका शेयर भाव साल शुरू होने से पहले 104 रुपये के स्तर पर था जो अब 173 रुपये के भाव तक पहुंच गया है. इसका मार्केट कैप 3,866.50 करोड़ रुपये है.
सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले लॉर्जकैप
नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी बजाज फाइनेंस में इस साल 55 फीसदी तक की तेजी रही. कंपनी का शेयर 2641 रुपये के भाव से बढ़कर 12 दिसंबर को 4050 रुपये से ज्यादा पर पहुंच गया. वहीं टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल इस साल लॉर्जकैप सेग्मेंट में दूसरी टॉप गेनर रही है. इस साल अबतक एयरटेल ने 53 फीसदी रिटर्न दिया है. इस साल शेयर का भाव 287 रुपये से बढ़कर 440 रुपये तक पहुंच गया है. जबकि ICICI बैंक ने इस साल अबतक 50 फीसदी रिटर्न दिया है. शेयर का भाव इस साल 360 रुपये से बढ़कर 535 रुपये के भाव से अधिक पहुंच गया.
2019 में ये फैक्टर रहे अहम
साल 2019 में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव की कई वजह रही. बाजार को अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर ने प्रभावित किया. ट्रेड वार की खबरों का असर ये हुआ कि दुनियाभर के निवेशकों ने इक्विटी से निवेश निकालकर सेफ माने जाने वाले एसेट क्लास गोल्ड में निवेश किया. लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कयास और बाद में स्थिर सरकार बनने के दौरान बाजार में उथल-पुथल जारी रहा. मई के अंत में मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में वापसी के बाद शेयर बाजार नई ऊंचाइयों पर पहुंचा. हालांकि आम बजट में सरकार द्वारा विदेशी निवेशकों के लिए गए सख्त फैसलों से भी निराशा का माहौल रहा. इस वजह से जुलाई में सेंसेक्स और निफ्टी ने 17 साल की बड़ी गिरावट देखी.
वहीं सुस्ती की वजह से ऑटो सेक्टर और सरकार के एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) की मांग की वजह से टेलिकॉम इंडस्ट्री के शेयरों में हलचल रही. सितंबर और अक्टूबर के दौरान सरकार की ओर से इकोनॉमी की सुस्ती दूर करने के लिए कई बार बूस्टर डोज दिया गया. इसमें मुख्यतौर पर कॉरपोरेट टैक्स कटौती शामिल है. इस ऐलान के बाद सेंसेक्स ने किसी एक दिन में 2000 अंक से अधिक तेजी दर्ज की.
सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले शेयर?
इस साल सबसे अधिक चर्चा- यस बैंक, जेट एयरवेज, इंडियाबुल्स हाउसिंग और बीपीसीएल के शेयर की रही. अलग-अलग वजहों से नुकसान झेल रहे यस बैंक का शेयर भाव 30 रुपये से भी नीचे आ गया. वहीं कर्ज से जूझ रहे जेट एयरवेज ने भी शेयर बाजार में अपना सबसे बुरा दौर देखा. फ्रॉड के आरोपों की वजह से इंडियाबुल्स हाउसिंग के शेयर धड़ाम हुए तो भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी बीपीसीएल के विलय का असर भी कंपनी के शेयर पर दिखा.
साल की दूसरी तिमाही में कैफे कॉफी डे के मालिक वीजी सिद्धार्थ के पहले लापता और फिर मौत की खबर की वजह से कॉफी एंटरप्राइजेज के शेयर में हलचल रही. इन्फोसिस के मैनेजमेंट पर खुलासों ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं और देश की दिग्गज आईटी कंपनी के शेयर में उतार-चढ़ाव दिखा. वहीं तेजी वाले शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज की सबसे अधिक चर्चा रही. एनुअल मीटिंग के अलावा अन्य वजहों से रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर ने 52 हफ्ते का हाई लेवल टच किया तो वहीं 10 लाख करोड़ का मार्केट कैप भी हासिल हुआ.
OPEC देशों की इमरजेंसी बैठक 6 अप्रैल को, कच्चे तेल पर होगी बात
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ब्लू फिल्म के जरिए भाजपा गुजरात जीतना चाहती है : राज ठाकरे - Hindi News
Home पॉलिटिक्स ब्लू फिल्म के जरिए भाजपा गुजरात जीतना चाहती है : राज ठाकरे
November 19, 2017 4:51 pm Published by:-Hindi News
(FILES) In this file picture taken on October 31, 2008Chief of India’s Maharashtra Navnirman Sena (MNS), Raj Thackeray
महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ब्लू फिल्म के जरिए जीतना चाहती है.
ठाणे में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा विकास का ब्लू प्रिंट लाती थी लेकिन, अब वह गुजरात का चुनाव ब्लू फिल्म दिखाकर जीतना चाहती है. भाजपा ने अब लोगों के निजी जीवन में ताकझांक शुरू कर दी है.
ठाकरे ने बुलेट ट्रेन के मुद्दें पर घेरते हुए कहा कि बुलेट ट्रेन सिर्फ गुजरत के लिए और एक लाख करोड़ का कर्ज सारे देश वासी भरें, यह कहां की इंसाफी है. उन्होंने कहा कि यदि सिर्फ गुजरातियों के लिए बुलेट ट्रेन चलानी है और विदर्भ को अलग करने से समृद्धि मार्ग बनाना है तो कतई मंजूर नहीं.
उन्होंने योग दिवस और स्वच्छ भारत अभियान का मजाक बनाते हुए कहा कि आज दश भर में बलात्कार, लूट, फरेब और जाति-धर्म के नाम पर क्या खाया जा रहा है. पहले मुल्ला और मौलवी फ़तवा निकालते थे, लेकिन अब जैन साधक और जैन मुनि निकाल रहे है. ऐसे इन सभी बुराइयों को दूर करने और अपराधों को लगाम लगाने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योगा कर इसके टिप्स बांटते रहे हैं.
ठाकरे ने कहा कि, भाजपा सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार कर रही है, भाजपा सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का मजाक उड़ाती है, लेकिन राहुल ने पीएम मोदी सहित तमाम भाजपा नेताओं की नाक में दम कर रखा है, जिसकी वजह से अब भाजपा को कुछ और सूझ नहीं रहा है
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इसराइली किशोर लापता, तनाव चरम पर - BBC News हिंदी
इसराइली किशोर लापता, तनाव चरम पर
योलांदे नेल बीबीसी न्यूज, वेस्ट बैंक
क़रीब एक हफ़्ते इसराइल के 16 साल के नफ़्ताली फ्रेकेल, 16 साल के गिलाड शएर और 19 साल के इयाल येफ्रैक अधिकृत पश्चिमी तट के व्यस्त इलाक़े सड़क संख्या-60 से लापता हैं.
ये किशोर हेब्रॉम और इसके आसपास की बस्ती के यहूदी मदरसे से अपने घरों को लौट रहे थे.
नफ़्ताली की आंटी इत्तायेल फ्रेंकेल ने बीबीसी को बताया, "वे तीन मासूम बच्चे हैं. वे तो बस स्कूल से घर लौट रहे थे. तब से उनका कोई अता-पता नहीं है. हमें उनकी चिंता हो रही है."
इसराइल ने लापता किशोरों की तलाश के लिए 'ब्रदर्स कीपर' नाम से एक व्यापक अभियान छेड़ रखा है.
इस सिलसिले में अब तक 300 से ज्यादा फ़लस्तीनियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. इसमें से अधिकांश का संबंध फ़लस्तीनी संगठन हमास से है.
इसराइल ने हमास पर किशोरों को अगवा करने का आरोप लगाया है. अभी तक किसी फ़लस्तीनी चरमपंथी समूह ने घटना की ज़िम्मेदारी नहीं ली है.
उबलता ग़ुस्सा
इसराइल ने सोशल मीडिया पर भी किशोरों की तलाश के लिए व्यापक अभियान चला रखा है. उन्होंने इसके लिए #ब्रिंगबैकअवरब्यॉज हैशटैग भी लॉन्च किया है.
इस घटना से अधिकांश इसराइली नागरिक बेहद सहमे हुए हैं. विशेषकर वे इसराइली, जो वेस्ट बैंक बस्तियों के नज़दीक रहते और काम करते हैं.
इन बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय क़ानून के तहत अवैध माना गया है. हालांकि इसराइलियों का इस पर मतभेद है.
छना रुए नाम के एक युवक ने, जो खराब यातायात व्यवस्था के कारण अक्सर हेब्रॉम और यरुशलेम के बीच की सड़क संख्या-60 पर लिफ़्ट लेकर अपने घर आते हैं, बताया, "यह किशोरों और उनके परिवार के साथ बहुत बुरा हुआ."
दूसरी युवती नोआ लारोन ने बताया, "उन्हें जितने भी लोग जानते हैं, सभी चिंतित हैं. हम अच्छी ख़बर पाने की आस में अपने आईफोन पर लगे हुए हैं."
किशोरों के तलाश अभियान में हज़ारों की संख्या में इसराइली टुकड़ियां लगी हैं. फ़लस्तीनी शहरों और गांवों में प्रवेश करने के बाद उनके साथ कई हिंसक झड़पें हो चुकी हैं.
इन झड़पों में दो युवा फ़लस्तीनियों के मारे जाने से फ़लस्तीनियों में ग़ुस्सा और असंतोष भड़क उठा है.
सामूहिक सज़ा
गुरुवार को इसराइली सैनिकों के दक्षिणी हेब्रॉम में गोलीबारी करने पर 15 साल का एक फ़लस्तीनी युवक मारा गया था.
इस हफ़्ते के शुरू में इसी तरह एक युवक रामाल्लाह के पास जलाजोअन शरणार्थी शिविर में मारा गया था.
इसराइली सेना ने दक्षिणी हेब्रॉम इलाके की नाकेबंदी कर रखी है. अधिकांश हेब्रॉमवासियों पर वेस्ट बैंक बस्ती के आसपास घूमने और सीमा पार जाने पर रोक लगा दी गई है.
यहां के स्थानीय निवासियों को लगता है, मानों उन्हें तीन इसराइली किशोरों के लापता होने की सामूहिक सज़ा दी जा रही है.
वेस्ट बैंक के निवासी इसा अमरो कहते हैं, "ढेर सारी चौकियां और बंद. बस यही हो रहा है. मैं कई हफ़्तों से काम पर नहीं गया."
उन्होंने बताया, "हमारे घर पर सैनिक कभी भी आ धमकते हैं. हमारा परिवार, बच्चे और पड़ोसी सभी पूरी तरह सहमे हुए हैं. यह इसराइलियों का एक तरह का बदला है, जो फ़लस्तीनी नागरिकों से लिया जा रहा है, जबकि हम इसके लिए कतई ज़िम्मेदार नहीं हैं."
समाधान की आस
कई अन्य फ़लस्तीनियों की तरह मुहतसब को मौजूदा संकट के राजनीतिक समाधान की आस है.
"आजकल कई फ़लस्तीनी नागरिक फ़लस्तीनी अधिकारियों (जो वेस्ट बैंक के एक हिस्से को नियंत्रित करते हैं) से नाराज़ हैं. उन्हें लगता है कि वे उनकी रक्षा नहीं कर रहे."
वे आगे कहती हैं, "हालांकि शायद ही उनके हाथ में कुछ है. हम सब अच्छी तरह जानते हैं कि इसराइल हम फ़लस्तीनियों को एकजुट नहीं देखना चाहता."
यह घटना ऐसे वक़्त में सामने आई है, जब दो मुख्य फ़लस्तीनी राजनीतिक गुटों, हमास और फतह, ने चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक नई एकीकृत सरकार की स्थापना की है..
इसके मुखिया राष्ट्रपति महमूद अब्बास, फ़तह के प्रमुख हैं.
इसराइल ने नई सरकार का पुरज़ोर विरोध किया और अप्रैल में फ़लस्तीनी राजनीतिक सुलह के बाद अब्बास के साथ हुई शांति वार्ता को रद्द कर दिया है.
राजनीतिक संकट
यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमरीका और दूसरे देशों की ही तरह इसराइल भी हमास को एक चरमपंथी समूह मानता है.
राष्ट्रपति अब्बास ने तीन इसराइली किशोरों के अगवा किए जाने की घटना के साथ-साथ इसराइली सेना की कार्रवाई की आलोचना की है. उनकी सैनिक तलाशी अभियान में इसराइल की मदद कर रहे हैं जिससे हमास अधिकारी नाराज़ हैं.
इसराइल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वेस्ट बैंक में उसके सैन्य अभियान के उद्देश्यों में हमास के कार्यकर्ता और उनका बुनियादी ढांचे पर हमला भी शामिल है.
हमास इससे पहले गज़ा पट्टी में पांच साल तक बंधक बनाए गए सैनिक गिलाद शालिट समेत कई इसराइलियों के अगवा होने के लिए जिम्मेदार रहा है.
मध्य इसराइल के मोदिन के पास नोफ़ अयालोन के परंपरागत इलाक़े में मौजूद फ्रेंकेल परिवार के पड़ोसी और मित्र प्राथनाएं कर रहे हैं. किशोरों के ग़ायब होने की घटना, जो उनके परिवार के लिए निजी संकट थी, अब राजनीतिक संकट में बदल चुकी है.
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इसराइल के पूर्व प्रधानमंत्री को छह साल की सज़ा
तस्वीरें बांटती है ये दीवार, लेकिन बोलती भी है
इसराइली हमले में तीन फ़लस्तीनियों की मौत
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congress upa allies support om birla candidature for lok sabha speaker, यूपीए बैठक: ओम बिड़ला के समर्थन पर सहमति, एक राष्ट्र, एक चुनाव पर फैसला नहीं - News18 Hindi India
यूपीए बैठक: ओम बिड़ला के समर्थन पर सहमति, 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर फैसला नहीं
सूत्रों के मुताबिक संसद भवन परिसर में कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी की अगुवाई में यूपीए नेताओं की बैठक में स्पीकर के अलावा फ्लोर मैनेजमेंट पर भी चर्चा हुई.
Updated: June 18, 2019, 10:23 PM IST
कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने मंगलवार को बैठक की. इस बैठक में फैसला किया गया कि लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में वह एनडीए उम्मीदवार ओम बिड़ला का समर्थन करेगा और उपाध्यक्ष के विषय पर फिलहाल सरकार के रुख की प्रतीक्षा करेगा. सूत्रों के मुताबिक संसद भवन परिसर में कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी की अगुवाई में यूपीए नेताओं की बैठक में स्पीकर के अलावा फ्लोर मैनेजमेंट पर भी चर्चा हुई.
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सदन में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी एवं मुख्य सचेतक के. सुरेश, द्रमुक के टीआर बालू एवं कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला और कई अन्य दलों के सदन के नेता शामिल हुए.
ओम बिड़ला पर बनी सहमति
इस बैठक के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता और बंगाल से सांसद चौधरी ने बताया कि स्पीकर को लेकर यूपीए एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन करेगा. गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव बुधवार को होने जा रहे हैं. इस पद के लिए एनडीए ने कोटा से भाजपा सांसद ओम बिड़ला को उम्मीदवार बनाया है.
उपाध्यक्ष के चुनाव पर सरकार के रुख का इंतजार
सूत्रों के मुताबिक यूपीए नेताओं की बैठक में फ्लोर मैनेजमेंट पर भी चर्चा हुई और यह तय हुआ कि सपा और बसपा जैसे समान विचारधारा वाले दलों को भी विभिन्न मुद्दों पर सदन में साथ लिया जाए. लोकसभा उपाध्यक्ष के चुनाव के विषय पर भी यूपीए की बैठक में चर्चा हुई और यह फैसला हुआ कि फिलहाल प्रतीक्षा की जाए कि इस पर सरकार क्या रुख अपनाती है.
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर फैसला कल
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक राष्ट्र, एक चुनाव के विषय पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में अपने रुख को लेकर यूपीए बुधवार सुबह फैसला करेगा. बैठक के बाद इस बारे में पूछे जाने पर सोनिया गांधी ने संवाददाताओं से कहा, आप को इस पर कल बताया जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और सहयोगी दल बुधवार सुबह संसद भवन में मुलाकात बैठक करेंगे जिसमें यह फैसला होगा कि प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक में उनका क्या रुख रहेगा. वहीं टीएमसी ने पहले ही इस बैठक में हिस्सा लेने से मना कर दिया है.
जय श्रीराम से लेकर अल्लाह-हू-अकबर तक, हंगामे के बीच संसद में ये रहा खास
हिंदी में शपथ लेने वाले केरल के कांग्रेसी सांसद को सोनिया गांधी ने झाड़ा!
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- सलमान ने नहीं जमा की स्कूल फीस, टीचर ने निकाल दिया था बाहर
सलमान ने नहीं जमा की स्कूल फीस, टीचर ने निकाल दिया था बाहर
सलमान के पिता सलीम खान स्कूल के बाहर से गुजर रहे थे. उन्होंने सलमान को बाहर खड़े हुए देख लिया था.
मुंबई: बॉलीवुड दबंग सलमान खान और अभिनेत्री कैटरीना कैफ इन दिनों अपनी फिल्म भारत के प्रमोश में व्यस्त हैं. सलमान स्टारर यह फिल्म 5 जून को ईद के मौके पर रिलीज हो रही है. वहीं अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए सलमान खान और कैटरीना कैफ मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा के शो द कपिल शर्मा में पहुंचे.
यहां सलमान खान ने अपने कई किस्सों का जिक्र किया, जिसमें एक किस्सा यह भी था कि सलमान को स्कूल में अक्सर सजा मिलती थी जबकि उनका कोई कसूर भी नहीं होता था. मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, कपिल के शो में सलमान ने बताया कि स्कूल में एक बार उनकी टीचर ने उन्हें क्लास से बाहर निकाल दिया था.
सलमान के पिता सलीम खान स्कूल के बाहर से गुजर रहे थे. उन्होंने सलमान को बाहर खड़े हुए देख लिया था. इसके बाद सलीम रुके और उन्होंने सलमान से पूछा कि वे बाहर क्यों खड़े हैं, जिसके बाद सलमान ने उनसे कहा कि उन्हें बाहर निकालना कारण उन्हें भी नहीं मालूम.
इसके बाद आगे इंक्वायरी की गई, तो पता चला कि सलमान की स्कूल फीस नहीं जमा की गई थी, जिसके कारण उन्हें टीचर ने बाहर निकाल दिया था. इसके बाद सलीम ने तुंरत ही स्कूल फीस जमा की और सलमान को स्कूल से बाहर निकाले जाने को लेकर टीचर ने उनसे माफी भी मांगी.
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Kaala song Bahut Bhaari Hai release Rajinikanth Santhosh Narayanan Dhanush | 'काला' का 'बहुत भारी है...' गाना रिलीज, रजनीकांत पर हो जाएंगे फिदा... - NDTV Movies
'काला' का 'बहुत भारी है...' गाना रिलीज, रजनीकांत पर हो जाएंगे फिदा...
धनुष रजनीकांत के दामाद भी हैं. धनुष ने ट्वीट किया है कि सुपरस्टार रजनीकांत के प्रशंसकों के लिए एक ‘सरप्राइज’ है. धनुष की वंडरबार फिल्म्स ने कई भाषा में ‘काला’ फिल्म का निर्माण किया है.
NDTV Movies | May 04, 2018 13:43 IST (नई दिल्ली)
सुपरस्टार रजनीकांत की आने वाली फिल्म ‘काला’ का पहला गाना रिलीज हो चुका है. इस फिल्म के प्रोड्यूसर धनुष ने यह जानकारी दी. धनुष रजनीकांत के दामाद भी हैं. धनुष ने ट्वीट किया है कि सुपरस्टार रजनीकांत के प्रशंसकों के लिए एक ‘सरप्राइज’ है. धनुष की वंडरबार फिल्म्स ने कई भाषा में ‘काला’ फिल्म का निर्माण किया है. इसमें नाना पाटेकर, हुमा कुरैशी, समुद्रकनी और ईश्वरी राव मुख्य भूमिका में हैं. यह फिल्म 7 जून को दुनिया भर में सिनेमा घरों में प्रदर्शित होने जा रही हैं. इस फिल्म का निर्देशन पी रंजीत ने किया है.
बहुत भारी है
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विटामिन सी की खुराक की तुलना में | happilyeverafter-weddings.com
विटामिन सी के औषधीय लाभों की विशाल श्रृंखला के साथ, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यह बाजार पर सबसे लोकप्रिय स्टैंड-अलोन सप्लीमेंट्स में से एक है। 2002 में अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में एक रिपोर्ट से पता चला कि विटामिन सी की खुराक संयुक्त राज्य अमेरिका में मल्टीविटामिन के बगल में सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली खुराक थी। विटामिन सी में शरीर में विभिन्न प्रकार के कार्य होते हैं, जिनमें प्रतिरक्षा बढ़ाने, त्वचा के स्वास्थ्य और एंटीऑक्सीडेंट कार्यों शामिल हैं।
वर्तमान में वहां विटामिन सी के कुछ रूप हैं, जो इसे चुनना मुश्किल बना सकते हैं। विटामिन का नियमित एस्कॉर्बिक एसिड रूप पर्याप्त है? या हमें अधिक पैसा खर्च करना चाहिए और अधिक "बेहतर" विटामिन सी की खुराक में निवेश करना चाहिए। यहां पर एक नज़र डालें कि आपके दैनिक विटामिन सी को कैसे प्राप्त किया जाए, इस बारे में अधिक सूचित निर्णय लेने में आपकी मदद करने के लिए क्या है।
एस्कोरबिक एसिड पूरक पदार्थों में विटामिन सी का सबसे आम रूप है और यह भी रूप है कि यह खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। प्राकृतिक और सिंथेटिक एस्कॉर्बिक एसिड में समान जैव उपलब्धता दिखाई देती है। एस्कोरबिक एसिड में उच्च अम्लता का स्तर होता है और पेट पर काफी कठोर हो सकता है, खासकर अगर उच्च खुराक में लिया जाता है।
खनिज Ascorbates और एस्टर सी
खनिज एस्कॉर्बेट्स एस्कॉर्बिक एसिड के बफर किए गए रूप होते हैं और इसलिए नियमित एस्कॉर्बिक एसिड की तुलना में पेट पर कम अम्लीय और gentler होते हैं।
जो लोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अप्सेट्स से ग्रस्त हैं उन्हें सलाह दी जाती है कि वे एस्कॉर्बिक एसिड पर बफर किए गए खनिज एस्कॉर्बेट्स का चयन करें।
हालांकि, अध्ययनों के मुताबिक, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि खनिज ascorbates पेट पर gentler हैं। खनिज ascorbates कैल्शियम एस्कॉर्बेट, सोडियम एस्कॉर्बेट, पोटेशियम एस्कॉर्बेट, मैग्नीशियम एस्कॉर्बेट और इतने पर कई रूपों में आते हैं।
एस्टर सी विटामिन सी पर एक विशेष रूप के लिए एक ब्रांड नाम है जिसमें ज्यादातर कैल्शियम एस्कॉर्बेट होता है लेकिन अन्य विटामिन सी मेटाबोलाइट्स (जैसे ऑक्सीकरण एस्कॉर्बिक एसिड और कैल्शियम थ्रोननेट) की थोड़ी मात्रा भी होती है। एस्टर सी के आसपास का दावा न केवल पेट पर gentler है बल्कि यह भी कि उत्पाद में threonate इसके अवशोषण और जैव उपलब्धता में वृद्धि में मदद करता है। हालांकि, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि एस्टर सी एस्कॉर्बिक एसिड से बेहतर अवशोषित है।
यह भी देखें: विटामिन सी और प्रतिरक्षा प्रणाली पर इसका प्रभाव
विटामिन सी प्लस बायोफालावोनॉयड्स
प्रकृति में, विटामिन सी अन्य पदार्थों के साथ मौजूद है, जिनमें से कुछ हम अभी तक के बारे में भी नहीं जानते हैं, इससे इसकी अवशोषण और जैव उपलब्धता में वृद्धि होती है। बायोफ्लावोनॉयड्स के साथ विटामिन सी के निर्माताओं ने विटामिन सी की प्रभावशीलता में वृद्धि के लिए फल और सब्जियों में पाए जाने वाले इन पॉलीफेनॉलिक संयंत्र रसायनों के साथ जो भी रूप में नियमित रूप से विटामिन सी जोड़ दिया है, लिनस पॉलिंग इंस्टीट्यूट की एक समीक्षा के मुताबिक, 1 अलग-अलग अध्ययनों पर एक नज़र डाली गई bioflavonoids के साथ नियमित एस्कॉर्बिक एसिड और एस्कॉर्बिक एसिड की तुलना करते समय विटामिन सी जैव उपलब्धता में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं। एसरोला नामक सबसे लोकप्रिय बायोफालावोनॉयड ने विटामिन सी के मूत्र विसर्जन को मापने वाले अध्ययनों के माध्यम से विटामिन सी अवशोषण को बढ़ाने में कुछ वादा दिखाया है। एसरोला सेवन में एस्कॉर्बिक एसिड विसर्जन में कमी आई है, और अधिक विटामिन सी प्रतिधारण का सुझाव दिया है।
बायोफालावोनॉयड्स में अतिरिक्त एंटीऑक्सीडेंट लाभ होते हैं और किसी भी घटना में उन्हें आपके विटामिन सी शासन में जोड़ने में कम से कम कोई नुकसान नहीं होता है।
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Covid-19 Pandemic: LG Anil Baijals special instructions to Chief Secretary - दिल्ली में कोरोना के बढ़ते केसों के मद्देनजर LG अनिल बैजल ने मुख्य सचिव को दिए ये निर्देश.. | India News in Hindi
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते केसों के मद्देनजर LG अनिल बैजल ने मुख्य सचिव को दिए ये निर्देश..
होमदेशदिल्ली में कोरोना के बढ़ते केसों के मद्देनजर LG अनिल बैजल ने मुख्य सचिव को दिए ये निर्देश..
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के केसों में तेजी से इजाफा हो रहा है. यहां अब तक 31309 लोग कोरोना से प्रभावित हुए है और एक्टिव केसों की संख्या 18543 है.
Reported by शरद शर्मा, Edited by आनंद नायक, Updated: 10 जून, 2020 6:36 PM
एलजी ने दिल्ली के सभी अस्पतालों में बोर्ड पर बेड की उपलब्धता की जानकारी देने को कहा है
Coronavirus cases in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते केसों के मद्देनजर उपराज्यपाल अनिल बैजल (LG Anil Baijal) ने मुख्य सचिव को निर्देश जारी किए हैं. इसमें यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि दिल्ली के सभी अस्पताल/क्लीनिक/ नर्सिंग होम मेन एंट्री पर LED बोर्ड पर (कोरोना और गैर कोरोना) बेड की उपलब्धता की जानकारी दें. इसके साथ ही बेड और रूम के रेट और इस संबध में संपर्क करने के लिए संबंधित विभाग/व्यक्ति का फोन नंबर भी बोर्ड पर साझा करने को कहा गया है.
स्वास्थ्य विभाग से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि अस्पताल/क्लीनिक/ नर्सिंग होम के बाहर दिए गए आंकड़े एप/पोर्टल पर अपडेट होते रहें. एलजी ने यह भी कहा है कि डीडीएमए द्वारा नियुक्त अधिकारी समय-समय पर अस्पतालों के औचक निरीक्षण करें और पता करें कि बोर्ड पर बेड की सही जानकारी दी जा रही है या नहीं जिससे जरूरतमंदों को समय पर बेड मिल सके या कोई दूसरी दिक्कत न हो.
गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के केसों में तेजी से इजाफा हो रहा है. यहां अब तक 31309 लोग कोरोना से प्रभावित हुए है और एक्टिव केसों की संख्या 18543 है.दिल्ली में 11,861 लोग इलाज के बाद ठीक हुए हैं जबकि 905 लोगों की अब तक यहां मौत हुई है. देश में कोरोना वायरस के केसों की संख्या दो लाख 76 हजार के पार पहुंच गई है.
Coronavirus cases in DelhiCovid-19 PandemicLG Anil Baijal
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| Dr. Neelam Mahendra - Sep 5 2018 4:38PM
क्या यह संभव है कि दुनिया की नजर में विश्व का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति भी कभी बेबस और लाचार हो सकता है? क्या हम कभी अपनी कल्पना में भी ऐसा सोच सकते हैं कि एक व्यक्ति जो विश्व के सबसे शक्तिशाली देश के सर्वोच्च पद पर आसीन है, उसके साथ उस देश का सम्पूर्ण सरकारी तंत्र है और विश्व की आधुनिकतम तकनीक से युक्त फौज है, उस व्यक्ति के खिलाफ भी कभी कुछ गलत प्रचारित किया जा सकता है? शायद नहीं? या फिर शायद हाँ?
आज जब अमेरिका के राष्ट्रपति गूगल फेसबुक और ट्विटर पर अपने अपने प्लैटफोर्म से जनता के सामने अपने खिलाफ लगातार और बार बार फेक न्यूज़ परोसने का इल्जाम लगाते हैं, आज जब "डोनाल्ड ट्रंप" जैसी शख़सियत कहती है कि गूगल पर "ट्रंप न्यूज़" सर्च करने पर उनके खिलाफ सिर्फ बुरी और नकारात्मक खबरें ही पढ़ने को मिलती हैं, आज जब इंटरनेट पर "इडियट" सर्च करने पर ट्रँप,चाय वाला,फेंकू, सर्च करने पर नरेन्द्र मोदी और पप्पू सर्च करने पर राहुल गाँधी जैसा चेहरा आता है तो क्या कहेंगे आप?
"फेक न्यूज़", आज से दो साल पहले तक शायद ही किसी ने इस शब्द का प्रयोग किया हो लेकिन आज यह सम्पूर्ण विश्व के समक्ष एक चुनौती बनकर खड़ा है। अगर इसकी शुरुआत की बात करें तो इस शब्द का प्रयोग सबसे पहले हिलेरी क्लिंटन ने 8 दिसंबर 2016 को चुनाव के दौरान अपने एक भाषण में किया था जब उन्होंने सोशल मीडिया में दुर्भावनापूर्ण रूप से झूठी खबरों के प्रचार प्रसार को फेक न्यूज़ और एक महामारी तक कहा था। इसके बाद जनवरी 2017 में ट्रंप ने सी एन एन की एक पत्रकार को फेक न्यूज़ कहकर संबोधित किया और उसके बाद से यह शब्द दुनिया भर के नेताओं और पत्रकारों से लेकर आम आदमी तक की जुबान पर ही नहीं आया बल्कि उनकी जिंदगी से भी खेलने लगा।खासतौर पर तब, जब इस देश के चालीस बेक़सूर लोग मोब ल्य्न्चिंग के शिकार हो जाते हैं।
कहा जा सकता है कि यह दौर सिटीजन जर्नलिस्म का है जहाँ हर व्यक्ति यह मानता है कि उसके पास जो सूचना है चाहे गलत हो या सही वह सबसे पहले उनके माध्यम से लोगों तक पहुँचनी चाहिए। लेकिन हर बार इसकी वजह "सबसे पहले" वाली सोच ही हो यह भी आवश्यक नहीं है कई बार जानबूझकर भी ऐसा किया जाता है। लेकिन अब जब इसके घातक परिणाम देश भुगत रहा हैं तो आवश्यक हो गया है कि सोशल मीडिया और इंटरनेट को नियंत्रित करने एवं इनका दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार कुछ नियम कानून बनाए। इसके लिए उन देशों से सीखा जा सकता है जो अपने देश में इस समस्या को कानून के दायरे में ले आए हैं।
फेक न्यूज़ पर लगाम लगाने के उद्देश्य से हाल ही में मलेशिया में एंटी फेक कानून 2018 लागू किया गया है जिसमें फेक न्यूज़ फैलाने का आरोप सिद्ध होने पर दोषी को छ साल तक के कारावास और अधिकतम एक लाख तीस हजार डॉलर तक के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा जर्मनी की संसद ने भी इंटरनेट कम्पनियों को उनके सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर अवैध,नस्लीय, निंदनीय सामग्री के लिए जिम्मेदार ठहराने वाला कानून पारित किया है। इसके तहत उन्हें एक निश्चित समयावधी में आपत्तिजनक सामग्री को हटाना होगा अन्यथा उन पर 50 मिलियन यूरो तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।यह कानून लोकतांत्रिक देशों में संभवतः अब तक का सबसे कठोर कानून है।
खास बात यह है कि वहाँ जब इंटरनेट कम्पनियों ने इस कानून को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा बताया तो जर्मनी के न्याय मंत्री ने यह कहा कि "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वहाँ समाप्त होती है जहाँ आपराधिक कानून शुरु होता है"। तो हमारे देश की सरकार भी इन देशों से सीख लेकर इंटरनेट कम्पनियों पर लगाम लगाकर फेक न्यूज़ जैसी समस्या से जीत सकती है।
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कांग्रेस-ममता एंड कंपनी ने वोट बैंक की खातिर सीएए के विरोध में देश में दंगे कराये : शाह
संजीवनी टुडे 16-01-2020 16:44:22
हाजीपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज आरोप लगाया कि कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर लोगों को गुमराह किया और देश में दंगे कराये जबकि यह कानून सताये जाने के कारण पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंग्लादेश से आए लोगों को नागरिकता देने का है, किसी की नागरिकता छीनने का नहीं।
यह खबर भी पढ़ें: दिलीप घोष दोबारा चुने गए पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष
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ipl2018: किंग्स इलेवन पंजाब और चेन्नई को दमदार मानता हूं: विराट कोहली
7 मई का मैच बड़ा रोमांचक था. आमने-सामने थी सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर बैंगलोर. हैदराबाद ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 146 रन बनाए. इतना कम स्कोर होने के बावजूद बैंगलोर हार गई. कोहली के पंटर 20 ओवर में 141 रन ही बना पाए. और इसी जीत के साथ हैदराबाद एक बार फिर पॉइंट्स टेबल के टॉप पर पहुंच गई और बैंगलोर लगभग प्लेऑफ की दौड़ से बाहर!
मैच के बाद बैंगलोर के कप्तान विराट कोहली ने बताया की इस बार का IPL कौन जीत सकता है. कोहली ने कहा,
हैदराबाद के पास कुछ अच्छे खिलाड़ी हैं जो प्रेशर में भी अच्छा खेल लेते हैं. इसी वजह से वो इस सीजन में अब तक जीत रहे हैं. वो अपनी ताकत और कमजोरियां जानते हैं. इसी वजह से वो सफल हो रहे हैं. बॉलिंग के पॉइंट ऑफ व्यू से हैदराबाद मजबूत टीम है.”
आगे कोहली ने कहा-
“ओवरऑल बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग देखें तो मैं किंग्स इलेवन पंजाब और चेन्नई को दमदार मानता हूं.”
बेटी ने पिता पर लगाया छेड़छाड़ का झूठा आरोप, कोर्ट ने...
ताज़ा खबर February 28, 2018
इंसान के अच्छे और बुरे होने की वजह है “Just a...
शख्सियत February 20, 2018
कविता- परदेसी की माँ
कविता March 16, 2018
मैं भी विराट कोहली के जैसा खेलने का प्रयास करता हूं:...
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17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन (17 -ओएच) टेस्ट क्या है, खर्च, कब, क्यों और कैसे होता है - 17-alpha Hydroxyprogesterone (17-OHP) Test kya hai, kimat, aur kaise hota hai in hindi
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन (17-ओएच) टेस्ट
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन (17-ओएच) टेस्ट - 17-alpha Hydroxyprogesterone (17-OHP) Test
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (17-ओएच) क्या है?
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट को 17-ओएच प्रोजेस्टेरोन भी कहा जाता है। यह किडनी के ऊपर मौजूद एक छोटी ग्रंथि एड्रिनल ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है। यह हार्मोन मुख्य रूप से स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल बनाने में एक प्रीकर्सर (पहले बनने वाला) के रूप में कार्य करता है। कोर्टिसोल मेटाबॉलिज्म को ठीक प्रकार से बनाए रखने में और प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित रखने में मदद करता है। हालांकि, कुछ लोगों में कुछ विशेष एंजाइम की कमी होती है जिसके कारण कोर्टिसोल का उत्पादन कम हो जाता है
और परिणामस्वरूप व्यक्ति में कोर्टिसोल की कमी हो जाती है। इस स्थिति में रक्त में 17-ओएच प्रोजेस्टेरोन का जमाव हो जाता है।
17-ओएच प्रोजेस्टेरोन के उच्च स्तर का सबसे सामान्य कारण कंजेनिटल एड्रिनल हाइपरप्लासिया (सीएएच) है। यह एक अनुवांशिक स्थिति है इसमें कोर्टिसोल की कमी हो जाती है और एण्ड्रोजन (पुरुष सेक्स हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है।
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट सीएएच की पहचान करने में मदद करता है।
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (17 -ओएच) क्यों किया जाता है - 17-alpha Hydroxyprogesterone (17-OHP) Test Kyu Kiya Jata Hai
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (17 -ओएच) से पहले - 17-alpha Hydroxyprogesterone (17-OHP) Test Se Pahle
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (17 -ओएच) के दौरान - 17-alpha Hydroxyprogesterone (17-OHP) Test Ke Dauran
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (17 -ओएच) के परिणाम का क्या मतलब है - 17-alpha Hydroxyprogesterone (17-OHP) Test Ke Parinam Ka Kya Matlab Hai
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (17-ओएच) क्यों किया जाता है?
यह टेस्ट नवजात शिशुओं में करना जरूरी होता है। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति में सीएएच के लक्षण दिखाई देते हैं तो भी ये टेस्ट किया जा सकता है। नवजात शिशुओं में सीएएच के मुख्य लक्षण निम्न हैं:
प्यूबिक हेयर होना
ऊर्जा की कमी होना
जवान लड़कियों या महिलाओं में इसके लक्षण निम्न हैं:
अत्यधिक बाल होना
जवान लड़कों और पुरुषों में इसके लक्षण निम्न हैं:
प्यूबर्टी जल्दी शुरू होना
अच्छी व स्वस्थ मांसपेशियां
पेनिस का बड़ा होना लेकिन टेस्टिकल का छोटा होना
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (17-ओएच) की तैयारी कैसे करें?
टेस्ट से आठ घंटे पहले तक कुछ भी खाने पीने से मना किया जा सकता है। डॉक्टर आपसे कुछ ऐसी दवाएं लेने से भी मना कर सकते हैं जो टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, यदि यह टेस्ट किसी नवजात शिशु पर किया जा रहा है तो ऐसा करना जरूरी नहीं है।
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन के स्तर दिन में हर समय अलग-अलग हो सकते हैं। इसीलिए डॉक्टर यह टेस्ट दिन में किसी निश्चित समय पर करेंगे।
यदि बच्चे का टेस्ट किया जा रहा है तो यह जरूरी है कि बच्चे ने टी-शर्ट पहनी हो ताकि टेस्ट आसानी से किया जा सके।
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (17 -ओएच) कैसे किया जाता है?
परीक्षण के लिए ब्लड सैंपल की थोड़ी सी मात्रा ली जाएगी। डॉक्टर बांह की नस में सुई लगाकर नस से पर्याप्त मात्रा में रक्त निकाल लेंगे। जिस जगह इंजेक्शन लगाया जाना है उस जगह को अल्कोहॉल युक्त दवा से साफ किया जाएगा। ऐसा हो सकता है कि सुई लगने से आपको बिलकुल भी दर्द न हो या चुभन जैसी संवेदना भी हो सकती है।
ब्लड टेस्ट से जुड़े कुछ सामान्य जोखिम निम्न हैं:
रक्त निकाली गई जगह पर अत्यधिक रक्त स्त्राव
उचित सावधानियां बरतने पर इनमें से अधिकतर खतरों को कम किया जा सकता है।
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (17 -ओएच) के परिणाम का क्या मतलब है?
बच्चों, नवजात शिशुओं और वयस्कों में सामान्य और असामान्य वैल्यू अलग होगी।
आमतौर पर निम्न वैल्यू को सामान्य माना जाता है:
बच्चे: 400-600 नैनोग्राम प्रति डेसीलिटर (ng/dL) से कम
प्यूबर्टी से पहले की अवस्था के बच्चे: 100 ng/dL
व्यस्क: 200 ng/dL से कम
17-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (17 -ओएच) के उच्च स्तर एड्रिनल ग्रंथि के ट्यूमर या सीएएच की तरफ संकेत कर सकते हैं। असामान्यता का सही कारण जानने के लिए आगे अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं।
Wu A. Tietz Clinical Guide to Laboratory Tests. 4thed.St Louis, MO:Saunders Elsevier. 2006.. Pp:588-591.
MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; 17-OH progesterone
Rey RA, Josso N. Diagnosis and Treatment of Disorders of Sexual Development. In: Jameson JL, De Groot LJ, de Kretser DM, et al., eds. Endocrinology: Adult and Pediatric. 7th ed. Philadelphia, PA: Elsevier Saunders. 2016.Chap 119.
Missouri Department of Health and Senior Services [internet]. U.S. Congenital Adrenal Hyperplasia (CAH)
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आमिर खान मिलेंगे अशोक गहलोत से - BBC News हिंदी
Image caption आमिर खान ने अपने टीवी कार्यक्रम के पहले एपिसोड में भारत में व्याप्त कन्या भूण हत्या पर चर्चा की है.
बॉलीवुड स्टार आमिर खान ने कन्या भ्रूण परीक्षण और उनकी हत्या के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया है. वे इस सिलसिले में बुधवार को जयपुर में मुख्य मंत्री अशोक गहलोत से मिलने वाले है.
आमिर खान चाहते हैं कि ऐसे मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट सुनवाई करे.
इस बीच राजस्थान ने अपने पड़ोसी गुजरात को सीमावर्ती बनासकांठा जिले में कथित तौर पर बड़े पैमाने पर भ्रूण परीक्षण करने के लिए लगाई गई सोनोग्राफी केन्द्रों पर कार्रवाई करने को कहा है.
गैर सरकारी संगठनों का कहना है कि हर रोज बड़ी तादाद में गर्भवती महिलाये इलाज के नाम पर राजस्थान से बनासकांठा जाती है. हालांकि गुजरात के बनासकांठा में अधिकारिओ ने इसे गलत बताया है.
आमिर खान ने अपने टीवी कार्यक्रम 'सत्य मेव जयते' में कन्या भ्रूण परीक्षण और फिर कोख में उनके कत्ल को बड़ी शिद्दत से उठाया है.
इसमें आमिर खान ने राजस्थान के दो पत्रकारों - श्रीपाल शक्तावत और मीना शर्मा के उन प्रयासो को जगह दी है जिसमे टीवी स्टिंग ऑपरेशान के जरिये भारत के चार राज्यों में सोनोग्राफी केन्द्रों पर भ्रूण परीक्षण होने का खुलासा किया गया था.
इन पत्रकारों ने वर्ष 2005 से 2006 में राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में एक सौ डॉक्टरो के क्लिनिकों पर स्टिंग ओपरेशंन किया था.
इनमे कोई 83 मामले राजस्थान के थे. आमिर अब इन मामलों में सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन चाहते है. इसी सिलसिले में वे श्री गहलोत से मिलने वाले है.
उधर राजस्थान सरकार कोख में कत्ल और भ्रूण परीक्षण को रोकने के लिए और हरकत में आई है.
'फल-फूल रहा है लिंग परिक्षण का बाजार'
हमें सूचना मिली है कि राज्य के सीमावर्ती जिलो से बड़ी तादाद में लोग बनासकांठा जिले में स्थापित इन केन्द्रों पर लिंग परीक्षण के लिए जाते है और ये पता कर लेते है गर्भस्थ शिशु बेटा है या बेटी, हमारे सीमावर्ती जिलो में इससे लिंग अनुपात गड़बड़ाने का खतरा पैदा हो गया है.
बीएन शर्मा, राज्य स्वास्थ्य सचिव
राजस्थान सरकार को सूचना मिली है कि राज्य की सीमा से सटे गुजरात के बनासकांठा जिले में लिंग परिक्षण का काम खूब फल फूल रहा है. इसमें न केवल सामाजिक संगठनों को बल्कि सरकार को भी चिंता में डाल दिया है.
राज्य के स्वाथ्य सचिव बीएन शर्मा ने गुजरात में अधिकारिओ को चिठ्ठी लिखकर बनासकांठा में सोनोग्राफी केन्द्रों पर कार्रवाई का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा, ''हमें सूचना मिली है कि राज्य के सीमावर्ती जिलो से बड़ी तादाद में लोग बनासकांठा जिले में स्थापित इन केन्द्रों पर लिंग परीक्षण के लिए जाते है और ये पता कर लेते है गर्भस्थ शिशु बेटा है या बेटी, हमारे सीमावर्ती जिलो में इससे लिंग अनुपात गड़बड़ाने का खतरा पैदा हो गया है."
राज्य के स्वाथ्य सचिव का कहना है कि ये दूसरी बार है जब गुजरात सरकार को इस बारे में लिखा गया है.
गुजरात की सीमा पर बसे सिरोही जिले के रेवदर कसबे में एक गैरसरकारी संगठन 'सारद' के मुख्य कार्यकारी बृजमोहन शर्मा के मुताबिक, हर रोज कोई पच्चीस हजार लोग इलाज के लिए राजस्थान के सिरोही, जालोर, पाली, बाड़मेर और जैसलमेर जिलो से बनासकांठा जिले में दाखिल होते है.
इन लोगों में से लगभग सात हजार औरते होती और इनमे भी करीब ढाई हजार गर्भवती महिलाये होती है.
बृजमोहन शर्मा न कहा, ''वहा लिंग परीक्षण किया जाता है. हमने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी हासिल की तो पता चला हालत बहुत गंभीर है."
बनासकांठा के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी अरुण आचार्य इससे सहमत नहीं है.
उन्होने कहा, "हम पूरी तरह सजग है. इन केन्द्रों की नियमित जांच के आलावा आकस्मिक जांच भी की जाती है. मुझे नहीं मालूम राजस्थान के अधिकारी ये मुद्दा क्यों उठा रहे है."
हम पूरी तरह सजग है. इन केन्द्रों की नियमित जांच के आलावा आकस्मिक जांच भी की जाती है. मुझे नहीं मालूम राजस्थान के अधिकारी ये मुद्दा क्यों उठा रहे है.
अरुण आचार्य, सीएमओ
आचार्य के मुताबिक जिले में कोई 141 सोनोग्राफी केंद्र कार्यरत है, मगर गैर सरकारी संस्थाओं का दावा है कि इससे ज्यादा गैर पंजीकृत सोनोग्राफी मशीने काम कर रही है.
राजस्थान ने कन्या भ्रूण परीक्षण में लिप्त लोगो का सुराग देने वालो के लिए इनामी 'मुखबिर' या भेदिया योजना शुरू की है.
इसके तहत किसी सोनोग्राफी केंद्र और डॉक्टर के लिंग परीक्षण में शामिल होने की सूचना देने वाले को एक लाख रूपये तक इनाम दिए जाने का ऐलान किया गया है.
राज्य में बालक-बालिकाओ के अनुपात में बड़ा फर्क आया है. महिला अधिकार कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव के मुताबिक राज्य में एक हजार बालको की तुलना में 884 बालिकाएं हैं.
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब आधुनिक विज्ञान नहीं था और लोकतान्त्रिक निजाम भी नहीं था, तब भी उसे कोख में मारा जाता था. मगर नया जमाना आया तो भी अजन्मी कन्या के लिए खतरे कम नहीं हुए.
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आपकी डार्क लिपस्टिक नहीं है जहर से कम | 60SecondsNow
आपकी डार्क लिपस्टिक नहीं है जहर से कम
लाइफस्टाइल - 24 days ago
क्या आप जानते हैं कि आपके होठों की खूबसूरती बढ़ाने वाली ये लिपस्टिक आपके लिए खतरनाक भी साबित हो सकती है। दरअसल लिपस्टिक में लेड होता है, जो एक न्यूरोटॉक्सिन होता है और इसकी वजह से लर्निंग और लैंग्वेज संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। लाल और गहरे रंग की लिपस्टिक्स में धातुओं की अधिकता होती है। लिपस्टिक हमारे होठों के जरिए सीधे अंदर जाकर हमें बीमार कर सकती है।
सलमान की ‘लवयात्री' की मुश्किलें अब भी जारी, संगठनों ने कहा- नहीं मंजूर नाम
सलमान खान की अपकमिंग फिल्म का नाम ‘लवरात्रि' से बदलकर ‘लवयात्री' किए जाने के एक दिन बाद, एक हिन्दू संगठन ने गुजरात हाई कोर्ट से आज कहा कि उसे नया नाम मंज़ूर नहीं है। शहर के संगठन ‘सनातन फाउंडेशन' ने एक जनहित याचिका दायर करके अनुरोध किया कि या तो इस फिल्म का शीर्षक और फिल्म की कुछ सामग्री बदली जाए या इसे हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आधार पर बैन कर दिया जाए।
INDvsPAK : पाकिस्तान 162 रनों पर ऑलआउट, 50 ओवर नहीं खेल पाई टीम
खेल - 7 min ago
एशिया कप के पांचवें मैच में बुधवार को पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। पाकिस्तान 43.1 ओवर में 162 रनों पर ही ढेर हो गई। पाकिस्तान की टीम 23वीं बार 50 ओवर पूरे नहीं खेल पाई। भारत की ओर से केदार जाधव ने 3 विकेट लिए। ग्रुप में टॉप करने के लिए भारत को 163 रनों की जरूरत है।
क्या शिव’राज’ में हुआ है एक और घोटाला?
भारत - 10 min ago
व्यामप और टेंडर घोटाले जैसे आरोपों को झेल रही प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के सामने एक और मुश्किल खड़ी होती दिख रही है। इस बार मामला चुनावों के लिए वोटिंग कंपार्टमेंट की खरीद में गड़बड़ी का है। आरटीआई में हुए खुलासे से पता चला है की मध्यप्रदेश के कुछ जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने लाखों रुपये के वोटिंग कंपार्टमेंट अलग-अलग रेट पर खरीदे हैं।
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